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अश्लील वीडियो बनाकर फेसबुक पर किया अपलोड, हाईकोर्ट ने खारिज की आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका - Himachal High Court rejected accused Bail

Himachal High Court: फेसबुक पर महिला का अश्लील वीडियो बनाकर अपलोड करने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट ने आरोपी को अग्रित जमानत देने से इनकार कर दिया. मामले को कोर्ट ने गंभीर मानते हुए आरोपी की अग्रित जमानत याचिका खारिज कर दी. पढ़िए पूरी खबर...

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 7, 2023, 9:11 PM IST

शिमला: महिला का अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि आरोपी याचिकाकर्ता अग्रिम जमानत पाने का हक नहीं रखता है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने अश्लील वीडियो अपलोड करने के आरोपों को गंभीर बताया.

अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने कहा कि पीड़िता ने जो आरोप लगाए हैं उनकी प्रकृति और आरोपी द्वारा महिला की निजता को भंग करने के तरीके को ध्यान में रखते हुए वह अग्रिम जमानत पाने का हक नहीं रखता है. मामले के अनुसार अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने वाले प्रार्थी के खिलाफ जिला शिमला के चौपाल उपमंडल के पुलिस स्टेशन कुपवी में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354-बी, 341, 323, 506 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

पीड़िता के मुताबिक प्रार्थी ने उसकी जबरन अश्लील वीडियो बनाई और फेसबुक पर अपलोड कर दी. प्रार्थी का कहना था कि पीड़िता के पति और बेटे ने उसके साथ मारपीट की थी. इससे पहले कि वह पुलिस में मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करवा पाता, उससे पहले ही पीड़िता ने उसके खिलाफ झूठी कहानी बनाकर शिकायत दर्ज करवा दी. अदालत में सरकार ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच में आरोपी की संलिप्तता पाई गई है और अश्लील वीडियो भी जब्त कर लिए गए हैं.

अपराध में इस्तेमाल पेन ड्राइव और मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए गए हैं. इस पर हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े अभी तक के रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि पीड़िता ने अश्लील वीडियो अपलोड करने के जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं. इससे महिला की निजता भंग हुई है और उसे मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्रार्थी को अग्रिम जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

ये भी पढ़ें: स्कूलों के 4546 कमरों की मरम्मत के लिए कुल ढाई करोड़ का बजट, नाराज हाईकोर्ट ने तलब किए वित्त व शिक्षा सचिव

शिमला: महिला का अश्लील वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करने वाले आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. अदालत ने कहा कि आरोपी याचिकाकर्ता अग्रिम जमानत पाने का हक नहीं रखता है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने अश्लील वीडियो अपलोड करने के आरोपों को गंभीर बताया.

अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए न्यायमूर्ति राकेश कैंथला ने कहा कि पीड़िता ने जो आरोप लगाए हैं उनकी प्रकृति और आरोपी द्वारा महिला की निजता को भंग करने के तरीके को ध्यान में रखते हुए वह अग्रिम जमानत पाने का हक नहीं रखता है. मामले के अनुसार अग्रिम जमानत याचिका दाखिल करने वाले प्रार्थी के खिलाफ जिला शिमला के चौपाल उपमंडल के पुलिस स्टेशन कुपवी में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354-बी, 341, 323, 506 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.

पीड़िता के मुताबिक प्रार्थी ने उसकी जबरन अश्लील वीडियो बनाई और फेसबुक पर अपलोड कर दी. प्रार्थी का कहना था कि पीड़िता के पति और बेटे ने उसके साथ मारपीट की थी. इससे पहले कि वह पुलिस में मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करवा पाता, उससे पहले ही पीड़िता ने उसके खिलाफ झूठी कहानी बनाकर शिकायत दर्ज करवा दी. अदालत में सरकार ने अग्रिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जांच में आरोपी की संलिप्तता पाई गई है और अश्लील वीडियो भी जब्त कर लिए गए हैं.

अपराध में इस्तेमाल पेन ड्राइव और मोबाइल फोन भी कब्जे में लिए गए हैं. इस पर हाईकोर्ट ने मामले से जुड़े अभी तक के रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि पीड़िता ने अश्लील वीडियो अपलोड करने के जो आरोप लगाए हैं, वो बेहद गंभीर हैं. इससे महिला की निजता भंग हुई है और उसे मानसिक पीड़ा झेलनी पड़ी है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए प्रार्थी को अग्रिम जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता.

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