शिमला: हिमाचल की सुखविंदर सिंह सरकार अपने गठन के बाद पहली बार लोन ले रही है. सुखविंदर सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने डेढ़ हजार करोड़ रुपए के कर्ज को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है. ये लोन दो किस्तों में लिया जाएगा. पहली किस्त में सात सौ करोड़ रुपए कर्ज लिया जाएगा. ये कर्ज कुल 13 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा. इसके बाद 800 करोड़ रुपए का कर्ज दूसरी किस्त में लिया जाना है.
![सरकार ने जारी की अधिसूचना.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/17529919_thumbnsswww.jpg)
हाल ही में सुखविंदर सिंह सरकार ने विधानसभा के विंटर सेशन में एफआरबीएम एक्ट में संशोधन कर लोन लिमिट बढ़ाई थी. संशोधन के बाद राज्य सरकार अपने जीडीपी का अब चार की बजाय छह फीसदी लोन ले सकेगी. इस तरह लोन लिमिट बढ़ने से राज्य सरकार इस वित्त वर्ष में मार्च 2023 तक 3000 करोड़ रुपए लोन ले सकेगी.
इस रकम में से आधा यानी डेढ़ हजार करोड़ रुपए का कर्ज सरकार इसी माह ले रही है. अब हिमाचल प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़कर 76,500 करोड़ रुपए के करीब हो गया है. सरकार को अभी नए वेतन आयोग के एरियर व डीए के तौर पर भी कर्मचारियों तथा पेंशनर्स को एक हजार करोड़ रुपए देना है. कर्मचारी एरियर व डीए की आस लगाए बैठे हैं. लेकिन, राज्य सरकार अभी कर्मचारियों को एरियर देने की स्थिति में नहीं है.
ओपीएस बहाल करने के बाद भी सीएम सुखविंदर सिंह ने कहा था कि कर्मचारी अभी एरियर के लिए इंतजार करें. फिलहाल, सुखविंदर सिंह सरकार ने डेढ़ हजार करोड़ रुपए के कर्ज के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. दो किस्तों में ये लोन लिया जाएगा. कुल सात करोड़ व आठ सौ करोड़ रुपए की दो किस्तों में लिया गया ये कर्ज क्रमश: 13 व 15 साल में वापिस करना होगा.
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