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हिमाचल को रोशन करने वाला बिजली बोर्ड 2100 करोड़ के घाटे में, इस विभाग पर सबसे ज्यादा बकाया

हिमाचल सहित देश के अन्य राज्यों को रोशन करने वाले एचपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (HP State Electricity Board in loss)निरंतर घाटे में रहता है. इस समय भी राज्य बिजली बोर्ड करीब-करीब 2100 करोड़ रुपए के घाटे में है. वहीं, सबसे बड़ी रकम हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग पर बकाया (Electricity bill outstanding on Jal Shakti Department) है.

Himachal Electricity Board in loss of 2100 crores
बिजली बोर्ड 2100 करोड़ के घाटे में
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Published : Feb 18, 2022, 6:57 PM IST

Updated : Feb 19, 2022, 4:01 PM IST

शिमला. हिमाचल सहित देश के अन्य राज्यों को रोशन करने वाले एचपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (HP State Electricity Board in loss)निरंतर घाटे में रहता है. इस समय भी राज्य बिजली बोर्ड करीब-करीब 2100 करोड़ रुपए के घाटे में है. वहीं ,राज्य के अन्य सरकारी विभागों के पास बिजली बोर्ड के बकाया बिल बोर्ड की खराब आर्थिक हालत में जख्मों पर नमक की तरह है.

राज्य बिजली बोर्ड ने अलग-अलग सरकारी विभागों से 125 करोड़ रुपए से अधिक के बिजली बिल वसूलने हैं. सबसे बड़ी रकम हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग पर बकाया (Electricity bill outstanding on Jal Shakti Department) है. बिजली बोर्ड ने जल शक्ति विभाग के विभिन्न मंडलों से 90 करोड़ से अधिक की रकम लेनी है. इसी तरह उद्योग जगत में कई इकाईयों से बिजली बिल के रूप में 20 करोड़ से अधिक की रकम लेने को है.

वर्ष 2010 में विघटन के बाद से ही बिजली बोर्ड कई तरह की समस्याएं झेल रहा है. तीस साल पहले हिमाचल प्रदेश में पांच लाख के करीब बिजली कनेक्शन थे. इस समय प्रदेश में 26 लाख उपभोक्ता हैं. जिस समय पांच लाख कनेक्शन थे, तब बिजली बोर्ड में 44 हजार के करीब कर्मचारी थे और अब महज 14500 कर्मचारी रह गए हैं. साथ ही बोर्ड का विघटन भी हो चुका है.

ऐसे में बिजली बोर्ड एक साथ कई समस्याओं से घिरा हुआ है. घाटे की बात करें तो वर्ष 2015 में बिजली बोर्ड का घाटा 1813 करोड़ रुपए था. वर्ष 2016 में यह घाटा 2200 करोड़ हो गया. मौजूदा समय में यह घाटा 2100 करोड़ रुपए है. ऐसे में बिजली बोर्ड को यदि समय पर अन्य विभागों से अपने बकाया बिल मिल जाएं तो बोर्ड के आर्थिक जख्मों पर कुछ मरहम लग सकता है.

हाल ही में बिजली बोर्ड के वित्त मामलों से जुड़े विंग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर बकाया बिल चुकाने के लिए कहा है. सबसे अधिक बिल जल शक्ति विभाग के पास है. बिजली बोर्ड के कांगड़ा सर्किल के तहत आने वाले जल शक्ति विभाग के कार्यालयों से साढ़े पच्चीस करोड़ रुपए से अधिक की वसूली होनी है. इसके अलावा बिलासपुर, सोलन व डलहौजी सर्किल में जल शक्ति विभाग से 10-10 करोड़ से अधिक के बिल वसूलने हैं.

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी का कहना है कि जिल विभागों से बिजली बिल की बकाया राशि ली जानी उनसे संपर्क किया गया है. इसके अलावा कुछ प्राइवेट कंपनियां भी हैं जिनसे बिल के रूप में मोटी रकम वसूल की जानी है. उनसे भी संपर्क किया जा है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है.
ये भी पढ़ें : भाजपा विधायक दल की बैठक 22 फरवरी को, बजट सत्र को लेकर बनेगी रणनीति

शिमला. हिमाचल सहित देश के अन्य राज्यों को रोशन करने वाले एचपी स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (HP State Electricity Board in loss)निरंतर घाटे में रहता है. इस समय भी राज्य बिजली बोर्ड करीब-करीब 2100 करोड़ रुपए के घाटे में है. वहीं ,राज्य के अन्य सरकारी विभागों के पास बिजली बोर्ड के बकाया बिल बोर्ड की खराब आर्थिक हालत में जख्मों पर नमक की तरह है.

राज्य बिजली बोर्ड ने अलग-अलग सरकारी विभागों से 125 करोड़ रुपए से अधिक के बिजली बिल वसूलने हैं. सबसे बड़ी रकम हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग पर बकाया (Electricity bill outstanding on Jal Shakti Department) है. बिजली बोर्ड ने जल शक्ति विभाग के विभिन्न मंडलों से 90 करोड़ से अधिक की रकम लेनी है. इसी तरह उद्योग जगत में कई इकाईयों से बिजली बिल के रूप में 20 करोड़ से अधिक की रकम लेने को है.

वर्ष 2010 में विघटन के बाद से ही बिजली बोर्ड कई तरह की समस्याएं झेल रहा है. तीस साल पहले हिमाचल प्रदेश में पांच लाख के करीब बिजली कनेक्शन थे. इस समय प्रदेश में 26 लाख उपभोक्ता हैं. जिस समय पांच लाख कनेक्शन थे, तब बिजली बोर्ड में 44 हजार के करीब कर्मचारी थे और अब महज 14500 कर्मचारी रह गए हैं. साथ ही बोर्ड का विघटन भी हो चुका है.

ऐसे में बिजली बोर्ड एक साथ कई समस्याओं से घिरा हुआ है. घाटे की बात करें तो वर्ष 2015 में बिजली बोर्ड का घाटा 1813 करोड़ रुपए था. वर्ष 2016 में यह घाटा 2200 करोड़ हो गया. मौजूदा समय में यह घाटा 2100 करोड़ रुपए है. ऐसे में बिजली बोर्ड को यदि समय पर अन्य विभागों से अपने बकाया बिल मिल जाएं तो बोर्ड के आर्थिक जख्मों पर कुछ मरहम लग सकता है.

हाल ही में बिजली बोर्ड के वित्त मामलों से जुड़े विंग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर बकाया बिल चुकाने के लिए कहा है. सबसे अधिक बिल जल शक्ति विभाग के पास है. बिजली बोर्ड के कांगड़ा सर्किल के तहत आने वाले जल शक्ति विभाग के कार्यालयों से साढ़े पच्चीस करोड़ रुपए से अधिक की वसूली होनी है. इसके अलावा बिलासपुर, सोलन व डलहौजी सर्किल में जल शक्ति विभाग से 10-10 करोड़ से अधिक के बिल वसूलने हैं.

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी का कहना है कि जिल विभागों से बिजली बिल की बकाया राशि ली जानी उनसे संपर्क किया गया है. इसके अलावा कुछ प्राइवेट कंपनियां भी हैं जिनसे बिल के रूप में मोटी रकम वसूल की जानी है. उनसे भी संपर्क किया जा है. उन्होंने कहा कि बिजली बोर्ड की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार गंभीरता से काम कर रही है.
ये भी पढ़ें : भाजपा विधायक दल की बैठक 22 फरवरी को, बजट सत्र को लेकर बनेगी रणनीति

Last Updated : Feb 19, 2022, 4:01 PM IST
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