शिमला: नए साल में लोहड़ी से पहले एक बार फिर कैबिनेट मीटिंग बुलाई गई है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में शिमला में ये मीटिंग होगी. फिलहाल मीटिंग का प्रस्तावित समय दोपहर बाद साढ़े बारह बजे तय किया गया है. इस मीटिंग में नए बने दो मंत्री पहली बार विभागों की जिम्मेदारी के साथ भाग लेंगे. राजेश धर्माणी व यादविंदर सिंह गोमा को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विभागों का आवंटन कर दिया है.
इन मुद्दों पर हो सकती है चर्चा: आज की कैबिनेट मीटिंग में राज्य में नई भर्तियों व शिक्षा विभाग में गेस्ट टीचर रखे जाने से संबंधित चर्चा होगी. कर्मचारी वर्ग डीए व नए वेतन आयोग के एरियर का इंतजार कर रहा है. कैबिनेट मीटिंग में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू अपने सहयोगियों के साथ राज्य की विकट वित्तीय स्थिति पर चर्चा करेंगे. इस महीने में 25 जनवरी को हिमाचल में पूर्ण राज्यत्व दिवस के अवसर पर कर्मचारी व पेंशनर्स सरकार से तोहफे की आस करते हैं. कम से कम राज्य सरकार डीए की अदायगी करने के लिए विचार करेगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू इस बारे में कैबिनेट की राय जानेंगे.
शिक्षा विभाग से जुड़ा मामला: इसके अलावा नए साल में कांग्रेस की चुनाव पूर्व गारंटियों को भी पूरा करने के लिए चर्चा होगी. सरकार दूध खरीद के फैसले पर निर्णय ले सकती है. इसके अलावा शिक्षा विभाग से जुड़े फैसले संभावित हैं. राज्य सरकार स्कूलों में शिक्षकों की कमी को फिलहाल के लिए दूर करने के मकसद से गेस्ट टीचर भर्ती करना चाहती है. हालांकि बेरोजगार युवा इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, लेकिन राज्य सरकार इसकी संभावना तलाश कर रही है. ये भर्ती एक साल के लिए होगी. इसमें भर्ती किए जाने वाले युवा को तय मानदेय दिया जाएगा. कैबिनेट में इसकी शर्तों व अन्य नफे-नुकसान पर चर्चा होगी.
क्रसना लैब पेमेंट विवाद पर चर्चा: कैबिनेट मीटिंग में सुखविंदर सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम सरकार गांव के द्वार पर भी चर्चा होगी. ये कार्यक्रम 12 फरवरी तक चलेगा. इसके बाद फिर इस साल के बजट सत्र की तैयारियां शुरू होगी. मीटिंग में क्रसना लैब पेमेंट विवाद पर भी विचार किया जाएगा. लंबित भुगतान को लेकर फैसला लिया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस मुद्दे पर सीएम को ब्रीफ करेंगे. वहीं, सीएम ने बिजली बोर्ड के कर्मचारियों को 18 जनवरी को वार्ता के लिए बुलाया है. बोर्ड की वित्तीय स्थिति पर भी मीटिंग में चर्चा होगी. उल्लेखनीय है कि बिजली बोर्ड के कर्मचारी एमडी को हटाने की मांग के साथ-साथ ओपीएस दिए जाने को लेकर आंदोलनरत हैं.
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