शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार आफत बनकर बरस रही है. बारिश से सड़कों, पानी, बिजली सहित अन्य अधोसंरचना को भारी नुकसान पहुंच रहा है. निजी लोगों की संपत्ति भी भारी बारिश से तबाह हो रही है. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में मानसून की बारिश से अब तक 8000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. बारिश के बाद अभी भी 600 सड़कें बंद हैं, जिससे कई हिस्सों का संपर्क प्रदेश के दूसरे इलाकों से कट गया है. इसके अलावा बारिश से भारी जानी नुकसान भी हो रहा है. अब तक प्रदेश में 335 लोगों की बरसात में मौत हुई है. वहीं, प्रदेश सरकार ने हिमाचल को 'प्राकृतिक आपदा प्रभावित क्षेत्र' घोषित किया है.
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हिमाचल में बरसाती कहर: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हो रही है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बरसाती आफत से अब तक हिमाचल प्रदेश में 8014 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है. सड़कों और पुलों को 2656 करोड़ क्षति हुई है. प्रदेश में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हैं, इनके अलावा 94 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं और 19 पुल बाढ़ में बह गए. बारिश के बाद हुए भारी लैंडस्लाइड से प्रदेश में सड़कें बंद हो रही हैं. प्रदेश में अभी भी 600 सड़कें बंद हैं. सेब इलाकों में भी काफी सड़कें बाधित हैं. हालांकि पीडब्ल्यूडी ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1200 से ज्यादा मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है, लेकिन बार-बार लैंडस्लाइड के चलते सड़कें फिर से बंद हो रही हैं.
IPH विभाग को 1842 करोड़ नुकसान: हिमाचल प्रदेश में बारिश से पानी की परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हो रही हैं. प्रदेश में बारिश के बाद आए लैंडस्लाइड और सिल्ट भरने से बड़ी संख्या में पानी की परियोजनाएं बंद हो गई हैं. जानकारी के अनुसार इस बरसात के कहर में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 17,798 परियोजनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है. इनमें से 9508 पेयजल परियोजनाएं हैं, हालांकि इनमें से करीब 8273 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है, मगर बाकी अभी भी बंद हैं. इसके अलावा सिंचाई की 2518 परियोजनाएं प्रभावित है. फ्लड कंट्रोल की 205 और सीवरेज की 161 परियोजनाओं को नुकसान पहुंचा है. बरसात में अब तक जल शक्ति विभाग को करीब 1842 करोड़ का नुकसान आंका गया है. नुकसान का यह आंकड़ा अभी और बढ़ने की आशंका है.
इन विभागों में करोड़ों का नुकसान: इसके अलावा हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब 1505 करोड़, कृषि को करीब 256 करोड़ और बागवानी को करीब 144 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को इस बरसात में करीब 369 करोड़ की चपत लगी है. वहीं, शिक्षा विभाग को 118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को 44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को 13.91 करोड़ और अन्य विभागों को मानसून से 82 करोड़ का नुकसान हुआ है.
बारिश ने उजाड़े हजारों आशियाने: प्रदेश में भारी बारिश के बाद लैंडस्लाइड और बाढ़ से विभिन्न इलाकों में रिहायशी व अन्य मकान इनकी चपेट में आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में अब तक 11,637 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें 2022 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9615 मकानों को भी क्षति पहुंची है. इनके अलावा 296 दुकानें भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. प्रदेश में 4453 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में 335 लोगों की जानें गई हैं जबकि 324 जख्मी भी हुए हैं.