शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार के पहले बजट की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने अन्य विभागों के प्रशासनिक सचिवों के साथ प्राथमिक बैठक कर ली है. सभी विभागों के सचिवों व एचओडी को सीएम सुखविंदर सिंह के पहले बजट भाषण के लिए कंटेंट तैयार करने को कहा गया है. मुख्य सचिव ने अगले हफ्ते 17 फरवरी तक प्रशासनिक सचिवों व विभागों के एचओडी से बजट भाषण के बिंदुओं पर राय मांगी है. सीएम के बजट भाषण में उनके ड्रीम प्रोजेक्ट्स को शामिल किया जाएगा.
इन परियोजनाओं में इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी, दूध खरीद, हेलीपोर्ट निर्माण व राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल आदि शामिल होंगे. इसके अलावा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पहले बजट भाषण में खजाने की सेहत सुधारने और आय बढ़ाने के लिए किसी न किसी रूप में टैक्स लगाया जा सकता है. सूत्रों का कहना है कि बजट से पहले सुखविंदर सिंह सरकार बिजली परियोजनाओं पर वाटर सेस लगा सकती है. इसके अलावा खनन गतिविधियों से आय बढ़ाने के उपाय लागू होंगे. ये बजट से पहले होंगे और बाकी टैक्स का प्रावधान बजट में होगा.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान कई बार कह चुके हैं कि हिमाचल सरकार के खजाने की हालत पतली है. यही नहीं, खजाने और कर्ज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष निरंतर आमने-सामने हैं. कांग्रेस सरकार के पहले ही विधानसभा सत्र में एफआरबीएम एक्ट को संशोधित कर कर्ज लेने की सीमा को तीन फीसदी से बढ़ाकर छह फीसदी किया गया है. क्योंकि कांग्रेस सरकार को अपनी गारंटियां पूरी करने के लिए धन की जरूरत है, लिहाजा बजट में सरकार को सख्त कदम उठाने ही होंगे.
हिमाचल प्रदेश पर 71 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है. अभी बजट आने से पहले सरकार को इस वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में और लोन लेना होगा. इस प्रकार कर्ज का बोझ बजट आने तक 75 हजार करोड़ रुपए हो जाएगा. यदि कांग्रेस सरकार की गारंटियों की बात करें तो अकेले नारी सम्मान योजना के लिए 1800 करोड़ रुपए सालाना की रकम चाहिए. इसके अलावा तीन सौ यूनिट बिजली फ्री का वादा भी है. कर्मचारियों को एरियर व डीए की किश्त देय है. करीब 11 हजार करोड़ रुपए की ये देनदारी भी है.
ऐसे में सरकार के पास बजट में कड़े उपाय लागू करने के अलावा और कोई चारा नहीं है. सरकार ने पहले ही पेट्रो पदार्थों पर वैट बढ़ा दिया है. मार्च महीने में बजट सत्र शुरू होगा. ऐसे में हिमाचल की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार अपने पहले बजट में किसी न किसी रूप में टैक्स लगा सकती है. हिमाचल में टैक्स फ्री बजट की परंपरा रही है. सरकार चाहे वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में रही हो या फिर प्रेम कुमार धूमल अथवा जयराम ठाकुर की अगुवाई वाली, किसी भी सरकार ने बजट में टैक्स नहीं लगाए हैं, लेकिन अब मौजूदा सरकार इस परंपरा से हटकर कुछ टैक्स लगा सकती है.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू कई बार इसके संकेत दे चुके हैं. सीएम विभिन्न अवसरों पर आर्थिकी को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कह चुके हैं. वरिष्ठ मीडिया कर्मी धनंजय अंथ्वाल का कहना है कि हिमाचल में आर्थिक हालात खराब हैं. इसमें कोई दो राय नहीं है कि कांग्रेस सरकार को अपनी गारंटियां पूरी करने के लिए सख्त आर्थिक उपाय करने होंगे. अब देखना है कि क्या सीएम सुखविंदर सिंह का पहला बजट किस तरह के कड़े आर्थिक उपाय के साथ आता है.
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