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Himachal High Court: हाईकोर्ट का आदेश, एक हफ्ते में पेश किया जाए मानव भारती यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री मामले का चालान - Himachal High Court on fake degree case

हिमाचल हाईकोर्ट ने मानव भारती यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री मामले में सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट ने एक हफ्ते में मानव भारती यूनिवर्सिटी फर्जी डिग्री मामले का चालान पेश करने के आदेश दिए. (Himachal High Court) (Manav Bharti University fake degree case).

Himachal High Court
हाईकोर्ट का आदेश
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Published : Aug 19, 2023, 10:27 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मानव भारती यूनिवर्सिटी से जुड़े फर्जी डिग्री मामले में दाखिल किए गए चालान को अदालत के समक्ष पेश करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने इसके लिए राज्य सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चालान पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने का आग्रह किया था.

मामले की सुनवाई हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ कर रही है. खंडपीठ ने एक सप्ताह में चालान पेश करने के साथ-साथ अब तक की जांच में सही पाई गई डिग्रियों की सूची भी तलब की है. अगली सुनवाई 28 अगस्त को रखी गई है. उस दिन राज्य सरकार को चालान पेश करने के साथ-साथ सही पाई गई डिग्रियों की सूची भी अदालत के समक्ष पेश करनी होगी.

उल्लेखनीय है कि सोलन स्थित मानव भारती यूनिवर्सिटी के करीब ढाई सौ छात्रों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उन्हें वास्तविक डिग्रियां दिलाई जाएं. छात्रों का कहना था कि डिग्रियां न मिलने के कारण वे हायर एजुकेशन के लिए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियां बांटने का मामला सामने आया था. उसके बाद फर्जी डिग्री केस की जांच चल रही है, इस कारण छात्रों को उनके कोर्स पूरा होने पर मिलने वाली डिग्रियां जारी नहीं की जा सकी हैं. इसी कारण 250 के करीब छात्रों ने हाईकोर्ट के समक्ष उनकी डिग्रियां दिलाने की गुहार लगाई थी.

हाईकोर्ट की तरफ से जारी निर्देश के बाद हिमाचल प्रदेश राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने मानव भारती यूनिवर्सिटी द्वारा जारी फर्जी डिग्रियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच और उनका सत्यापन करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. छात्रों का कहना था कि डिग्रियों का सत्यापन न होने से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है. इस मामले में विशेष जांच टीम पहले से ही फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोप की पड़ताल कर रही है. जांच कमेटी गठित होने के बाद से सैंकड़ों छात्रों ने अपने प्रमाणपत्रों को जांचने के लिए आवेदन किए हैं.

मानव भारती यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल किए गए जवाब में भी यह आग्रह किया गया है कि पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वह इस मामले से संबंधित जांच को जल्द से जल्द पूरा करे. फिलहाल अब मामले पर सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की गई है.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: भूमि अधिग्रहण मुआवजे से जुड़े मामलों के निपटारे पर हाईकोर्ट की सलाह, रिटायर डिस्ट्रिक्ट व एडिशनल जजों को दी जाए मिडिएशन की शक्तियां

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मानव भारती यूनिवर्सिटी से जुड़े फर्जी डिग्री मामले में दाखिल किए गए चालान को अदालत के समक्ष पेश करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने इसके लिए राज्य सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चालान पेश करने के लिए अतिरिक्त समय दिए जाने का आग्रह किया था.

मामले की सुनवाई हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एमएस रामचंद्र राव व न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल की खंडपीठ कर रही है. खंडपीठ ने एक सप्ताह में चालान पेश करने के साथ-साथ अब तक की जांच में सही पाई गई डिग्रियों की सूची भी तलब की है. अगली सुनवाई 28 अगस्त को रखी गई है. उस दिन राज्य सरकार को चालान पेश करने के साथ-साथ सही पाई गई डिग्रियों की सूची भी अदालत के समक्ष पेश करनी होगी.

उल्लेखनीय है कि सोलन स्थित मानव भारती यूनिवर्सिटी के करीब ढाई सौ छात्रों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उन्हें वास्तविक डिग्रियां दिलाई जाएं. छात्रों का कहना था कि डिग्रियां न मिलने के कारण वे हायर एजुकेशन के लिए आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. मानव भारती यूनिवर्सिटी में फर्जी डिग्रियां बांटने का मामला सामने आया था. उसके बाद फर्जी डिग्री केस की जांच चल रही है, इस कारण छात्रों को उनके कोर्स पूरा होने पर मिलने वाली डिग्रियां जारी नहीं की जा सकी हैं. इसी कारण 250 के करीब छात्रों ने हाईकोर्ट के समक्ष उनकी डिग्रियां दिलाने की गुहार लगाई थी.

हाईकोर्ट की तरफ से जारी निर्देश के बाद हिमाचल प्रदेश राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने मानव भारती यूनिवर्सिटी द्वारा जारी फर्जी डिग्रियों से संबंधित दस्तावेजों की जांच और उनका सत्यापन करने के लिए कमेटी गठित करने का आदेश दिया था. छात्रों का कहना था कि डिग्रियों का सत्यापन न होने से उनका भविष्य अधर में लटका हुआ है. इस मामले में विशेष जांच टीम पहले से ही फर्जी डिग्रियां बांटने के आरोप की पड़ताल कर रही है. जांच कमेटी गठित होने के बाद से सैंकड़ों छात्रों ने अपने प्रमाणपत्रों को जांचने के लिए आवेदन किए हैं.

मानव भारती यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से प्रदेश हाईकोर्ट के समक्ष दाखिल किए गए जवाब में भी यह आग्रह किया गया है कि पुलिस को निर्देश दिए जाएं कि वह इस मामले से संबंधित जांच को जल्द से जल्द पूरा करे. फिलहाल अब मामले पर सुनवाई 28 अगस्त को निर्धारित की गई है.

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