शिमला: हिमाचल सरकार को केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय से ऊना के बल्क ड्रग पार्क के सामान्य बुनियादी ढांचे की सुविधाओं के विकास के लिए 225 करोड़ रुपये की सहायता अनुदान (ग्रांट इन एड) की पहली किस्त मिल गई है. यह सहायता अनुदान केंद्र द्वारा वर्ष 2020 में नोटिफाई की गई बल्क ड्रग पार्क प्रोत्साहन योजना के योजना दिशा-निर्देशों के तहत प्रदान की गई है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य कार्यान्वयन एजेंसी (एसआईए) के गठन और सहायता अनुदान प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि बल्क ड्रग पार्क राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है. इससे राज्य के फार्मा पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलेगी.
उन्होंने कहा कि लगभग 8000-10,000 करोड़ रुपये के निवेश और 15,000 से अधिक व्यक्तियों के लिए रोजगार के अवसर सृजित करने की क्षमता की इस मेगा परियोजना का राज्य सरकार समय पर निष्पादन सुनिश्चित करेगी. राज्य सरकार ने कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के साथ ‘हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग पार्क इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड’ (एचपीबीडीपीआईएल) 15 फरवरी को रजिस्ट्रड किया है.
परियोजना समन्वय समिति का गठन करेगी सरकार: मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार बल्क ड्रग पार्क के समय पर निष्पादन एवं प्रगति की निगरानी के लिए एक परियोजना समन्वय समिति का गठन करेगी. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग इस पार्क के निर्माण के लिए विद्युत और सड़क के लिए बाहरी बुनियादी ढांचे की योजना पर संबंधित विभागों के साथ कार्य पहले ही पूरा कर चुका है. इस पार्क की बिजली की मांग का अनुमान लगभग 120 मेगावाट है और एपीआई इकाइयों के संचालन के लिए निरंतर बिजली की आपूर्ति की आवश्यकता होगी.
निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए ऊना और टाहलीवाल से दो ट्रांसमिशन लाइनों की योजना बनाई गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना की पूंजी लागत की आवश्यकता को पूरा करने के लिए तकनीकी और वित्तीय विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी. इसके लिए बल्क ड्रग पार्क के विकास, संचालन, रखरखाव और प्रबंधन के लिए रणनीतिक निवेश के दृष्टिगत ट्रांजेक्शन सलाहकार के चयन के लिए निविदा की जा चुकी है. इसके अलावा, बल्क ड्रग पार्क की पर्यावरण संबंधी स्वीकृतियों के लिए सलाहकारों के चयन की निविदा प्रक्रिया भी आरंभ की जा चुकी हैं.
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