शिमला: हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में मरीजों को बुधवार से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. राज्य सरकार की ओर से अधिकृत क्रसना लैब पैथोलॉजी ने टेस्ट और एक्स-रे बंद करने का अल्टीमेटम दिया है. इसके लिए एनएचएम मिशन निदेशक को कंपनी के पदाधिकारी की ओर से लिखित में पत्र भी दिया गया है.
पत्र में साफ कहा गया है कि लंबे समय से उनका भुगतान नहीं हो रहा है. राज्य के दो जिलों लाहौल स्पीति व किन्नौर के लिए नवंबर तक का भुगतान हुआ है. इन दोनों ही जिलों में ये सेवाएं जारी रहेगी. इसके अलावा राज्य के किसी भी जिले में यह सेवाएं जारी नहीं रहेगी.
आईजीएमसी, रिपन अस्पताल से लेकर प्रदेश भर के सभी अस्पतालों में हजारों लोग रोजाना क्रसना लैब से टेस्ट और एक्स-रे करवाते हैं. पैथोलॉजी के साथ एक्स-रे भी बंद हो जाएंगे. इन दोनों ही सेवाओं को बंद करने का फैसला लिया है. इसकी लिखित तौर पर भी प्रति एनएचएम को दी है. इसमें आरोप है कि पिछले लंबे समय से इन्हें इसके पैसे नहीं मिले हैं. अधिकारियों को यह तक कह दिया गया हैं कि एक्स-रे का भुगतान न किया जाए.
इससे लैब प्रबंधन ने सीधे तौर पर सेवाएं बंद करने का फैसला ले लिया है. बुधवार से इस पर अमल किया जाएगा. इसे तब तक इसे लागू रखा जाएगा. जब तक इनका भुगतान नहीं किया जाता है. एनएचएम की मिशन निदेशक प्रियंका वर्मा ने कहा कंपनी के साथ कुछ मामले तो लंबित है, सेवाएं बंद करने की कंपनी ने जानकारी नहीं दी है. कंपनी के साथ बात कर मामले सुलझा लिए जाएंगे.
क्रसना लैब को 50 करोड़ की राशि देय हैं. जिसमें एक्स-रे के 5 करोड़ और पैथोलॉजी के 45 करोड़ से ज्यादा राशि लंबित हैं. कंपनी के पदाधिकारियों का दावा है कि लगातार पिछले 8 महीने से एनएचएम के अधिकारियों से पत्राचार किया जा रहा है. वे भुगतान की बजाय मामले को टाल रहे हैं. इस कारण अब लैब प्रबंधन के लिए भी बिना किसी पेमेंट के इसे चलाना संभव नहीं हैं. इसलिए सेवाओं को बुधवार से स्थगित करने का फैसला लिया है.
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