शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून जमकर कहर बरपा रहा है. भारी बारिश से सड़कें, पानी, बिजली सहित अन्य संरचनाओं को भारी क्षति पहुंच रही है. सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ निजी संपत्ति को भी बारिश से भारी नुकसान हो रहा है. मानसून की बारिश में होने वाले हादसों में 348 लोगों भी की मौत हुई है. जबकि 336 लोग जख्मी हुए हैं. भारी बारिश से अब तक ₹8100 करोड़ का नुकसान हुआ है. इसमें पुलों और सड़कों को ही करीब ₹2712 करोड़ की क्षति हुई. यही नहीं भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन और बाढ़ से 12,039 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं.
₹8100 करोड़ का नुकसान: हिमाचल में भारी बारिश से सड़कों, पानी की परियोजनाओं सहित निजी संपत्तियों को भारी क्षति हुई है. मानसून की बारिश से अब तक ₹8100 करोड़ का नुकसान आंका गया है. इसमें पीडब्ल्यूडी को ₹2712 करोड़ की क्षति हुई है. भूस्खलन से सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनके अलावा 97 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं. साथ ही 19 पुल बाढ़ में बह गए. प्रदेश में बारिश के बाद भूस्खलन से सड़कें बंद हो रही हैं. अभी भी 344 सड़कें बंद हैं. हालांकि लोक निर्माण विभाग सड़कों को बहाल करने का काम कर रहा, लेकिन बारिश होने से फिर से भूस्खलन हो रहे हैं. जिससे सड़कें बाधित हो रही है. लोक निर्माण विभाग ने टिप्पर, जेसीबी सहित 1036 मशीनें सड़क की बहाली के काम में लगा रखी है.
जल परियोजनाएं क्षतिग्रस्त: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के बाद भूस्खलन और सिल्ट से बड़ी संख्या में पानी व अन्य परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. मानसून में जल शक्ति विभाग के 5406 हैंडपंपों सहित 18048 परियोजनाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं. इनमें 9745 पेयजल परियोजनाएं हैं. हालांकि इनमें से करीब 9540 परियोजनाओं को अस्थाई तौर पर बहाल कर दिया गया है. अभी भी 205 पानी की परियोजनाएं बंद पड़ी हुई हैं. इस कारण लोगों को पानी की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा सिंचाई की 2510 परियोजनाएं, फ्लड कंट्रोल की 218 व सीवरेज की 169 परियोजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं. अब तक जल शक्ति विभाग को करीब ₹1860 करोड़ का नुकसान हो चुका है.
बिजली बोर्ड और कृषि को भारी नुकसान: इसके अलावा प्रदेश बिजली बोर्ड को भी करीब ₹1707 करोड़, कृषि को करीब ₹335 करोड़ और बागवानी को करीब ₹173 करोड़ का नुकसान हुआ है. ग्रामीण विकास विभाग को ₹369 करोड़, शिक्षा विभाग को ₹118 को नुकसान हुआ है. स्वास्थ्य विभाग को ₹44 करोड़ और मत्स्य पालन विभाग को ₹13.91 करोड़ और अन्य विभागों को ₹121 करोड़ का नुकसान मानसून में हुआ है.
12,039 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त: भारी बारिश के बाद प्रदेश के विभिन्न इलाकों में भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में रिहायशी व अन्य मकान भी आ रहे हैं. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 12,039 परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिनमें 2220 मकान पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं. जबकि 9819 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है. करीब 300 दुकानों के अलावा 4695 गौशालाएं भी ढह गईं. बारिश में होने वाले हादसों में प्रदेश में 348 लोगों की मौत हुई हैं. इसके अलावा 336 लोग जख्मी हुए हैं.
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