शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने टूटीकंडी पार्किंग से टूरिस्ट बसों को हटाने के आदेश के अमल पर फिलहाल रोक लगा दी है. न्यायाधीश सुशील कुकरेजा ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ता को नियमों का पालन करना होगा. मामले की सुनवाई अदालत की शीतकालीन छुट्टियों के बाद होगी.
इस मामले में अदालत को बताया गया कि हिमाचल पथ परिवहन निगम की ओर से 27 दिसंबर 2022 को इस संबंध में शिकायत की गई थी. शिकायत में आरोप लगाया गया था कि आरोपी निजी वोल्वो बसों को पार्किंग में खड़ी करने की अनुमति दे रहा है. इस पार्किंग से ये बसें अवैध तरीके से चलाई जा रही हैं. साथ ही इन बसों में यात्रा करने के लिए बुकिंग कार्यालय भी खोला गया है. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि न तो वह निजी वोल्वो बसों को खड़ी करने की अनुमति दे रहा है और न ही इन्हें अवैध तरीके ले चलाने में उसका कोई हस्तक्षेप है. अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद टूटीकंडी पार्किंग से पर्यटन बसों को हटाने के आदेशों पर रोक लगा दी.
याचिकाकर्ता जीवन सिंह वर्मा को नगर निगम शिमला ने पार्किंग से निजी बसों को तुरंत प्रभाव से हटाने के आदेश दिए थे. निगम ने स्पष्ट किया था कि याचिकाकर्ता अगर ऐसा नहीं करता है तो उस स्थिति में याचिकाकर्ता और निगम के बीच हुए करार को रद्द कर दिया जाएगा. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण यह आदेश पारित किए गए है. दलील दी गई कि 19 जनवरी 2021 को याचिकाकर्ता ने नगर निगम शिमला के साथ पार्किंग को चलाने के लिए करार किया और 1.8 करोड़ रुपये की राशि जमा करवाई. करार के मुताबिक याचिकाकर्ता को दस साल के लिए पार्किंग का संचालन दिया गया.
याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि निगम ने टूटिकंडी पार्किंग कॉम्लेक्स में 14 कमरों का होटल चलाने की अनुमति भी दी है. दलील दी गई कि पर्यटक इन बसों के जरिये होटल तक आते हैं और अपनी बस पार्किंग में ही खड़ी करते हैं. पर्यटक बसें अवैध तरीके से चल रही है या वैध, इस बारे याचिकाकर्ता का कोई हस्तक्षेप नहीं है. इनका संचालन रोकना प्रशासन का कार्य है. आरोप लगाया गया कि इस तरह के आदेशों से निगम याचिकाकर्ता के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है.
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