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उद्योग मंत्री का अफसरों को आदेश, 15 दिनों के अंदर अवैध खनन रोकने के लिए बताएं प्लान

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान (Himachal Industries Minister Harshvardhan chauhan) ने शनिवार को औद्योगिक परियोजनाओं, खनन और हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की गतिविधियों की समीक्षा की. इस दौरान उद्योग मंत्री ने राजस्व बढ़ाने और अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर स्पष्ट रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिए.

Himachal Industries Minister Harshvardhan chauhan
Himachal Industries Minister Harshvardhan chauhan
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Published : Jan 14, 2023, 6:08 PM IST

शिमला: हिमाचल में अवैध खनन चिंता का विषय है. इससे जहां पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, वहीं इससे सरकारी राजस्व को भी चुना लग रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अब इसको लेकर एक्शन में है. सरकार हिमाचल में अवैध खनन को रोकने के लिए कदम उठाने जा रही है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान (Himachal Industries Minister Harshvardhan chauhan) ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अवैध खनन (Illegal Mining in Himachal) को रोकने के लिए एक प्लान तैयार करें.

उद्योग मंत्री ने औद्योगिक परियोजनाओं, खनन और हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (Himachal State Industrial Development Corporation) की गतिविधियों की समीक्षा की. उद्योग मंत्री ने राजस्व बढ़ाने और अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 15 दिनों के भीतर स्पष्ट रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व चोरी एवं अवैध खनन गतिविधियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए.

उद्योगों के लिए लैंड ट्रांसफर के मामले जल्द निपटाने के निर्देश: हर्षवर्धन चौहान ने उद्योग विभाग को राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए विशाल भू-बैंक की तत्काल आवश्यकता है, इसलिए भूमि हस्तांतरण के मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए उचित प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद बदलते वैश्विक परिदृश्य में विनिर्माण का एक बहुत बड़ा भाग चीन से विश्व के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित हो रहा है.

इसलिए निवेश को आकर्षित करने के दृष्टिगत विभाग को उदार और निवेशक हितैषी नीतियों के साथ-साथ संभावित निवेशकों के साथ सकारात्मक संवाद स्थापित करना चाहिए. उद्योग मंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी स्वीकृतियों एवं अनापत्तियों के लिए सिंगल रूफ प्लेटफॉर्म बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी विभागों के सभी नियमों और विनियमों का अध्ययन करने के बाद प्राथमिकता के आधार पर इन्वेस्ट ब्यूरो डॉक्यूमेंट तैयार करने के भी निर्देश दिए.

ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहित करने की संभावना तलाशी जाए: उद्योग मंत्री ने कहा कि नीति समर्थन, जागरूकता और विस्तृत कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य में ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहित करने की संभावना भी तलाशी जानी चाहिए. राज्य में स्टार्ट-अप कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के अधिक से अधिक तकनीकी संस्थानों को जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों से नियमित संवाद पर विशेष बल दिया जाए और युवाओं के लिए ऐंजल इन्वेस्टर फंड जुटाने का प्रयास किया जाए.

इससे पूर्व, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें विभाग की संगठनात्मक संरचना, औद्योगीकरण का मूल जनादेश, वर्तमान में जारी खनन गतिविधियां, समग्र औद्योगिक परिदृश्य, भू-बैंक, सभी लंबित परियोजनाएं जिन पर ग्लोबल इन्वेस्टर मीट 2019 के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे और प्रमुख कार्यक्रम जैसे मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, एमएसएमई क्लस्टर परियोजनाएं, प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज व राज्य खाद्य मिशन कार्यक्रम शामिल थे. इस दौरान आगामी औद्योगिक इन्फ्रा परियोजनाओं, मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग फार्मा पार्क पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया.

ये भी पढ़ें: स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद पहली दफा सोलन पहुंचे शांडिल, 98 किलो लड्डुओं से तोल कर कार्यकर्ताओं ने किया स्वागत

शिमला: हिमाचल में अवैध खनन चिंता का विषय है. इससे जहां पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, वहीं इससे सरकारी राजस्व को भी चुना लग रहा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार अब इसको लेकर एक्शन में है. सरकार हिमाचल में अवैध खनन को रोकने के लिए कदम उठाने जा रही है. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान (Himachal Industries Minister Harshvardhan chauhan) ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अवैध खनन (Illegal Mining in Himachal) को रोकने के लिए एक प्लान तैयार करें.

उद्योग मंत्री ने औद्योगिक परियोजनाओं, खनन और हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम (Himachal State Industrial Development Corporation) की गतिविधियों की समीक्षा की. उद्योग मंत्री ने राजस्व बढ़ाने और अवैध खनन गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 15 दिनों के भीतर स्पष्ट रूप रेखा तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व चोरी एवं अवैध खनन गतिविधियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए.

उद्योगों के लिए लैंड ट्रांसफर के मामले जल्द निपटाने के निर्देश: हर्षवर्धन चौहान ने उद्योग विभाग को राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने के लिए विशाल भू-बैंक की तत्काल आवश्यकता है, इसलिए भूमि हस्तांतरण के मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए उचित प्रयास किए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद बदलते वैश्विक परिदृश्य में विनिर्माण का एक बहुत बड़ा भाग चीन से विश्व के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित हो रहा है.

इसलिए निवेश को आकर्षित करने के दृष्टिगत विभाग को उदार और निवेशक हितैषी नीतियों के साथ-साथ संभावित निवेशकों के साथ सकारात्मक संवाद स्थापित करना चाहिए. उद्योग मंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को प्रभावी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने सभी स्वीकृतियों एवं अनापत्तियों के लिए सिंगल रूफ प्लेटफॉर्म बनाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी विभागों के सभी नियमों और विनियमों का अध्ययन करने के बाद प्राथमिकता के आधार पर इन्वेस्ट ब्यूरो डॉक्यूमेंट तैयार करने के भी निर्देश दिए.

ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहित करने की संभावना तलाशी जाए: उद्योग मंत्री ने कहा कि नीति समर्थन, जागरूकता और विस्तृत कार्यक्रमों के माध्यम से राज्य में ग्रामीण उद्यमों को प्रोत्साहित करने की संभावना भी तलाशी जानी चाहिए. राज्य में स्टार्ट-अप कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य के अधिक से अधिक तकनीकी संस्थानों को जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों से नियमित संवाद पर विशेष बल दिया जाए और युवाओं के लिए ऐंजल इन्वेस्टर फंड जुटाने का प्रयास किया जाए.

इससे पूर्व, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति ने एक विस्तृत प्रस्तुति दी, जिसमें विभाग की संगठनात्मक संरचना, औद्योगीकरण का मूल जनादेश, वर्तमान में जारी खनन गतिविधियां, समग्र औद्योगिक परिदृश्य, भू-बैंक, सभी लंबित परियोजनाएं जिन पर ग्लोबल इन्वेस्टर मीट 2019 के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे और प्रमुख कार्यक्रम जैसे मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, एमएसएमई क्लस्टर परियोजनाएं, प्रधानमंत्री फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज व राज्य खाद्य मिशन कार्यक्रम शामिल थे. इस दौरान आगामी औद्योगिक इन्फ्रा परियोजनाओं, मेडिकल डिवाइस पार्क और बल्क ड्रग फार्मा पार्क पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया गया.

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