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हाईकोर्ट के आदेश पर ध्वस्त किया गया कसौली छावनी का अतिक्रमण, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बोले, कब्जा हटाकर सेना के हवाले की गई जमीन

हिमाचल हाईकोर्ट के आदेश पर कसौली छावनी क्षेत्र से अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया किया गया है. साथ ही जमीन को कब्जा मुक्त कर सेना के हवाले कर दिया गया है. पढ़िए पूरी खबर...(Himachal High Court) (Encroachment removed from Kasauli Cantonment)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 6, 2023, 7:35 PM IST

शिमला: जिला सोलन में छावनी क्षेत्र कसौली से अवैध रूप से किया गया अतिक्रमण हटा दिया गया है. इस बारे में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व में आदेश जारी किए थे. हाईकोर्ट के आदेश की तामील के बारे में भारत के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा ने अदालत को सूचित किया. उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष बताया कि अदालती आदेश के बाद कब्जा हटाकर जमीन सेना के हवाले कर दी गई है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने छावनी क्षेत्र कसौली में अवैध कब्जा कर बनाई अस्थाई दुकानों को 28 अगस्त तक हटाने के आदेश जारी किए थे.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने कसौली निवासी प्रार्थी भावना द्वारा अवैध कब्जा हटाने की बात की पुष्टि करने के बाद मामले को बंद कर दिया. मामले के अनुसार हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद पाइन मार्केट दि लोअर मॉल कसौली में बनाई अस्थाई दुकानों के मालिकों द्वारा आवेदन दायर किया गया था. उन्होंने आवेदन में प्रतिवादी बनने की गुहार लगाते हुए कहा था कि वे 4 सप्ताह के भीतर अपनी अस्थाई दुकानें हटा देंगे. कोर्ट ने इन आवेदन कर्ताओं की प्रार्थना को स्वीकारते हुए उन्हें 28 अगस्त तक सेना की भूमि खाली कर भूमि का कब्जा प्रतिवादी सेना अधिकारियों को सौंपने के आदेश दिए थे.

याचिकाकर्ता ने जनहित को लेकर दायर याचिका में कसौली के पाइन मॉल में हुए अतिक्रमण को उजागर किया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि पाइन मॉल में 21 दुकानों का अवैध निर्माण किया गया है. यह क्षेत्र भारतीय सेना के अधीन आता है. इस जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण करने के लिए कोई नियम नहीं है. भारतीय सेना के हित में इस अतिक्रमण को हटाया जाना अति आवश्यक है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि सेना की इस जमीन को खाली करवाया जाए. पाइन मॉल में बनी इन 21 दुकानों को तुरंत गिराने के आदेश पारित करने की गुहार भी लगाई गई थी.

हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए थे और भारत के डिप्टी सालिसिटर जनरल ने इस बारे में अदालत को सारे तथ्यों से अवगत करवाया. उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि आदेश के अनुसार अवैध कब्जा हटा दिया गया है और जमीन सेना को सौंप दी गई है. इसके बाद मामला बंद कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: Himachal High Court: सजायाफ्ता कैदी को दिया गलत मेडिकल सर्टिफिकेट, PGI चंडीगढ़ के 3 डॉक्टर्स को हाईकोर्ट का नोटिस, कैदी को 24 घंटे में सरेंडर का आदेश

शिमला: जिला सोलन में छावनी क्षेत्र कसौली से अवैध रूप से किया गया अतिक्रमण हटा दिया गया है. इस बारे में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व में आदेश जारी किए थे. हाईकोर्ट के आदेश की तामील के बारे में भारत के डिप्टी सॉलिसिटर जनरल बलराम शर्मा ने अदालत को सूचित किया. उन्होंने हाईकोर्ट के समक्ष बताया कि अदालती आदेश के बाद कब्जा हटाकर जमीन सेना के हवाले कर दी गई है. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने छावनी क्षेत्र कसौली में अवैध कब्जा कर बनाई अस्थाई दुकानों को 28 अगस्त तक हटाने के आदेश जारी किए थे.

हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति बिपिन चंद्र नेगी की खंडपीठ ने कसौली निवासी प्रार्थी भावना द्वारा अवैध कब्जा हटाने की बात की पुष्टि करने के बाद मामले को बंद कर दिया. मामले के अनुसार हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद पाइन मार्केट दि लोअर मॉल कसौली में बनाई अस्थाई दुकानों के मालिकों द्वारा आवेदन दायर किया गया था. उन्होंने आवेदन में प्रतिवादी बनने की गुहार लगाते हुए कहा था कि वे 4 सप्ताह के भीतर अपनी अस्थाई दुकानें हटा देंगे. कोर्ट ने इन आवेदन कर्ताओं की प्रार्थना को स्वीकारते हुए उन्हें 28 अगस्त तक सेना की भूमि खाली कर भूमि का कब्जा प्रतिवादी सेना अधिकारियों को सौंपने के आदेश दिए थे.

याचिकाकर्ता ने जनहित को लेकर दायर याचिका में कसौली के पाइन मॉल में हुए अतिक्रमण को उजागर किया था. याचिका में आरोप लगाया गया था कि पाइन मॉल में 21 दुकानों का अवैध निर्माण किया गया है. यह क्षेत्र भारतीय सेना के अधीन आता है. इस जमीन पर किसी भी तरह का निर्माण करने के लिए कोई नियम नहीं है. भारतीय सेना के हित में इस अतिक्रमण को हटाया जाना अति आवश्यक है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट से गुहार लगाई थी कि सेना की इस जमीन को खाली करवाया जाए. पाइन मॉल में बनी इन 21 दुकानों को तुरंत गिराने के आदेश पारित करने की गुहार भी लगाई गई थी.

हाईकोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश जारी किए थे और भारत के डिप्टी सालिसिटर जनरल ने इस बारे में अदालत को सारे तथ्यों से अवगत करवाया. उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि आदेश के अनुसार अवैध कब्जा हटा दिया गया है और जमीन सेना को सौंप दी गई है. इसके बाद मामला बंद कर दिया गया है.

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