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जल शक्ति विभाग में महिला इंजीनियर से जुड़े अदालती आदेश की गलत व्याख्या, हाई कोर्ट ने विभाग के सचिव को किया तलब

हिमाचल हाई कोर्ट ने जल शक्ति विभाग के सचिव को तलब किया है. हुआ यूं कि जल शक्ति ने हाई कोर्ट के आदेश की गलत व्याख्या कर दी. मामला एक इंजीनियर के तबादला आदेश को लेकर है. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal High Court News
हिमाचल हाई कोर्ट (फाइल फोटो).
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Published : Apr 6, 2023, 8:40 PM IST

शिमला: अदालत के एक आदेश की गलत व्याख्या से जल शक्ति विभाग में ट्रांसफर से जुड़े मामले में असमंजस पैदा हो गया. हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया था, जल शक्ति विभाग ने उसकी गलत व्याख्या कर दी. इस पर हाई कोर्ट ने गलत व्याख्या पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्ती दिखाई है. अदालत ने जल शक्ति विभाग के सचिव को तलब किया है. हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने जल शक्ति विभाग के सचिव को 12 अप्रैल को अदालत में तलब किया है. हाई कोर्ट ने जल शक्ति विभाग के सचिव से इस बारे में स्पष्टीकरण भी पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई अब 12 अप्रैल को तय की गई है.

हाई कोर्ट में जल शक्ति विभाग में कार्यरत एक इंजीनियर विनय कुमार ने याचिका दाखिल की. विनय कुमार की याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि विभाग के सचिव ने उसके ट्रांसफर ऑर्डर में अदालत के ऐसे आदेशों का हवाला दिया, जो खंडपीठ ने दिए ही नहीं हैं. दरअसल, जल शक्ति विभाग के सचिव ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता विनय कुमार का तबादला जनजातीय जिला किन्नौर के पूह में कर दिया. फिलहाल, अदालत ने याचिकाकर्ता के पूह तबादले के आदेश पर भी रोक लगा दी है.

विनय कुमार ने याचिका में आरोप लगाया कि जल शक्ति विभाग के सचिव ने जो आदेश पारित किए हैं, उसके अनुसार ऐसा कहा गया है कि हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता विनय कुमार व प्रतिवादी इंजीनियर अंजू देवी को ऐसी जगह ट्रांसफर करने के लिए कहा है, जहां पर उन्होंने अभी तक सेवाएं नहीं दी हैं. बड़ी बात ये है कि अदालत ने इस तरह का आदेश पारित नहीं किया था. इस मामले में अदालत को बताया गया कि इससे पहले विभाग ने महिला इंजीनियर अंजू देवी का तबादला मंडी जिला के बग्गी से सुंदरनगर किया था और बग्गी में कार्यरत विनय कुमार को समायोजित किया गया था.

प्रतिवादी अंजू देवी ने अपने तबादला आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर अदालत ने 20 मार्च 2023 को अंजू देवी की याचिका को खारिज कर दिया था. उसके बाद के घटनाक्रम के तहत चार अप्रैल 2023 को जल शक्ति विभाग के सचिव ने दोबारा से हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए दोनों का तबादला किन्नौर जिला के दो स्टेशनों में कर दिया. जल शक्ति विभाग के सचिव के आदेश के अनुसार अंजू देवी को रिकांगपिओ और विनय कुमार को पूह स्थानांतरित कर दिया गया.

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि विभाग के सचिव के गलत आदेशों की वजह से याचिकाकर्ता को स्थानांतरित किया गया है. इस बारे में सोशल मीडिया में भी गलत खबर प्रकाशित हो गई. अदालत ने अंजू देवी और विनय कुमार के मामले में ऐसे आदेश पारित नहीं किए हैं. अब जल शक्ति विभाग के सचिव को 12 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश होकर इस मामले में स्पष्टीकरण देना होगा.

Read Also- अदालत से जरूरी जानकारी छिपाना पड़ा महंगा, एक लाख कॉस्ट के साथ हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

शिमला: अदालत के एक आदेश की गलत व्याख्या से जल शक्ति विभाग में ट्रांसफर से जुड़े मामले में असमंजस पैदा हो गया. हाई कोर्ट ने जो आदेश दिया था, जल शक्ति विभाग ने उसकी गलत व्याख्या कर दी. इस पर हाई कोर्ट ने गलत व्याख्या पर कड़ा संज्ञान लेते हुए सख्ती दिखाई है. अदालत ने जल शक्ति विभाग के सचिव को तलब किया है. हाई कोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने जल शक्ति विभाग के सचिव को 12 अप्रैल को अदालत में तलब किया है. हाई कोर्ट ने जल शक्ति विभाग के सचिव से इस बारे में स्पष्टीकरण भी पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई अब 12 अप्रैल को तय की गई है.

हाई कोर्ट में जल शक्ति विभाग में कार्यरत एक इंजीनियर विनय कुमार ने याचिका दाखिल की. विनय कुमार की याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पाया कि विभाग के सचिव ने उसके ट्रांसफर ऑर्डर में अदालत के ऐसे आदेशों का हवाला दिया, जो खंडपीठ ने दिए ही नहीं हैं. दरअसल, जल शक्ति विभाग के सचिव ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता विनय कुमार का तबादला जनजातीय जिला किन्नौर के पूह में कर दिया. फिलहाल, अदालत ने याचिकाकर्ता के पूह तबादले के आदेश पर भी रोक लगा दी है.

विनय कुमार ने याचिका में आरोप लगाया कि जल शक्ति विभाग के सचिव ने जो आदेश पारित किए हैं, उसके अनुसार ऐसा कहा गया है कि हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता विनय कुमार व प्रतिवादी इंजीनियर अंजू देवी को ऐसी जगह ट्रांसफर करने के लिए कहा है, जहां पर उन्होंने अभी तक सेवाएं नहीं दी हैं. बड़ी बात ये है कि अदालत ने इस तरह का आदेश पारित नहीं किया था. इस मामले में अदालत को बताया गया कि इससे पहले विभाग ने महिला इंजीनियर अंजू देवी का तबादला मंडी जिला के बग्गी से सुंदरनगर किया था और बग्गी में कार्यरत विनय कुमार को समायोजित किया गया था.

प्रतिवादी अंजू देवी ने अपने तबादला आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. इस पर अदालत ने 20 मार्च 2023 को अंजू देवी की याचिका को खारिज कर दिया था. उसके बाद के घटनाक्रम के तहत चार अप्रैल 2023 को जल शक्ति विभाग के सचिव ने दोबारा से हाई कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए दोनों का तबादला किन्नौर जिला के दो स्टेशनों में कर दिया. जल शक्ति विभाग के सचिव के आदेश के अनुसार अंजू देवी को रिकांगपिओ और विनय कुमार को पूह स्थानांतरित कर दिया गया.

मामले की सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि विभाग के सचिव के गलत आदेशों की वजह से याचिकाकर्ता को स्थानांतरित किया गया है. इस बारे में सोशल मीडिया में भी गलत खबर प्रकाशित हो गई. अदालत ने अंजू देवी और विनय कुमार के मामले में ऐसे आदेश पारित नहीं किए हैं. अब जल शक्ति विभाग के सचिव को 12 अप्रैल को अदालत के समक्ष पेश होकर इस मामले में स्पष्टीकरण देना होगा.

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