शिमला: किडनी ट्रांसप्लांट के बाद आईजीएमसी में भर्ती डोनर और रिसीवर की हालत में लगातार सुधार हो रहा है. डॉक्टर्स की टीम ने सुबह और शाम चारों मरीजों की हालत का जायजा लिया. हालांकि, ट्रांसप्लांट के तीसरे दिन बुधवार को डोनर और रिसीवर सभी कुछ देर तक बैड पर भी बैठे.
बता दें कि बुधवार को चारों की सेहत काफी बेहतर दिखी. उन्होंने अपने परिजनों से हल्की बात भी की. डॉक्टर्स का कहना है कि समय बीतने के साथ-साथ उनकी हालत में सुधार हो रहा है. ऑपरेशन सक्सेस होने के चांसिज भी काफी बढ़ चुके हैं.
डॉक्टर्स का कहना है कि ट्रांसप्लांट के बाद पहले 48 से 72 घटे काफी नाजुक थे, लेकिन अब वे समय निकल गया है. ऐसे में कहा जा सकता है कि ट्रांसप्लांट सफल रहा है.
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आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर जनक राज का कहना है कि किडनी ट्रांसप्लांट के पेशेंट्स की हालत अब लगातार ठीक हो रही है. अब वे पहले से बेहतर महसूस कर रहे हैं. डॉक्टर्स की टीम ने उन पर लगातार निगरानी रखी है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सफल रहा है. डोनर व रिसीवर के लिए जो टाइम ज्यादा नाजुक था वे अब निकल चुका है.
बता दें कि प्रदेश में पहली बार आईजीएमसी में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है. इसके लिए दिल्ली एम्स से डॉक्टर्स की 18 सदस्यीय टीम आईजीएमसी पहुंची थी. सोमवार सुबह 8 बजे से लेकर 11.15 बजे तक पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया गया. जबकि दूसरा ट्रांसप्लांट 11.30 बजे शरू किया गया. दोनों ऑपरेशन्स सफल रहे हैं.
पहले ऑपरेशन में मंडी जिला के 31 वर्षीय युवक को उसकी 55 वर्षीय मां ने किडनी डोनेट की. जबकि दूसरे ऑपरेशन में शिमला की 41 वर्षीय महिला को उसके 64 वर्षीय पिता ने किडनी डोनेट की.शुरुआती चरण में दोनों मरीजों का ट्रांसप्लांट, तमाम तरह के टेस्ट और दवाइयां मुफ्त दी जाएंगी. प्रदेश सरकार ने इसके लिए 15 लाख का बजट अस्पताल प्रबंधन को जारी किया है.
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