शिमला: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से आई आपदा को देखते हुए स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यरत मेडिकल और पैरामेडिकल व अन्य स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं. स्वास्थ्य संस्थानों के स्टाफ को अलर्ट पर रखा है. जिससे कि आपदा की स्थिति में मेडिकल इमरजेंसी में लोगों को इलाज की सुविधा तुरंत प्रदान की जा सके. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों को किसी भी तरह की इमरजेंसी के लिए तैयार रहने को रखा गया है. स्वास्थ्य संस्थानों में स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों, पैरामेडिकल व अन्य स्टाफ की छुट्टियां अस्थाई तौर पर रद्द कर दी गई हैं. पीएचसी, सीएचसी, सिविल अस्पतालों सहित सभी अस्पतालों में इमरजेंसी रिस्पांस टीम को तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अगर आपदा से प्रभावित किसी व्यक्ति को लाया जाता है तो उसको तत्काल इलाज की सुविधा मिले.
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इसी तरह अस्पतालों में ड्रग्स और फर्स्ट एड किट सहित एंबुलेंसों को तैयार रखने के निर्देश दिए हैं. अगर जरूरत पड़ती है तो निजी एंबुलेंस को हायर किया जाने के लिए कहा गया है. बारिश के दौरान जल जनित रोगों के फैलने की आशंका रहती है, इनके लिए भी जरूरी दवाइयों का स्टॉक रखने के निर्देश दिए गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य संस्थानों और इनकी संपत्तियों को होने वाले नुकसान की रिपोर्ट तैयार रोजाना तैयार कर इसको स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के साथ अपडेट करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में अभी तक स्वास्थ्य संस्थानों की संपत्तियों को हल्का नुकसान हुआ है. हालांकि कुल्लू और मंडी में ड्रग एक-एक ड्रग एडिक्शन सेंटर में पानी भरने के कारण यहां दाखिल मरीजों को शिफ्ट किया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घर बाहर ना जाएं, अगर जरूरी हो तो तभी घर से निकलें. वहीं, नदी नालों से भी दूर रहें.