शिमला: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सरकार पर कोरोना वॉरियर्स की अनदेखी के आरोप लगाए हैं. सुक्खू ने आपदा से निपटने के लिए सरकार के 300 करोड़ के फंड पर भी सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस नेता का आरोप है कि लॉकडाउन के डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी सरकार डॉक्टरों और पुलिस जवानों को एन-95 मास्क मुहैया नहीं करवा पा रही है, जबकि सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण का खतरा इन लोगों को ही है.
सुक्खू ने कहा कि डॉक्टर अस्पताल में दिन-रात सेवाएं दे रहे हैं और पुलिस जवान सड़कों पर बाहर से आने वाले लोगों की जानकारी ले रहे हैं. ऐसे में पुलिस के जवानों में आसानी से संक्रमण फैलने का डर बना रहता है. विधायक का कहना है कि सरकार को इन कोरोना योद्धाओं को दो महीने का वेतन देना चाहिए, लेकिन जयराम सरकार इनकी सुरक्षा को भी गंभीरता नहीं ले रही है.
सरकार से मांग करते हुए सुक्खू न कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोरोना वॉरियर्स को उचित उपकरण मुहैया करवाए जाने चाहिए. कर्फ्यू लगाने के समय ही कोरोना से लड़ाई लड़ने वालों को सबसे पहले सुरक्षा के इंतजाम करने चाहिए थे, लेकिन सरकार कोरोना से निपटने के लिए हर मोर्चे पर नाकाम साबित हो रही है.
सरकार के पास आपदा से निपटने के लिए 300 करोड़ का फंड पर सवाल खड़े करते हुए सुक्खू ने पूछा कि ये फंड खर्च किया गया. सरकार ने कितने लोगों को राशन बांटा और जिलों को कितनी राशि जारी की गई है, इसकी जानकारी सरकार को सार्वजनिक करनी चाहिए. संकट की इस घड़ी में सरकार जरूरतमंदों की मदद करने से सरकार अपने हाथ पीछे खींच रही है.
सुक्खू ने आरोप लगाया कि बाहर से आने वाले लोगों की सही से जांच नहीं हो पा रही है. बाहरी राज्यों से लौटे लोग कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं. सरकार को हिमाचल लौटने वाले लोगों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए, ताकि प्रदेश को कोरोना महामारी से बचाया जा सके.