शिमला: शिमला के ऐतिहासिक टाउन हॉल में बैठकर जल्द ही अब हिमाचली व्यंजनों और अन्य व्यंजनों का लुत्फ यहां के लोग और सैलानी उठा सकते हैं. इस ऐतिहासिक भवन में हाई एंड कैफे अगस्त से खुलने जा रहा है. इस कैफे को निजी कंपनी एचपीडीबीआई चलाएगी. कंपनी के साथ नगर निगम ने 10 साल के लिए एमओयू साइन कर लिया है. कंपनी द्वारा अभी हॉल की साज-सजावट की जा रही है, जो कि 20 जुलाई तक पूरी होगी. अगस्त से टाउन हॉल में अलग-अलग स्टॉल लगाकर खाने के कई तरह के व्यंजन परोसे जाएंगे. जिसमें हिमाचली व्यंजन में धाम, राजमा- चावल और सिड्डू को परोसा जाएगा.
टाउन हॉल में खुलेगा हाई एंड कैफे: नगर निगम शिमला की डिप्टी मेयर उमा कौशल ने बताया कि समझौते के मुताबिक कंपनी अगस्त से हर महीने नगर निगम को 13 लाख रुपये किराया देगी. इससे निगम को सालाना डेढ़ करोड़ के करीब इनकम होगी. कंपनी टाउन हॉल में अंतरराष्ट्रीय ब्रांड की कंपनियों को काउंटर मुहैया करवाएगी, जहां पर लोगों को एक ही छत के नीचे विभिन्न तरह के खाने की चीजें मुहैया होंगी. इस पर निगम और कंपनी के बीच दिल्ली में एमओयू साइन किया गया है. हाई एंड कैफे टाउन हॉल के ग्राउंड फ्लोर में होगा, जो कि 3,800 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला हुआ है. इसमें पिज्जा, पास्ता, स्वीट डिश, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स समेत साउथ इंडियन खाने का स्वाद भी मिलेगा.
'नगर निमग शिमला को अच्छी कमाई': कंपनी कैफे में कई तरह के स्टॉल लगाएगी. जिसमें दूसरे राज्य के लोग खाने की चीजें बेचेंगे. एचपीआईडीबी इन स्टॉल से अतिरिक्त कमाई करेगा साथ ही अपने स्टॉल भी चलाएगा. डिप्टी मेयर उमा कौशल ने बताया कि इससे नगर निगम शिमला को अच्छी इनकम होगी. आर्थिक रूप से मजबूत बनने के लिए एमसी लगातार काम कर रहा है. हालांकि इसे लेकर राजनीतिक दल विरोध भी कर रहे थे, लेकिन भविष्य में कैफे खोलने का फैसला सही साबित होगा. सैलानी और स्थानीय लोग अपने पसंदीदा भोजन का स्वाद चख सकेंगे.
1908 में हुआ टाउन हॉल का निर्माण: शिमला के मॉल रोड पर स्तिथि टाउन हॉल की बिल्डिंग ब्रिटिश शासनकाल के दौरान साल 1908 में बनी थी. शुरुआती दौर में यहां पर म्युनिसिपल कमेटी होती थी, जिसमें कुल 18 मेंबर हुआ करते थे. बाद में इस कमेटी को कॉरपोरेशन का रूप दिया गया. इस इमारत की पहचान ब्रिटिश शासन काल के दौरान देश की सबसे बड़ी कमेटी के तौर पर थी. बिल्डिंग की हालत खराब हो गई थी और छतों से पानी टपकता था. जिसके चलते साल 2014 में टाउन हॉल का जीर्णोद्धार करने का फैसला लिया गया. इसके जीर्णोद्धार का काम साल 2018 में पूरा हुआ. जिसके बाद हाई कोर्ट द्वारा इस भवन में केवल मेयर और डिप्टी मेयर को रहने की इजाजत दी गई. जबकि इसके ग्राउंड फ्लोर और एटिक पर कमर्शियल गतिविधियां करने के निर्देश दिए थे. जिसके चलते ग्राउंड फ्लोर पर नगर निगम में कैफे खोलने का फैसला लिया है.
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