ETV Bharat / state

एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल खोलने के पक्ष में नहीं हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, विरोध में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपा ज्ञापन

Himachal High Court Bar Association: हिमाचल हाई कोर्ट ने बार एसोसिएशन ने प्रदेश में सरकारी कर्मियों के सेवा मामलों के लिए फिर से प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को खोलने का कड़ी विरोध किया है. बार एसोसिएशन ने इसे लेकर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपा है और इसका कड़ा विरोध जताया.

Himachal High Court Bar Association
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन
author img

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 6:38 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मियों के सर्विस मैटर्स यानी सेवा मामलों को लेकर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को फिर से खोलने का विरोध हो रहा है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इसके पक्ष में नहीं है. बार एसोसिएशन ने इस मंशा का विरोध करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक ज्ञापन भी सौंपा है. बार एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि वो इस फैसले पर फिर से विचार करें.

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों का तर्क था कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद होने के बाद ही हाई कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ी थी और सर्विस मैटर्स के मामले जल्द निपट रहे हैं. प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को दोबारा से खोलना वादियों के हक में नहीं है. इससे उन्हें न्याय मिलने में और अधिक देरी होगी. ट्रिब्यूनल को पहले ही दो बार बंद किया जा चुका है. प्राधिकरण के बंद होने के कारण ही प्रदेश उच्च न्यायालय में जजों की संख्या 13 से बढ़कर 17 की गई, ताकि मामलों का जल्द निपटारा किया जा सके.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1986 में पहली बार प्रशासनिक प्राधिकरण का गठन किया गया था. फिर जुलाई 2008 में प्राधिकरण को बंद कर दिया गया. प्राधिकरण बंद होने के बाद लंबित पड़े मामलों को हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद वीरभद्र सिंह सरकार के समय फरवरी 2015 में प्रशासनिक प्राधिकरण का पुन: गठन किया गया. सेवा संबंधी सारे मामले पुन: गठित किए गए प्रशासनिक प्राधिकरण के लिए स्थानांतरित किए गए.

बाद में जयराम सरकार के समय अगस्त 2019 में फिर से प्राधिकरण को बंद कर दिया गया और लंबित व निपटाए गए सारे मामलों का रिकॉर्ड फिर से हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया. मौजूदा सरकार फिर से प्रशासनिक प्राधिकरण खोलने का निर्णय ले चुकी है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने इसके विरोध में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंप कर इस पर पुनर्विचार करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी की प्रो-वीसी को वापस एचपीयू भेजने का फैसला जायज, हाईकोर्ट ने खारिज की अनुपमा सिंह की याचिका

शिमला: हिमाचल प्रदेश में सरकारी कर्मियों के सर्विस मैटर्स यानी सेवा मामलों को लेकर प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को फिर से खोलने का विरोध हो रहा है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन इसके पक्ष में नहीं है. बार एसोसिएशन ने इस मंशा का विरोध करते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक ज्ञापन भी सौंपा है. बार एसोसिएशन ने सरकार से आग्रह किया है कि वो इस फैसले पर फिर से विचार करें.

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वकीलों का तर्क था कि प्रशासनिक ट्रिब्यूनल बंद होने के बाद ही हाई कोर्ट में जजों की संख्या बढ़ी थी और सर्विस मैटर्स के मामले जल्द निपट रहे हैं. प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को दोबारा से खोलना वादियों के हक में नहीं है. इससे उन्हें न्याय मिलने में और अधिक देरी होगी. ट्रिब्यूनल को पहले ही दो बार बंद किया जा चुका है. प्राधिकरण के बंद होने के कारण ही प्रदेश उच्च न्यायालय में जजों की संख्या 13 से बढ़कर 17 की गई, ताकि मामलों का जल्द निपटारा किया जा सके.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में वर्ष 1986 में पहली बार प्रशासनिक प्राधिकरण का गठन किया गया था. फिर जुलाई 2008 में प्राधिकरण को बंद कर दिया गया. प्राधिकरण बंद होने के बाद लंबित पड़े मामलों को हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया. इसके बाद वीरभद्र सिंह सरकार के समय फरवरी 2015 में प्रशासनिक प्राधिकरण का पुन: गठन किया गया. सेवा संबंधी सारे मामले पुन: गठित किए गए प्रशासनिक प्राधिकरण के लिए स्थानांतरित किए गए.

बाद में जयराम सरकार के समय अगस्त 2019 में फिर से प्राधिकरण को बंद कर दिया गया और लंबित व निपटाए गए सारे मामलों का रिकॉर्ड फिर से हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया. मौजूदा सरकार फिर से प्रशासनिक प्राधिकरण खोलने का निर्णय ले चुकी है. हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने इसके विरोध में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंप कर इस पर पुनर्विचार करने को कहा है.

ये भी पढ़ें: सरदार पटेल यूनिवर्सिटी मंडी की प्रो-वीसी को वापस एचपीयू भेजने का फैसला जायज, हाईकोर्ट ने खारिज की अनुपमा सिंह की याचिका

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.