शिमला: हिमाचल प्रदेश में बंदरों की संख्या का पता लगाने के लिए वन विभाग इनकी गणना करने जा रहा है. प्रदेश में चार साल पहले बंदरों की गणना की गई थी. तब इनकी संख्या 3 लाख 16 हजार लाख थी. ऐसे में विभाग यह देखेगा कि इनकी संख्या में अब कितनी कमी आई है. वन विभाग की मानें तो नसबंदी के कारण बंदरों की संख्या में कमी दिख नजर आ रही है. हालांकि यह कमी कितनी हुई है, यह गणना के बाद ही पता चल पाएगा.
बंदर के काटने पर मुफ्त इलाज: एडिशनल पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अनिल ठाकुर ने कहा है कि विभाग द्वारा बंदरों की संख्या जानने को लेकर इस साल के अंत तक सर्वे करवाया जाएगा और 2024 मार्च तक इसको पूरा कर लिया जाएगा, उन्होंने कहा कि बंदरों के काटने पर सरकार ने निशुल्क इलाज का प्रावधान किया है, जबकि बंदर के काटने से मौत होने पर 4 लाख की मुआवजा राशि का प्रावधान है.
अक्टूबर में मनाया जाएगा वाइल्ड लाइफ वीक: अनिल ठाकुर ने बताया कि प्रदेशभर में 2 से 9 अक्टूबर तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा. वन्य प्राणी सप्ताह पर वन्यजीव विभाग द्वारा लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर को शिमला वॉटर कैचमेंट एरिया ढली में नेचर वाक और साइकिलिंग से की जाएगी. इसके बाद 3 अक्टूबर को मीडिया कार्यशाला, 4 अक्टूबर को विभिन्न वन्यजीवों से संबंधित अध्ययन पर सेमिनार, 5 अक्टूबर को स्कूली बच्चों के लिए क्विज, 6 अक्टूबर को वन्य प्राणी फोटोग्राफी कार्यशाला, 7 अक्तूबर को मिनी मैराथन और 9 अक्टूबर को वन्य प्राणी सप्ताह का समापन कार्यक्रम होगा, जिसमें मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करेंगे.
इन वन्यजीवों पर होगा अध्ययन: एडिशनल पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ अनिल ठाकुर ने बताया कि इस बार वन्य प्राणी सप्ताह के तहत 7 दिनों तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएगी. जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों में जागरूकता लाना है और इसमें स्कूली बच्चाों सहित आम लोगों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा. वन्य प्राणी सप्ताह के दौरान विभिन्न वन्यजीव अध्ययन पर सेमिनार होगा, जिसमें लाल हिरण और बफार्नी तेंदुए पर किए जा रहे अध्ययन को शामिल किया गया है. वन विभाग का वन्य प्राणी विंग बफार्नी तेंदुए की गणना कर चुका है. बफार्नी तेंदुए की अनुमानित संख्या 52 से 72 तक हो सकती है.
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