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Himachal Crypto Currency Scam: क्रिप्टो करेंसी मामले में Police ने 7 आरोपितों को किया गिरफ्तार, कोर्ट से मिला 10 दिन का पुलिस रिमांड

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 24, 2023, 9:39 PM IST

क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में पुलिस ने 7 आरोपितों को गिरफ्तार किया है. वहीं, कोर्ट ने सभी आरोपियों को 10 दिनों के रिमांड पर भेज दिया है. पढ़ें पूरी खबर... (Himachal Crypto Currency Scam) (cryptocurrency fraud case update).

Himachal Crypto Currency Scam
सांकेतिक तस्वीर.

शिमला: क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में विशेष जांच टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. एसआईटी ने मंगलवार को इस मामले में 7 आरोपितों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को 10 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. आरोपियों में मंडी जिले के नेरचौक से परसराम सेन, संजय कुमार, केवल सिंह, दिग्विजय सिंह जिला हमीरपुर से प्रदीप सिंह, कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां से गोविंद गोस्वामी और पंचकूला से राधिका शर्मा शामिल है. पुलिस इनसे पूछताछ करेगी कि कितने लोगों को इन्होंने झांसा दिया व कैसे लोगों को फंसाया. कौन-कौन लोग इस खेल में शामिल थे. गिरफ्तार किए गए सभी सातों आरोपितों ने लोगों को झांसा देकर उनका निवेश करवाया.

Himachal Crypto Currency Scam
आरोपियों के नाम.

पुलिस जांच में सामने आया है कि शातिरों ने हिमाचल में सुनियोजित तरीके से इस घटनाक्रम को अंजाम दिया. पकड़े गए सातों आरोपितों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. पुलिस के अनुसार एक कॉरपोरेट कंपनी की तरह इस फॉड के धंधे को अंजाम दिया जा रहा था. पुलिस ने जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया है वे सभी सीधे तौर पर निवेशकों के संपर्क में नहीं थे. इनमें से एक व्यक्ति ऑफिस का काम संभालता था. यानि पर्दे के पीछे से ये पूरी टीम को निर्देशित कर रहा था कि कहां पर और कैसे निवेश करना है. लोगों को कैसे निवेश के लिए तैयार करना है, जबकि एक अन्य आरोपित वित्तीय व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहा था. यानि लोगों ने जो पैसा लगाया है उसको कैसे दूसरी जगह लगाना है. जिन्होंने पैसा लगा दिया है उनको कैसे रिर्टन देना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस काम में शामिल हो सकें.

एक अन्य आरोपित टीम के सदस्यों के साथ जाता था. वे निवेशकों के साथ बैठक करता था और उन्हें लुभावने सपने दिखाता था कि कैसे वह जल्द अमीर बन जाएंगे. जितना पैसा वह लगाएंगे उसका रिर्टन कितना कब उन्हें मिलेगा. एसआईटी को शुरुआती तौर पर क्रिप्टो करेंसी का घोटाला 200 करोड़ रुपए का बताया जा रहा था. मगर, दो मास्टरमाइंड की गुजरात से गिरफ्तारी के बाद जिस तरह लोग प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों के साइबर थाना में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, उसे देखते हुए अब यह घोटाला 200 करोड़ रुपए से कहीं ज्यादा का लग रहा है.

फिलहाल एसआईटी अब जांच में जुटी हुई है. देश छोड़ फरार हो चुके क्रिप्टो करेंसी किंगपिन सुभाष शर्मा को भारत वापस लाने के लिए राज्य के गृह मंत्रालय के जरिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है. अभी तक जो सामने आया है उसमें क्रिप्टो करेंसी के नाम परसबसे ज्यादा ठगी मंडी जिले में है. मंडी साइबर पुलिस थाना में अब तक 40 शिकायतें मिल गई हैं, जिनमें 1000 से ज्यादा लोगों से अनुमानित 25 करोड़ की ठगी हुई है. इसके तीनों मास्टरमाइंड भी मंडी जिले के ही रहने वाले हैं.

मंडी के अलावा कांगड़ा में ज्यादा लोग ठगी का शिकार बने हैं. अभी ऐसे भी बड़ी संख्या में लोग बताए जा रहे हैं जिन्होंने इसमें पैसा इन्वेस्ट कर रखा है, लेकिन वापसी की आस लगाए हुए और अभी पुलिस तक शिकायत लेकर नहीं पहुंच रहे. पुलिस उन लोगों की तलाश में हैं जिन्होंने इस क्रिप्टो करंसी को अंजाम दिया है. मुद्रा घोटाला, बाजार में हेराफेरी की और निर्दोष निवेशकों का शोषण किया. पुलिस का कहना है कि कब्जे में लिए गए दस्तावेज एकत्र किया गया डेटा जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

ये भी पढ़ें- Dussehra 2023: शिमला के जाखू में मुख्यमंत्री सुक्खू ने किया रावण दहन, रिमोर्ट का बटन दबाकर 50 फीट ऊंचे पुतले को लगाई आग

शिमला: क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड मामले में विशेष जांच टीम को बड़ी कामयाबी मिली है. एसआईटी ने मंगलवार को इस मामले में 7 आरोपितों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से सभी को 10 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. आरोपियों में मंडी जिले के नेरचौक से परसराम सेन, संजय कुमार, केवल सिंह, दिग्विजय सिंह जिला हमीरपुर से प्रदीप सिंह, कांगड़ा जिले के नगरोटा बगवां से गोविंद गोस्वामी और पंचकूला से राधिका शर्मा शामिल है. पुलिस इनसे पूछताछ करेगी कि कितने लोगों को इन्होंने झांसा दिया व कैसे लोगों को फंसाया. कौन-कौन लोग इस खेल में शामिल थे. गिरफ्तार किए गए सभी सातों आरोपितों ने लोगों को झांसा देकर उनका निवेश करवाया.

Himachal Crypto Currency Scam
आरोपियों के नाम.

पुलिस जांच में सामने आया है कि शातिरों ने हिमाचल में सुनियोजित तरीके से इस घटनाक्रम को अंजाम दिया. पकड़े गए सातों आरोपितों से पूछताछ में पुलिस को कई अहम सुराग भी हाथ लगे हैं. पुलिस के अनुसार एक कॉरपोरेट कंपनी की तरह इस फॉड के धंधे को अंजाम दिया जा रहा था. पुलिस ने जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया है वे सभी सीधे तौर पर निवेशकों के संपर्क में नहीं थे. इनमें से एक व्यक्ति ऑफिस का काम संभालता था. यानि पर्दे के पीछे से ये पूरी टीम को निर्देशित कर रहा था कि कहां पर और कैसे निवेश करना है. लोगों को कैसे निवेश के लिए तैयार करना है, जबकि एक अन्य आरोपित वित्तीय व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहा था. यानि लोगों ने जो पैसा लगाया है उसको कैसे दूसरी जगह लगाना है. जिन्होंने पैसा लगा दिया है उनको कैसे रिर्टन देना है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस काम में शामिल हो सकें.

एक अन्य आरोपित टीम के सदस्यों के साथ जाता था. वे निवेशकों के साथ बैठक करता था और उन्हें लुभावने सपने दिखाता था कि कैसे वह जल्द अमीर बन जाएंगे. जितना पैसा वह लगाएंगे उसका रिर्टन कितना कब उन्हें मिलेगा. एसआईटी को शुरुआती तौर पर क्रिप्टो करेंसी का घोटाला 200 करोड़ रुपए का बताया जा रहा था. मगर, दो मास्टरमाइंड की गुजरात से गिरफ्तारी के बाद जिस तरह लोग प्रदेश के अलग अलग क्षेत्रों के साइबर थाना में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं, उसे देखते हुए अब यह घोटाला 200 करोड़ रुपए से कहीं ज्यादा का लग रहा है.

फिलहाल एसआईटी अब जांच में जुटी हुई है. देश छोड़ फरार हो चुके क्रिप्टो करेंसी किंगपिन सुभाष शर्मा को भारत वापस लाने के लिए राज्य के गृह मंत्रालय के जरिए केंद्रीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया जा रहा है. अभी तक जो सामने आया है उसमें क्रिप्टो करेंसी के नाम परसबसे ज्यादा ठगी मंडी जिले में है. मंडी साइबर पुलिस थाना में अब तक 40 शिकायतें मिल गई हैं, जिनमें 1000 से ज्यादा लोगों से अनुमानित 25 करोड़ की ठगी हुई है. इसके तीनों मास्टरमाइंड भी मंडी जिले के ही रहने वाले हैं.

मंडी के अलावा कांगड़ा में ज्यादा लोग ठगी का शिकार बने हैं. अभी ऐसे भी बड़ी संख्या में लोग बताए जा रहे हैं जिन्होंने इसमें पैसा इन्वेस्ट कर रखा है, लेकिन वापसी की आस लगाए हुए और अभी पुलिस तक शिकायत लेकर नहीं पहुंच रहे. पुलिस उन लोगों की तलाश में हैं जिन्होंने इस क्रिप्टो करंसी को अंजाम दिया है. मुद्रा घोटाला, बाजार में हेराफेरी की और निर्दोष निवेशकों का शोषण किया. पुलिस का कहना है कि कब्जे में लिए गए दस्तावेज एकत्र किया गया डेटा जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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