शिमला: हिमाचल प्रदेश में स्कूल कॉलेज के भवन अब छात्रों की संख्या के हिसाब से ही बनेंगे. छात्रों की संख्या के हिसाब से ही स्कूल कॉलेज को भवन बनाने के लिए बजट जारी किया जाएगा.
निर्माण तेजी लाने के लिए नई शर्तें लागू
अभी तक प्रदेश में शिक्षण संस्थानों में इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए इस तरह की शर्त लागू नहीं थी, लेकिन अब निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए यह नई शर्त लागू की गई. अब प्रदेश में कॉलेज और स्कूल में निर्माण कार्य करना होगा तो उससे पहले यह देखा जाएगा की उस स्कूल या कॉलेज में कितने छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, कितने शिक्षक वहां है, कितने संकाय उस स्कूल-कॉलेज में चल रहे हैं और उनके लिए कितने इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है. इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए पूरा प्रस्ताव तैयार किया जाएगा. इसके बाद ही प्रस्ताव सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
प्लान के आधार पर मिलेगा बजट
इस प्लान के आधार पर ही सरकार बजट शिक्षण संस्थान को मंजूर करेगी, ताकि निर्माण कार्य समय पर पूरा किया जा सके. शिक्षा सचिव राजीव शर्मा के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया है कि शैक्षणिक संस्थानों में जितनी आवश्यकता है उसी के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाए और जरूरत से बड़े भवन तैयार ना किए जाएं.
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पैसे की रुकेगी फिजूलखर्ची
इस निर्णय को लेने के पीछे की वजह यह भी है कि प्रदेश में कई स्कूल और कॉलेज ऐसे हैं जहां छात्रों की संख्या कम है वहां भी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए 50 से 60 करोड़ का बजट जारी कर दिया जाता है. जरूरत से ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर उन संस्थानों में तैयार करने में कई साल निकल जाते हैं. ऐसे में अगर संस्थानों को जरुरत के हिसाब से ही बजट तैयार किया जाएगा तो बचे हुए पैसे को किसी ओर काम पर खर्च किया जा सकता है.
400 के करीब निर्माण कार्य लटके
बता दें कि प्रदेश में अभी भी स्कूल और कॉलेजों के 400 के करीब निर्माण कार्य ऐसे हैं जो अधूरे पड़े हैं. इन कार्यों को भी जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश शिक्षा सचिव ने विभाग को दिए हैं. इन कार्यों को तीन माह में पूरा करने के साथ ही समय समय पर इसका रिव्यू करने के निर्देश भी सरकार की ओर से दिए गए हैं.
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