शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सभी सरकारी विभागों को एक जनवरी से डीजल या पेट्रोल वाहन न खरीदने के निर्देश दिए हैं. बहुत जरूरी होने पर केवल कैबिनेट की स्वीकृति के बाद ही विभाग पेट्रोल या डीजल वाहनों की खरीद कर सकेंगे. राज्य में ई-व्हीकल की संख्या बढ़ने पर सरकार ने ये फैसला लिया है.
उल्लेखनीय है कि सीएम ने पहले बजट में ई-वाहन पर राज्य सरकार का विजन स्पष्ट किया था. सीएम खुद इलेक्ट्रिक वाहन का उपयोग कर रहे हैं. अब राज्य में ई-वाहनों की संख्या 185 हो गई है, जबकि प्रदेश में पंजीकृत निजी इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या 2733 तक पहुंच गई है. इसी के साथ कुल वाहन 2918 हो गए हैं.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा ‘‘राज्य सरकार हिमाचल में ई-व्हीकल को बढ़ावा दे रही है. परिवहन विभाग पहला ऐसा विभाग है, जिसमें ई-वाहन का उपयोग शुरू किया गया है. सरकारी विभागों में गाड़ियों की आवश्यकता पूरी करने के लिए राज्य सरकार ने ई-टैक्सी अनुबंध पर लेने की अनुमति प्रदान की है. 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के तहत युवाओं को ई-टैक्सी के परमिट प्रदान किए जा रहे हैं.
सीएम ने कहा ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी भी दी जा रही है. इन गाड़ियों को घर पर भी चार्ज किया जा सकता है और राज्य सरकार भी चार्जिंग के लिए आधारभूत ढांचा तैयार कर रही है. ई-वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 6 राजमार्गों को ग्रीन कोरिडोर के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश में ई-वाहन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना के लिए परिवहन विभाग ने 54 स्थानों को अंतिम रूप दिया है, जिनमें से कुछ लगभग बनकर तैयार हैं.
इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम की सभी डीजल गाड़ियों को चरणबद्ध तरीके से ई-बसों में बदला जा रहा है. हाल ही में ई-बस बनाने वाली कंपनियों के साथ बैठक में हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप गाड़ियां तैयार करने का अनुरोध किया गया है. सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा राज्य सरकार लंबे रूटों पर भी ई-बसें चलाने जा रही है. एचआरटीसी के बेड़े में टाइप 1, 2 और 3 ई-बसों को चरणबद्ध तरीके से शामिल किया जा रहा है. ताकि 31 मार्च 2026 तक हिमाचल को ग्रीन स्टेट बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सके.