शिमला: हिमाचल में इस बार मानसून की बारिश ने जमकर कहर बरपाया है. भारी बारिश से प्रदेश में जानमाल को भारी नुकसान हुआ है. मानसून की मूसलाधार बारिश से अब तक प्रदेश को ₹4691 करोड़ का नुकसान हुआ है और नुकसान का आंकड़ा अभी और बढ़ने की आशंका है. वहीं, इस मानसून सीजन में बरसात अब तक 125 लोगों की जानें ले चुकी है. प्रदेश में 4900 से ज्यादा परिवारों के मकान भी बारिश में क्षतिग्रस्त हुए हैं.
अब तक ₹4691 करोड़ का नुकसान: हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश से जानमाल को भारी क्षति पहुंची है. मानसून की बारिश में सड़कों, पानी की परियोजनाओं, निजी संपत्तियों को अब तक ₹4691 करोड़ की क्षति हुई है. इसमें लोक निर्माण विभाग को करीब ₹1460 करोड़ की क्षति हुई है. प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं. 40 से ज्यादा पुल भी क्षतिग्रस्त हुए. लगातार हो रही बारिश से सड़कें भी बंद हो रही हैं.
प्रदेश की 682 सड़कें अभी भी बंद: लोक निर्माण विभाग सड़कों को खोलने के काम में जुटा है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक 682 सड़कें अभी भी बंद पड़ी हुई हैं. इनमें सबसे ज्यादा 408 सड़कें लोक निर्माण विभाग शिमला के तहत बंद हैं, जबकि 201 सड़कें मंडी जोन के तहत और 57 सड़कें कांगड़ा जोन और 16 सड़कें हमीरपुर जोन के तहत बंद हैं. विभाग ने सड़कों को खोलने के काम में करीब ट्रक टिप्पर सहित कुल 900 मशीनें लगाई हैं.
पेयजल परियोजनाओं को भारी नुकसान: भारी बारिश पेयजल परियोजनाएं बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं. जल शक्ति विभाग की पेयजल सहित सिंचाई, सिवरेज और बाढ़ नियंत्रण की कुल 7209 योजनाएं प्रभावित हुई हैं. जिनसे ₹1439.48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके अलावा बिजली बोर्ड को भी करीब ₹1451 करोड़ का नुकसान अब तक आंका गया है. प्रदेश में बिजली की कई परियोजनाओं को क्षति पहुंचाने के साथ ही बिजली की लाइनों को भी क्षति पहुंची है. इसके अलावा शहरी निकायों में भी करीब ₹6.47 करोड़ का नुकसान बारिश ने पहुंचाया है.
4900 परिवारों के आशियाने उजड़े: मानसून में प्रदेश में भारी जानी नुकसान हुआ है. मानसून में अब तक प्रदेश में 125 लोगों की जानें गई हैं. बादल फटने, भूस्खलन होने से प्रदेश में करीब 4903 परिवारों के आशियाने भी क्षतिग्रस्त हुए. इनमें 540 घर पूरी तरह, जबकि 4363 घरों को आंशिक क्षति पहुंची है. इनके अलावा 146 दुकानें भी इस बरसात में क्षतिग्रस्त हुई है. प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में 1163 से गौशालाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं.