डेंगू बुखार को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जारी किए दिशा-निर्देश - डेंगू से बचाव
डेंगू को लेकर स्वास्थय विभाग चौकन्ना हो गया है. विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
शिमला: बरसात आने से पहले ही डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया है. विभाग ने बरसात के दिनों में डेंगू से बचने के लिए लोगों को विशेष हिदायतें देनी भी शुरू कर दी है. विभाग ने डेंगू से निपटने के लिए सभी चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. जितेंद्र चौहान ने बताया कि भारत सरकार ने अभी से डेंगू को लेकर उचित दिशा निर्देश दे दिए हैं. उन्होंने कहा कि शिमला जिला के रामपुर, सुन्नी, रोहड़ू में यह मच्छर अधिकत्तर पाया जाता है. उन्होंने बताया कि यह मच्छर रात के समय काटता है इसके काटने से बुखार आता है. इसे ब्रेक बोन फीवर भी कहा जाता है.
डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है. इन मच्छरों के शरीर पर चीत्ते जैसी धारियां होती हैं. ये मच्छर खासकर सुबह के समय काटते हैं. डेंगू जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है. मच्छर के काटे जाने के करीब 35 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं.
डेंगू की जांच के लिए शुरुआत में एंटीजन ब्लड टेस्ट (एनएस 1) किया जाता है. इस टेस्ट में डेंगू शुरू में ज्यादा पॉजिटिव आता है, जबकि बाद में धीरे-धीरे पॉजिविटी कम होने लगती है. डेंगू बुखार से पीड़ित मरीज के खून में डेंगू वायरस बहुत ज्यादा मात्रा में होता है. बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, भूख न लगना, मुंह का स्वाद खराब होना- गले में हल्का दर्द होने पर ब्लड टेस्ट करा लेना चाहिए.
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