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शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन रोका जाए, आदेश की अनुपालना न करने पर हाईकोर्ट की सख्ती

हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं.आदेश की अनुपालना न करने पर अदालत ने ये सख्ती दिखाई है. (Himachal High Court ordered to stop the salary)

शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन रोका जाए
शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन रोका जाए
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Published : Dec 14, 2022, 8:34 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना न करने पर अदालत ने ये सख्ती दिखाई है. हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए हैं. इसी मामले में पूर्व में 9 दिसंबर को न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने जगरूप चंद्र व अन्यों की तरफ से दाखिल अनुपालना याचिका की सुनवाई पर प्रार्थियों के वित्तीय लाभ 48 घंटे के भीतर अदा करने के लिए निर्देश दिए थे. (Himachal High Court ordered to stop the salary)

वित्तीय लाभ जारी नहीं किया: उस दौरान अदालत ने कहा था कि ऐसा न करने पर संबंधित अफसरों की सैलेरी ऑटोमेटिकली कुर्क हो जाएगी. इस केस में सुनवाई आज यानी 13 दिसंबर को तय थी, लेकिन निर्धारित समय में भी वित्तीय लाभ जारी करने में शिक्षा विभाग नाकाम रहा. इस पर न्यायमूर्ति सबीना की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सैलरी रोकने के आदेश जारी किए.

सार चंद मेमोरियल डिग्री कॉलेज को टेक ओवर किया: अनुपालना याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार जगरूप चंद्र व अन्य कांगड़ा के महाराजा संसार चंद मेमोरियल डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता के तौर पर सेवारत थे. बाद में 18 अक्टूबर 2006 को कॉलेज को राज्य सरकार ने टेक ओवर कर लिया था. सरकार द्वारा कॉलेज को टेक ओवर करने के बाद प्रार्थियों का वेतन काफी कम निर्धारित किया गया. इस पर प्रार्थियों ने एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में शिकायत की. ट्रिब्यूनल ने ऐसे मामले में हाईकोर्ट की तरफ से प्रेमलता थापर केस में दिए गए फैसले के अनुरूप प्रार्थियों को निर्धारित उच्च वेतनमान देने के लिए कहा राज्य सरकार उक्त मामले में अपील के लंबित होने के कारण प्रार्थियों को तय लाभ देने में असफल रही. (Sansar Chand Memorial Degree College )

30 जून को आया था फैसला: अपील पर इसी साल 30 जून को फैसला आया, लेकिन सरकार की अपील खारिज होने के बाद भी प्रार्थियों को उनका लाभ नहीं मिला. इस पर हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की अनुपालना न होने का मामला पाया और 9 दिसंबर को कहा कि यदि 13 दिसंबर तक प्रार्थियों को लाभ न दिया गया तो अफसरों का वेतन रोकने से संबंधित आदेश जारी किए जाएंगे.

12 जनवरी को सुनवाई: 13 दिसंबर को तय समय पर शिक्षा विभाग लाभ नहीं दे पाया. अब हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कोर्ट के आदेश के बिना शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन जारी करने पर रोक लगा दी है. मामले की आगामी सुनवाई अब 12 जनवरी को होगी. (Hearing in Himachal High Court on 12 January 2023)

ये भी पढ़ें : MLA विक्रमादित्य सिंह पर पत्नी ने लगाया प्रताड़ना का आरोप, ACJM कोर्ट उदयपुर ने जारी किया गैर जमानती वारंट

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं. हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना न करने पर अदालत ने ये सख्ती दिखाई है. हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने ये आदेश जारी किए हैं. इसी मामले में पूर्व में 9 दिसंबर को न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने जगरूप चंद्र व अन्यों की तरफ से दाखिल अनुपालना याचिका की सुनवाई पर प्रार्थियों के वित्तीय लाभ 48 घंटे के भीतर अदा करने के लिए निर्देश दिए थे. (Himachal High Court ordered to stop the salary)

वित्तीय लाभ जारी नहीं किया: उस दौरान अदालत ने कहा था कि ऐसा न करने पर संबंधित अफसरों की सैलेरी ऑटोमेटिकली कुर्क हो जाएगी. इस केस में सुनवाई आज यानी 13 दिसंबर को तय थी, लेकिन निर्धारित समय में भी वित्तीय लाभ जारी करने में शिक्षा विभाग नाकाम रहा. इस पर न्यायमूर्ति सबीना की अगुवाई वाली खंडपीठ ने सैलरी रोकने के आदेश जारी किए.

सार चंद मेमोरियल डिग्री कॉलेज को टेक ओवर किया: अनुपालना याचिका में दिए गए तथ्यों के अनुसार जगरूप चंद्र व अन्य कांगड़ा के महाराजा संसार चंद मेमोरियल डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता के तौर पर सेवारत थे. बाद में 18 अक्टूबर 2006 को कॉलेज को राज्य सरकार ने टेक ओवर कर लिया था. सरकार द्वारा कॉलेज को टेक ओवर करने के बाद प्रार्थियों का वेतन काफी कम निर्धारित किया गया. इस पर प्रार्थियों ने एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल में शिकायत की. ट्रिब्यूनल ने ऐसे मामले में हाईकोर्ट की तरफ से प्रेमलता थापर केस में दिए गए फैसले के अनुरूप प्रार्थियों को निर्धारित उच्च वेतनमान देने के लिए कहा राज्य सरकार उक्त मामले में अपील के लंबित होने के कारण प्रार्थियों को तय लाभ देने में असफल रही. (Sansar Chand Memorial Degree College )

30 जून को आया था फैसला: अपील पर इसी साल 30 जून को फैसला आया, लेकिन सरकार की अपील खारिज होने के बाद भी प्रार्थियों को उनका लाभ नहीं मिला. इस पर हाईकोर्ट ने अदालती आदेश की अनुपालना न होने का मामला पाया और 9 दिसंबर को कहा कि यदि 13 दिसंबर तक प्रार्थियों को लाभ न दिया गया तो अफसरों का वेतन रोकने से संबंधित आदेश जारी किए जाएंगे.

12 जनवरी को सुनवाई: 13 दिसंबर को तय समय पर शिक्षा विभाग लाभ नहीं दे पाया. अब हाईकोर्ट की न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना की अगुवाई वाली खंडपीठ ने कोर्ट के आदेश के बिना शिक्षा सचिव व निदेशक का वेतन जारी करने पर रोक लगा दी है. मामले की आगामी सुनवाई अब 12 जनवरी को होगी. (Hearing in Himachal High Court on 12 January 2023)

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