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Himachal High Court: हाईकोर्ट की फटकार, रिटायरमेंट लाभ देने में देरी करने के दोषियों को बख्शा नहीं जा सकता, प्रार्थी डॉक्टर को ब्याज सहित दिया जाए हक

डॉक्टर को समय से रिटायरमेंट लाभ नहीं मिलने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. मामले में कोर्ट ने प्राथी को ब्याज सहित सभी रिटायरमेंट बेनिफेट देने के आदेश दिए हैं. (Himachal High Court) (High Court on delay in giving retirement benefits).

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 29, 2023, 9:12 PM IST

Updated : Aug 29, 2023, 9:45 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रिटायर डॉक्टर को समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में नाराजगी जताई है. अदालत ने सरकार को प्रार्थी डॉक्टर को छह फीसदी ब्याज सहित रिटायरमेंट के सभी लाभ जारी करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने संबंधित एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा कि रिटायरमेंट से जुड़े लाभ जारी करने में देरी होने पर दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जा सकता. हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को निराशाजनक और दर्दनाक बताया.

यही नहीं, हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को ये भी आदेश जारी किए हैं कि उन संबंधित कर्मियों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करें, जिनकी वजह से रिटायर डॉक्टर को पेंशन आदि लाभ मिलने में देरी हुई है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को ये भी कहा है कि जांच के बाद दोषी कर्मियों से ही प्रार्थी डॉक्टर को भुगतान किए जाने वाले ब्याज की राशि वसूली जाए.

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रिटायरमेंट के लाभ के भुगतान में देरी होने से संबंधित कर्मचारी ब्याज का हकदार हो जाता है. इस हक को घोषित करने के साथ ही अदालत को यह भी पता होता है कि सार्वजनिक धन का इस तरह के आकस्मिक व्यय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता. रिटायरमेंट से जुड़े लाभों को जारी करने में देरी करने वाले को बख्शा नहीं जा सकता. हाईकोर्ट ने कहा कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में देरी के कारण सरकार को होने वाले नुकसान की भरपाई निश्चित रूप से संबंधित कर्मी से होनी चाहिए.

अदालत ने सोलन के मेडिकल सुपरिटेंडेंट की तरफ से पेश किए रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि प्रार्थी डॉक्टर ने 28 वर्ष से अधिक समय तक सरकार को अपनी सेवाएं दीं. नियमों के अनुसार प्रार्थी सेवानिवृति से जुड़े सभी लाभ पाने का हक रखता था. प्रार्थी को दिए गए रिटायरमेंट लाभ का लेखा जोखा देखने के बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को निराशाजनक बताया. रिटायर होने के दो साल तक प्रार्थी को सारे वित्तीय लाभ नहीं दिए गए और मजबूरन प्रार्थी को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. हाईकोर्ट ने खेद जताया कि अभी भी सरकार यह बताने में असमर्थ है कि कब तक प्रार्थी को रिटायरमेंट के सभी लाभ दे दिए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: Himachal: हिमाचल में नहीं काट सकेंगे आम सहित छह प्रजातियों के पेड़, लकड़ी चोरी के मामलों को देखते हुए सरकार ने लगाई रोक

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने रिटायर डॉक्टर को समय पर वित्तीय लाभ न देने के मामले में नाराजगी जताई है. अदालत ने सरकार को प्रार्थी डॉक्टर को छह फीसदी ब्याज सहित रिटायरमेंट के सभी लाभ जारी करने के आदेश दिए हैं. हाईकोर्ट ने संबंधित एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा कि रिटायरमेंट से जुड़े लाभ जारी करने में देरी होने पर दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जा सकता. हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को निराशाजनक और दर्दनाक बताया.

यही नहीं, हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को ये भी आदेश जारी किए हैं कि उन संबंधित कर्मियों के खिलाफ स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करें, जिनकी वजह से रिटायर डॉक्टर को पेंशन आदि लाभ मिलने में देरी हुई है. हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को ये भी कहा है कि जांच के बाद दोषी कर्मियों से ही प्रार्थी डॉक्टर को भुगतान किए जाने वाले ब्याज की राशि वसूली जाए.

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रिटायरमेंट के लाभ के भुगतान में देरी होने से संबंधित कर्मचारी ब्याज का हकदार हो जाता है. इस हक को घोषित करने के साथ ही अदालत को यह भी पता होता है कि सार्वजनिक धन का इस तरह के आकस्मिक व्यय के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता. रिटायरमेंट से जुड़े लाभों को जारी करने में देरी करने वाले को बख्शा नहीं जा सकता. हाईकोर्ट ने कहा कि अपने कर्तव्यों के निर्वहन में देरी के कारण सरकार को होने वाले नुकसान की भरपाई निश्चित रूप से संबंधित कर्मी से होनी चाहिए.

अदालत ने सोलन के मेडिकल सुपरिटेंडेंट की तरफ से पेश किए रिकॉर्ड का अवलोकन करने पर पाया कि प्रार्थी डॉक्टर ने 28 वर्ष से अधिक समय तक सरकार को अपनी सेवाएं दीं. नियमों के अनुसार प्रार्थी सेवानिवृति से जुड़े सभी लाभ पाने का हक रखता था. प्रार्थी को दिए गए रिटायरमेंट लाभ का लेखा जोखा देखने के बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को निराशाजनक बताया. रिटायर होने के दो साल तक प्रार्थी को सारे वित्तीय लाभ नहीं दिए गए और मजबूरन प्रार्थी को अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. हाईकोर्ट ने खेद जताया कि अभी भी सरकार यह बताने में असमर्थ है कि कब तक प्रार्थी को रिटायरमेंट के सभी लाभ दे दिए जाएंगे.

ये भी पढ़ें: Himachal: हिमाचल में नहीं काट सकेंगे आम सहित छह प्रजातियों के पेड़, लकड़ी चोरी के मामलों को देखते हुए सरकार ने लगाई रोक

Last Updated : Aug 29, 2023, 9:45 PM IST
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