शिमला: केंद्र सरकार के नए बजट में टैक्स स्लैब से कर्मचारियों को ज्यादा फायदा नहीं हुआ है. कर्मचारी उम्मीद लगाए हुए थे कि इस बजट में उनको काफी राहत मिलेगी. क्योंकि नए वेतनमान से कर्मचारियों का वेतन भी काफी बढ़ गया है, लेकिन सरकार ने बजट में टैक्स में जो बदलाव किया हैं, वो ज्यादा कर्मचारियों के लिए राहत भरा नहीं है. हालांकि 7 लाख से कम सैलरी वाले कर्मचारियों को इससे लाभ जरूर हुआ है.
केंद्र सरकार ने भले ही टैक्स स्लैब में बदलाव किया हो, लेकिन बजट से कर्मचारियों को ज्यादा राहत नहीं मिली है. नए टैक्स सिस्टम को आयकर दायरे को पांच भागों में बांटा गया है. इसमें पुराने सिस्टम के तहत शून्य आयकर के लिए तीन लाख की सीमा निर्धारित हुई है. इससे कर्मचारी जरूर आंशिक राहत महसूस कर रहे हैं, लेकिन सरकार टैक्स पर जो छूट दे रही थी, उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है.
प्रदेश में तृतीय श्रेणी तक के कर्मचारी पूर्व में तय अढ़ाई लाख के दायरे में आ रहे थे. उन्हें टैक्स से राहत के लिए 80सी के तहत 1.50 लाख तक की छूट मिल रही थी, इस सीमा को नहीं बढ़ाया गया है. कर्मचारी इसको दोगुना करने की मांग कर रहे थे. हालांकि जो टैक्स में छूट नहीं चाहते और वे नए सिस्टम को अपनाना चाहते हैं, उन 7 लाख सालाना सैलरी वाले कर्मचारियों को जरूर फायदा मिला है.
7 लाख तक के वेतनभोगियों को नए टैक्स सिस्टम से फायदा: हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बॉबी का कहना है कि नए टैक्स सिस्टम में सरकार ने 7 लाख तक की आय को टैक्स के बाहर कर दिया है. इस सीमा तक के आय वाले कर्मचारियों को जरूर राहत मिली है. खासकर वे कर्मचारी जो रिबेट नहीं लेना चाह रहे. पहले 80सी के तहत, स्टैंडर्ड डिडक्शन या इनवेस्टमेंट के तहत सारी औपचारिकताएं करनी पड़ती थी. लेकिन अगर वे यह सब नहीं चाहते तो वे नए टैक्स सिस्टम को अपना सकते हैं. वहीं, 7 लाख से 9 लाख या 12 लाख वाली रेंज वाली सालाना सैलरी वाले कर्मचारियों को डेढ़ से 2 हजार रुपए तक का लाभ मिलेगा, जो कि बहुत ज्यादा नहीं है, हालांकि इसमें 10 या 12 लाख की वार्षिक आय वाले कर्मचारियों को 35-40 हजार का वार्षिक लाभ हो रहा है.
मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को थोड़ा लाभ मिला: हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चानन सिंह मेहता का कहना है कि इस टैस्स सिस्टम में कर्मचारियों को ज्यादा फायदा नहीं हुआ है. हालांकि जिन कर्मचारियों की सालाना सैलरी 7 लाख तक है, उनको जरूर फायदा मिला है. क्योंकि आयकर सीमा को 5 से 7 लाख रुपए किया गया है, जिस पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ेगा.
चानन मैहता का कहना है कि इस सिस्टम से मध्यम वर्ग के कर्मचारियों को थोड़ा बहुत लाभ है. वह कहते हैं कि अगर किसी कर्मचारी की सालाना सैलरी 9 लाख है तो उसमें पुराना टैक्स सिस्टम के हिसाब से 60 हजार रुपए टैक्स बन रहा था, लेकिन नए सिस्टम में 45 हजार बन रहा है. मतलब 9 लाख से 11 लाख की सालाना सैलरी वालों को 10-15 हजार फायदा मिल रहा है. इससे ज्यादा इसमें कुछ भी फायदा नहीं है.
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