शिमला: मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने शिमला में भारी बारिश से हुए नुकसान के कारणों एवं प्रभावों के लिए गठित टीम के प्रारंभिक आकलन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने कहा कि पहाड़ी ढलानों में कटान, कमजोर ढलानों में मलबे का निष्पादन और अनियोजित जल निकासी व्यवस्था के कारण शहर में भारी बारिश के कारण अत्याधिक नुकसान हुआ है.
मुख्य सचिव ने कहा इस साल बरसात के दौरान प्रदेश भर में भारी बारिश रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने कहा शिमला में साल 2022 में अगस्त माह में 514.30 मिलीमीटर की तुलना में इस वर्ष अब तक 552.1 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है. उन्होंने कहा आपदा संबंधित जोखिम को कम करने के लिए शहर में सुनियोजित और सुरक्षित निर्माण और जल निकासी की व्यवस्था पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. शहर में अनियोजित तरीके से निर्मित इमारतों को बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है.
उन्होंने कहा कि निर्माण से निकलने वाले मलबे का सुरक्षित निपटारा कर समुचित जल निकासी व्यवस्था पर बल देना चाहिए. आपदा की दृष्टि से राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों का सघन आकलन किया जाना चाहिए. सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में आदर्श भवन नियम अपनाने और इनके सख्ती से कार्यान्वयन पर भी बल दिया जाना चाहिए.
बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित निर्माण, नदी-नालों और उच्च ढलानों के समीप निर्माण को विनियमित करने, प्राकृतिक आपदाओं से निपटने और इससे संबंधित विभिन्न उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई.
इस बैठक में प्रधान सचिव ओंकार चंद शर्मा व देवेश कुमार, निदेशक सह विशेष सचिव राजस्व, डीसी राणा, नगर निगम शिमला आयुक्त भूपेन्द्र कुमार अत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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