शिमला : कोरोना कर्फ्यू के चलते बाहरी राज्यों में फंसे हिमाचलियों की वापस लाने की मांग विपक्ष ने की है. मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष ने प्रदेश में कोरोना की स्थिति को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कांग्रेस विधायकों के साथ बैठक की.
सीएलपी की बैठक में प्रदेश में कोरोना से लोगों को हो रही परेशानी ओर कोरोना से निपटने के लिए सरकारी तैयारियों पर चर्चा की गई. बैठक में बीते दिन सीएम द्वारा विपक्ष को राजनीति नहीं करने की टिप्पणी पर विधायक दल ने कड़ी आपत्ति जताई. अग्रिहोत्री ने कहा कि विपक्ष प्रदेशवासियों की समस्याओं और सुझावों के साथ राज्यपाल के पास गए थे, लेकिन सीएम सुझावों को राजनीति करार दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रपति शासन नहीं लगा है. लोकतंत्र में विपक्ष की अपनी भूमिका है, जिसे विपक्ष बखूबी निभा भी रहा है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वीवीआईपी और पहुंच वालों के बच्चे, रिश्तेदार और नजदीकी प्रदेश में आ रहे हैं जबकि आम आदमी की मदद नहीं हो रही है. ऐसे में सरकार सबसे पहले बाहरी राज्यों में फंसे बच्चों को वापिस लाने का प्रबंध करे. किस भी हिमाचली को लावारिस नहीं छोड़ा जा सकता है. देश के हर राज्य की सरकारों ने अन्य राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापिस लाने की व्यवस्था की है, यहां तक की आसाम और गुवाहटी वाले अपने 2 हजार किलोमीटर दूर से बच्चे ले गए , जबकि मुख्यमंत्री कहते है कि 800 किलोमीटर कोटा से बच्च्चों को नहीं लाया जा सकता है.
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल एक मात्र राज्य होगा, जो कह रहा है कि हम किसी की मदद नहीं करेंगे, जहां हैं वहीं रहें. उन्होंने कहा कि सरकार अभी से ही श्रेय लेने में जुट गई है कि हमने बेहतर ढंग से काम किया जबकि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. अग्रिहोत्री ने कहा कि जब लॉकडाउन समाप्त हो जाएगा तो सभी घरों के लिए भागेगें, ऐसे में उस दौरान ज्यादा दिक्कतें हो सकती हैं.
बैठक में वीरभद्र सिंह ने भी लिया भाग
बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता वीरभद्र सिंह ने भी भाग लिया. उन्होंने इस माहामारी से निपटने के लिए लोगों को जागरुक करने की बात कही. इसके साथ ही जनहित से जुड़े मुद्दों को सामने लाने को कहा ताकि संकट की इस घड़ी में सभी की मदद हो सके.