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10वीं-12वीं के रिजल्ट फॉर्मूला पर HGTU ने जताई आपत्ति, दी ये चेतावनी

राजकीय अध्यापक संघ ने हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. हिमाचल राज्य अध्यापक संघ ने 10वीं और 12वीं के लिए तय किए गए फार्मूला पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि यह फॉर्मूला पूरी तरह सही नहीं है.

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Published : Jul 14, 2021, 4:30 PM IST

शिमलाः राजकीय अध्यापक संघ ने हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Education Board) की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने प्रेस वार्ता में कहा कि शिक्षा निदेशक शिक्षक संगठनों से बैठक करना उचित नहीं समझते. उन्होंने 10वीं और 12वीं के लिए तय किए गए फॉर्मूला पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि यह फार्मूला पूरी तरह सही नहीं है.

वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा विभाग को 10वीं और 12वीं की हुई 1-1 विषय की परीक्षा के पूरे अंक फॉर्मूला में शामिल करने चाहिए थे, लेकिन इसका केवल 5 फीसदी वेटेज रखा गया है. ऐसे में यह विद्यार्थियों के साथ धोखा है.

हिमाचल राज्य अध्यापक संघ (Himachal State Teachers Association) के अध्यक्ष वीरेंद्र ठाकुर ने स्कूल शिक्षा बोर्ड से विद्यार्थियों से वसूला गया परीक्षा शुल्क वापस देने की भी मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि दसवीं के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क अगली कक्षा में और 12वीं के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क वापस किया जाए. उन्होंने बताया कि इससे शिक्षा विभाग ने करीब 18 करोड़ रुपए की राशि जमा की है. अध्यक्ष ने विभाग से मांग की है कि इस राशि को विद्यार्थियों के हित में इस्तेमाल किया जाए.

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वीरेंद्र चौहान (Virendra Chauhan) की ओर से 10वीं और 12वीं के फॉर्मूले पर सवाल खड़े किए जाने पर शिक्षा विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस पर सवाल करते हुए वीरेंद्र चौहान ने कहा कि विभाग की ओर से उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) सरल स्वभाव के हैं, लेकिन निदेशक मनमाना रवैया अपनाए हुए हैं.

हिमाचल राज्य अध्यापक संघ ने प्रदेश के सभी शिक्षकों के हित की बात की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के साथ निदेशक को 43 सूत्रीय मांग पत्र (Letter Of Demand) सौंपना है. इस मांग पत्र में पुरानी पेंशन स्कीम (Pension Scheme) बहाली समेत कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर चर्चा होगी शिक्षा मंत्री की ओर से 23 जुलाई को बैठक करने का आश्वासन दिया गया है.

हिमाचल राज्य अध्यापक संघ ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो आने वाले समय में संघ की ओर से शिक्षा निदेशालय के बाहर सद्बुद्धि यज्ञ करवाया जाएगा. इस यज्ञ में संघ के पदाधिकारी भाग लेंगे और शिक्षा विभाग (Education Department) के अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए पूजा-अर्चना करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय भी विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ सद्बुद्धि हवन किया गया था.

ये भी पढ़ें- मलबे में दबी 8 साल की बच्ची ने टीचर को फोन लगाकर मांगी मदद, पूरे परिवार की बचाई जान

शिमलाः राजकीय अध्यापक संघ ने हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड (Himachal Pradesh Education Board) की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. अध्यापक संघ के अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने प्रेस वार्ता में कहा कि शिक्षा निदेशक शिक्षक संगठनों से बैठक करना उचित नहीं समझते. उन्होंने 10वीं और 12वीं के लिए तय किए गए फॉर्मूला पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि यह फार्मूला पूरी तरह सही नहीं है.

वीरेंद्र चौहान ने कहा कि शिक्षा विभाग को 10वीं और 12वीं की हुई 1-1 विषय की परीक्षा के पूरे अंक फॉर्मूला में शामिल करने चाहिए थे, लेकिन इसका केवल 5 फीसदी वेटेज रखा गया है. ऐसे में यह विद्यार्थियों के साथ धोखा है.

हिमाचल राज्य अध्यापक संघ (Himachal State Teachers Association) के अध्यक्ष वीरेंद्र ठाकुर ने स्कूल शिक्षा बोर्ड से विद्यार्थियों से वसूला गया परीक्षा शुल्क वापस देने की भी मांग उठाई है. उन्होंने कहा कि दसवीं के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क अगली कक्षा में और 12वीं के विद्यार्थियों का परीक्षा शुल्क वापस किया जाए. उन्होंने बताया कि इससे शिक्षा विभाग ने करीब 18 करोड़ रुपए की राशि जमा की है. अध्यक्ष ने विभाग से मांग की है कि इस राशि को विद्यार्थियों के हित में इस्तेमाल किया जाए.

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वीरेंद्र चौहान (Virendra Chauhan) की ओर से 10वीं और 12वीं के फॉर्मूले पर सवाल खड़े किए जाने पर शिक्षा विभाग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इस पर सवाल करते हुए वीरेंद्र चौहान ने कहा कि विभाग की ओर से उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jairam Thakur) और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर (Education Minister Govind Singh Thakur) सरल स्वभाव के हैं, लेकिन निदेशक मनमाना रवैया अपनाए हुए हैं.

हिमाचल राज्य अध्यापक संघ ने प्रदेश के सभी शिक्षकों के हित की बात की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के साथ निदेशक को 43 सूत्रीय मांग पत्र (Letter Of Demand) सौंपना है. इस मांग पत्र में पुरानी पेंशन स्कीम (Pension Scheme) बहाली समेत कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर चर्चा होगी शिक्षा मंत्री की ओर से 23 जुलाई को बैठक करने का आश्वासन दिया गया है.

हिमाचल राज्य अध्यापक संघ ने कहा कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई, तो आने वाले समय में संघ की ओर से शिक्षा निदेशालय के बाहर सद्बुद्धि यज्ञ करवाया जाएगा. इस यज्ञ में संघ के पदाधिकारी भाग लेंगे और शिक्षा विभाग (Education Department) के अधिकारियों की सद्बुद्धि के लिए पूजा-अर्चना करेंगे. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के समय भी विभाग की कार्यप्रणाली के खिलाफ सद्बुद्धि हवन किया गया था.

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