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Atal Tunnel Rohtang: हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हटाए कूड़े के ढेर, अब मुख्‍य सचिव से जवाब तलब

हिमाचल हाई कोर्ट में अटल टनल के आसपास कचरे के ढेरों पर कड़ा संज्ञान लिया है. अदालत ने कूड़े के ढेरों को न हटाए जाने को लेकर मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है.

Atal Tunnel Rohtang
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Published : Apr 10, 2023, 8:15 PM IST

शिमला: अटल टनल के आसपास लगे कचरे के ढेरों को न हटाये जाने पर हिमाचल हाई कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है. अदालत ने मुख्य सचिव से गंदगी रोकने के लिए बनाए गए प्रावधानों की जानकारी भी तलब की है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना और न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की आगामी सुनवाई आगामी 15 मई के लिए निर्धारित की है.

मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत से ताजा शपथपत्र दायर करने का आग्रह किया है. अदालत ने गंदगी को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने वाले नियम व पिछले एक वर्ष में वसूल किए गए जुर्माने की रकम की जानकारी भी तलब की थी. हाई कोर्ट ने अटल टनल के आसपास गंदगी को रोकने के लिए बनाए गए अथवा बनाए जाने वाले प्रावधानों की जानकारी भी मांगी थी. इनमें चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों व महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे उपाय शामिल हैं.

बता दें कि अटल टनल एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में उभरा है और बड़ी तादाद में पर्यटक लाहौल की खूबसूरत वादियों में घूमने आते हैं. पर्यटकों द्वारा अटल टनल के आसपास कचरा फैलाया जा रहा है. यहां न तो पर्याप्त कूड़ेदान है और न ही पुरुषों और महिलाओं के लिए पर्याप्त शौचालय हैं. यह टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला के उत्तरी क्षेत्र में रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई गई है. 3200 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस टनल का लोकार्पण 3 अक्तूबर, 2020 को किया गया था. रक्षा मंत्रालय के तहत बीआरओ ने इसका कार्य पूरा किया था.

शिमला: अटल टनल के आसपास लगे कचरे के ढेरों को न हटाये जाने पर हिमाचल हाई कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है. अदालत ने मुख्य सचिव से गंदगी रोकने के लिए बनाए गए प्रावधानों की जानकारी भी तलब की है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना और न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने मामले की आगामी सुनवाई आगामी 15 मई के लिए निर्धारित की है.

मामले की सुनवाई के दौरान सरकार ने अदालत से ताजा शपथपत्र दायर करने का आग्रह किया है. अदालत ने गंदगी को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए थे. कोर्ट ने गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना लगाने वाले नियम व पिछले एक वर्ष में वसूल किए गए जुर्माने की रकम की जानकारी भी तलब की थी. हाई कोर्ट ने अटल टनल के आसपास गंदगी को रोकने के लिए बनाए गए अथवा बनाए जाने वाले प्रावधानों की जानकारी भी मांगी थी. इनमें चेतावनी बोर्ड, डस्टबिन, पुरुषों व महिलाओं के लिए शौचालय और क्षेत्र को साफ सुथरा बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे उपाय शामिल हैं.

बता दें कि अटल टनल एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में उभरा है और बड़ी तादाद में पर्यटक लाहौल की खूबसूरत वादियों में घूमने आते हैं. पर्यटकों द्वारा अटल टनल के आसपास कचरा फैलाया जा रहा है. यहां न तो पर्याप्त कूड़ेदान है और न ही पुरुषों और महिलाओं के लिए पर्याप्त शौचालय हैं. यह टनल हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला के उत्तरी क्षेत्र में रोहतांग दर्रे के नीचे बनाई गई है. 3200 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस टनल का लोकार्पण 3 अक्तूबर, 2020 को किया गया था. रक्षा मंत्रालय के तहत बीआरओ ने इसका कार्य पूरा किया था.

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