शिमला: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए कर्फ्यू के बाद करोबार पूरी तरह से ठप्प हो गया है. इस दौरान जरूरी वस्तुओं की दुकानों के अलावा सभी दुकानें बंद हैं. ऐसे में अब तहबाजारियों को भी रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है और अब रेहड़ी-फड़ी वाले जिला प्रशासन से राशन देने की गुहार लगा रहे हैं.
तहबाजारी यूनियन ने डीसी को ज्ञापन भेजा है, जिसमे शहर में रेहड़ी लगाने वालों की मदद की अपील की है. तहबाजरियों का कहना है कि एक महीने से उनका करोबार पूरी तरह से ठप्प हो गया है. ऐसे में अब गुजारा करना मुश्किल हो गया है. उनका कहना है कि तहबाजारी शहर में रेहड़ी और फड़ी लगा कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, लेकिन कर्फ्यू के चलते एक महीने से कारोबार बंद पड़ा है और अब अधिकतर लोगों के पास अब राशन नहीं है.
तहबाजारी यूनियन के राज्य अध्यक्ष सुरेंद्र बिटु का कहना है कि शहर में करीब 800 तहबाजारी हैं जो हर रोज रेहड़ी लगा कर अपना पेट पालते हैं, लेकिन एक महीने से वह लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं. सुरेंद्र बिट्टू ने कहा कि कई लोगों की यूनियन ने खुद मदद की है, लेकिन अब वह भी मदद करने में असमर्थ है. सुरेंद्र बिट्टू ने कहा कि उन्होंने जिला उपायुक्त को ज्ञापन दिया है और राशन देने की मांग की है.
बता दें कोरोना को लेकर लगाए गए कर्फ्यू के चलते अधिकतर दुकानें बंद पड़ी हैं. एक महीने से लोग काम पर नहीं जा पा रहे हैं. इसका सबसे ज्यादा असर रेहड़ी फड़ी वालों पर पड़ा है. जिसके चलते अब इन लोगों को खाने के लिए राशन तक नहीं बचा है और अब इन लोगों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
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