शिमला: हिमाचल में बारिश ने अबकी बार कहर बरपाया है. प्रदेश में हो रही भारी बारिश से सड़कों, पानी और अन्य परियोजनाओं को तो नुकसान पहुंचा ही, साथ में कई बहुमूल्य जानें भी इस बरसात में गई हैं. मानसून शुरू होने से अब तक राज्य में 19 लोगों की मौत हो चुकी है. इसके साथ ही राज्य में बारिश से अब तक करीब 219 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से जन जीवन पर व्यापक असर पड़ा है. राज्य में कई जगह सड़कें बंद हो गई हैं और जबकि काफी संख्या में पेयजल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. प्रदेश में निजी संपत्तियों के अलावा सार्वजनिक संपत्तियों को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है. प्रदेश में अब तक 219.29 करोड़ से अधिक का नुकसान हो चुका है, इसके अलावा मानसून की बारिश में अब तक 19 बहुमूल्य जानें भी गई हैं.
हिमाचल में 127 सड़के बंद: प्रदेश में बारिश से जगह-जगह भूस्खलन होने से कई सड़कें बंद हो गई हैं. राज्य में अभी भी 127 सड़कें बंद हैं, इससे ग्रामीण इलाकों में लोगों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने का काम कर रहा है. लोक निर्माण विभाग ने इस काम में 179 मशीनें तैनात की है. विभाग के मुताबिक बंद पड़ी 127 सड़कों में 90 सड़कों को आज या कल सुबह कल खोल दिया जाएगा. जबकि 4 सड़कें कल तक और बाकी 37 सड़कों को शुक्रवार तक खोल दिया जाएगा.
बारिश में 19 लोगों की मौत: प्रदेश में भारी बारिश जानलेवा साबित हो रही है. बीते 24 जून से अब तक बारिश में 19 लोग अपनी जान गवां चुके हैं. इनमें शिमला जिला में सबसे अधिक 7 लोगों की मौत हुई है. हमीरपुर में 3 लोगों की मौत हुई है जबकि चंबा, मंडी और सोलन में 2-2 लोगों की मौत हुई है. इनके अलावा कांगड़ा, कुल्लू और ऊना में भी एक-एक लोगों की मौत बरसात में अब तक हो चुकी है. मानसून की बारिश में भूस्खलन और अन्य दुर्घटनाओं की वजह से अब तक 34 लोग घायल हुए हैं. तीन लोग लापता भी हुए हैं. प्रदेश में बारिश से अब तक 352 भेड़-बकरियों व पशुओं की मौत भी हुई है. मानसून की बारिश अब तक 41 घरों को नुकसान पहुंचा चुकी हैं जिनमें 5 मकान व एक दुकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है जबकि 36 मकानों को आंशिक तौर पर नुकसान पहुंचा है, इस बरसात में 20 गौशालाएं भी ढह गई हैं.
जल शक्ति विभाग को 100 करोड़ का नुकसान: हिमाचल में भारी बारिश से सड़क, पानी व अन्य अधोसंरचनाओं को भारी नुकसान पहुंचा है, अब तक करीब 219.29 करोड़ का नुकसान आंका गया है. मानसून की इस बारिश से सबसे ज्यादा 100.97 करोड़ का नुकसान अकेले जल शक्ति विभाग को हुआ है. बारिश से जल शक्ति विभाग की 1635 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है, इनमें 1338 पेयजल परियोजनाएं शामिल हैं. हालांकि विभाग ने युद्द स्तर पर कार्य करते हुए करीब 1238 परियोजनाओं को बहाल कर सुचारू कर दिया है. इनके अलावा 284 सिंचाई परियोजनाओं, 23 सीवरेज और 10 अन्य परियोजनाओं को भी क्षति पहुंची है.
पीडब्ल्यूडी को ₹90.50 करोड़ का नुकसान: बारिश से हिमाचल की भाग्य रेखाएं कही जाने वाली सड़कें भी क्षतिग्रस्त हुई है. बारिश से प्रदेश में लोक निर्माण विभाग को भी 90.50 करोड़ का नुकसान अब तक आंका गया है. बारिश से सड़कों को सबसे ज्यादा 36.91 करोड़ का नुकसान मंडी जोन में हुआ है. हमीरपुर जोन में 19.65 करोड, शिमला जोन में 15.36 करोड़ और कांगड़ा जोन में 15.50 करोड़ का नुकसान सड़कों के क्षतिग्रस्त होने से हुआ है. सब्जियों, फसलों और फलों को भी बारिश नुकसान हुआ है. अब तक करीब करीब 26 करोड़ का नुकसान फलों और फसलों का आंका गया है.
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