शिमलाः राजधानी में पिछले 2 दिनों से जमकर बारिश हो रही है बीते 24 घंटों के दौरान हुई बारिश ने 42 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 1979 में 15 अप्रैल को 111 मिली लीटर बारिश रिकॉर्ड की गई थी. वहीं, बीते 24 घंटों के दौरान शिमला में 83 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसके अलावा कुल्लू के कोठी में 67 मिलीलीटर बारिश रिकार्ड की गई. शिमला में देर रात जमकर बारिश और ओलावृष्टि होती रही और अभी भी बारिश का दौर जारी है. इसके अलावा लाहौल स्पिति व कुल्लू के ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी भी रिकॉर्ड की गई.
भारी ओलावृष्टि से तापमान में आई गिरावट
प्रदेश में हो रही बारिश पर भारी ओलावृष्टि से तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई है. मौसम विभाग की ओर से आज के लिए भी भारी बारिश ओलावृष्टि को लेकर चेतावनी जारी की गई है. विभाग की ओर से चंबा, कांगड़ा, बिलासपुर, हमीरपुर, शिमला, मंडी में 3 बजे तक बारिश और ओलावृष्टि होने की संभावना जताई है.
शिमला शहर में 42 साल दर्ज की सबसे ज्यादा बारिश
मौसम विभाग के निदेशक मनमोहन सिंह का कहना है कि प्रदेश के कई हिस्सों में बीते 2 दिनों से जमकर बारिश और ओलावृष्टि हो रही है जबकि ऊपरी क्षेत्रों में बर्फबारी भी हो रही है. उन्होंने कहा कि शिमला शहर में 42 साल बाद सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है. शिमला में बीते 24 घंटों के दौरान 83 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है जबकि इससे पहले 1979 में शिमला शहर में 24 घंटों में 111 मिलीलीटर बारिश हुई थी.
आज भी कई हिस्सों में भारी बारिश ओलावृष्टि होने की संभावना
उन्होंने कहा कि बुधवार रात शिमला शहर व आसपास के क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि आज भी कई हिस्सों में भारी बारिश ओलावृष्टि होने की संभावना है. शुक्रवार को भी प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो सकती है. बारिश ओलावृष्टि और बर्फबारी के चलते तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की जा रही है. केलांग में जहां तापमान माइनस में पहुंच गया है. वहीं, शिमला सहित कई हिस्सों में तापमान में 5 से 6 डिग्री तापमान में गिरावट आई है. वहीं, मौसम विभाग की मानें तो अप्रैल महीने में हिमाचल में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है.
बारिश होने से जल स्त्रोतों को मिली संजीवनी
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में जहां जनवरी-फरवरी में बर्फबारी काफी कम हुई थी. वहीं, मार्च महीने में भी बारिश कम होने से पानी के स्रोत सूखने की कगार पर पहुंच गए थे लेकिन अप्रैल माह में बारिश होने से जल स्त्रोतों को संजीवनी मिली है और प्रदेश में आने वाले दिनों में पानी के संकट से नहीं जूझना पड़ेगा.
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