ETV Bharat / state

माननीयों के खिलाफ क्रिमिनल केस वापिस लेने से जुड़े मामले में टली सुनवाई, जानकारियां रिकॉर्ड पर न होने से अब नए साल में लिस्ट हुआ मामला

Himachal High Court on Criminal Cases on MP-MLA: हिमाचल प्रदेश में 10 जिलों में सीएम और डिप्टी सीएम समेत विधायकों व सांसदों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने इन आपराधिक मामलों को वापस लेने के लिए हिमाचल हाई कोर्ट में आवेदन दर्ज करवाया है. सरकार का कहना है कि ये मामले राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज करवाए गए हैं.

Himachal High Court
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 7, 2023, 6:44 AM IST

शिमला: विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को राज्य सरकार वापस लेना चाहती है. इस संदर्भ में हिमाचल हाई कोर्ट में राज्य सरकार के गृह विभाग ने एक आवेदन दाखिल किया हुआ है. आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार से माननीयों से जुड़े क्रिमिनल केस में आरोप पत्रों की प्रतिलिपियां तलब की थी. सरकार की तरफ से दायर की गई जानकारियां रिकॉर्ड पर न होने के कारण अब इस केस में नए साल में सुनवाई होगी. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अब ये मामला 4 जनवरी 2024 को लिस्ट किया गया है.

10 जिलों में आपराधिक मामले दर्ज: उल्लेखनीय है कि अदालत ने उन विधायकों और सांसदों से जुड़े मामलों के आरोप पत्रों की प्रतिलिपियां मांगी थी, जिनके केस सरकार वापस लेना चाहती है. हिमाचल सरकार के गृह विभाग ने हिमाचल हाई कोर्ट से माननीयों के खिलाफ ऐसे 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी है, जो सरकार के अनुसार राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे. सरकार ने अपने आवेदन के माध्यम से कोर्ट को बताया है कि सीएम और डिप्टी सीएम सहित अन्य विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में आपराधिक मामले चल रहे हैं. सोलन और लाहौल स्पीति में कोई भी मामला दर्ज नहीं है. बाकी के दस जिलों में कुल 65 अभियोग हैं.

अब तक सिर्फ 7 मामलों का निपटारा: आवेदन में सरकार का कहना है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. वर्तमान और पूर्व विधायकों के खिलाफ दाखिल ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं. सरकार ने अदालत को बताया गया है कि यह आवेदन किसी छुपे हुए मकसद (हिडन एजेंडा) से दायर नहीं किया गया है. कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा ही किया गया है.

विशेष अदालतों का गठन: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना करते हुए हिमाचल हाई कोर्ट ने विशेष अदालतों का गठन किया है. कोर्ट ने ये आदेश दिए गए हैं कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाए. वहीं, हिमाचल सरकार ने खुद हाई कोर्ट में आवेदन कर 65 अभियोग वापस लेने का आग्रह किया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी 2024 को होगी.

ये भी पढ़ें: हाई कोर्ट के आदेश को हल्के में न ले प्रशासन, नेशनल हाईवे के किनारे शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था न होने पर मुख्य सचिव से मांगा शपथपत्र

शिमला: विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को राज्य सरकार वापस लेना चाहती है. इस संदर्भ में हिमाचल हाई कोर्ट में राज्य सरकार के गृह विभाग ने एक आवेदन दाखिल किया हुआ है. आवेदन पर अदालत ने राज्य सरकार से माननीयों से जुड़े क्रिमिनल केस में आरोप पत्रों की प्रतिलिपियां तलब की थी. सरकार की तरफ से दायर की गई जानकारियां रिकॉर्ड पर न होने के कारण अब इस केस में नए साल में सुनवाई होगी. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट में अब ये मामला 4 जनवरी 2024 को लिस्ट किया गया है.

10 जिलों में आपराधिक मामले दर्ज: उल्लेखनीय है कि अदालत ने उन विधायकों और सांसदों से जुड़े मामलों के आरोप पत्रों की प्रतिलिपियां मांगी थी, जिनके केस सरकार वापस लेना चाहती है. हिमाचल सरकार के गृह विभाग ने हिमाचल हाई कोर्ट से माननीयों के खिलाफ ऐसे 65 अभियोगों को वापस लेने की अनुमति मांगी है, जो सरकार के अनुसार राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे. सरकार ने अपने आवेदन के माध्यम से कोर्ट को बताया है कि सीएम और डिप्टी सीएम सहित अन्य विधायकों के खिलाफ प्रदेश के 10 जिलों की अदालतों में आपराधिक मामले चल रहे हैं. सोलन और लाहौल स्पीति में कोई भी मामला दर्ज नहीं है. बाकी के दस जिलों में कुल 65 अभियोग हैं.

अब तक सिर्फ 7 मामलों का निपटारा: आवेदन में सरकार का कहना है कि विधायकों पर राजनीतिक द्वेष के कारण ये आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं. वर्तमान और पूर्व विधायकों के खिलाफ दाखिल ये मामले राजनीतिक विरोध से जुड़े हैं. सरकार ने अदालत को बताया गया है कि यह आवेदन किसी छुपे हुए मकसद (हिडन एजेंडा) से दायर नहीं किया गया है. कोर्ट को बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत विधायक और सांसद के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए विशेष न्यायाधीशों को नियुक्त किया गया है, लेकिन अभी तक सिर्फ सात मामलों का निपटारा ही किया गया है.

विशेष अदालतों का गठन: सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की अनुपालना करते हुए हिमाचल हाई कोर्ट ने विशेष अदालतों का गठन किया है. कोर्ट ने ये आदेश दिए गए हैं कि वर्तमान और पूर्व विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाए. वहीं, हिमाचल सरकार ने खुद हाई कोर्ट में आवेदन कर 65 अभियोग वापस लेने का आग्रह किया है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 जनवरी 2024 को होगी.

ये भी पढ़ें: हाई कोर्ट के आदेश को हल्के में न ले प्रशासन, नेशनल हाईवे के किनारे शौचालयों की पर्याप्त व्यवस्था न होने पर मुख्य सचिव से मांगा शपथपत्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.