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लॉकडाउन के बाद भी 'अनलॉक' नहीं हुए जिम, कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट

जिम बंद होने से जिम मालिकों का हौसला टूटने लगा है. इन्हें अपने परिवार और बच्चों के भविष्य की चिंता सता रही है. अब जिम का किराया चुकाने में इन्होंन हाथ खड़े कर दिए हैं. अब जिम कब अनलॉक होते हैं. ये प्रशासन और सरकार पर निर्भर है.

gym owners facing financial crisis
अनलॉक नहीं हुए जिम
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Published : Jul 3, 2020, 8:24 PM IST

शिमला: लॉकडाउन में कई लोगों के रोजगार पर तालाबंदी हो गई थी. लोग इस उम्मीद में थे कि लॉकडाउन खुलने पर कारोबार फिर पटरी पर पहले की तरह दौड़ने लगेगा. अनलॉक वन में धीरे-धीरे सरकार ने कई क्षेत्रों में ढील दी.

कारोबार तेज रफ्तार से ना सही पर धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है, लेकिन अनलॉक में भी जिम कारोबारी परेशान हैं, क्योंकि सरकार ने अभी तक जिम को खोलने की अनुमति नहीं दी है. कहने को तो यहां बड़े ही ऑर्गनाइज तरीके से लोगों को स्वस्थ रहने का मंत्र दिया जाता है, लेकिन इसकी गिनती ऐसे अन-ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में आ रही है जिसकी कमर कोरोना ने पूरी तरह तोड़ दी है.

वीडियो.

जिम संचालकों को उम्मीद थी की अनलॉक में जिम खोले जाएंगे, लेकिन सरकार ने अभी तक जिम खोलने की अनुमति नहीं दी है. शिमला में ही 40 से 50 छोटे-बड़े जिम हैं. बड़े जिम मालिक 25 हजार से लेकर 50 हजार तक किराया हर महीने में चुका रहे हैं.

जिम बंद होने से जिम संचालकों को तो नुकसान हो ही रहा है. जिम मालिक ट्रेनर्स और क्लीनिंग स्टाफ को भी वेतन नहीं दे पा रहे हैं. साथ ही जिम के शौकीन लोग भी जिम ना खुलने से परेशान हैं. जिम संचालकों की आमदनी शून्य है और खर्चा हजारों का.

शिमला के जिम संचालकों ने तो एसओपी भी खुद ही तैयार कर प्रशासन को दी है कि अगर उनके जिम खोले जाते है तो वह किस तरह से कोविड से बचाव को लेकर एतिहायत बरतेंगे ताकि कोरोना का खतरा ना रहे.

ये भी पढ़ें: कोरोना का साइड इफेक्ट: संकट में प्राइवेट स्कूल, हर महीने हो रहा लाखों का नुकसान

शिमला: लॉकडाउन में कई लोगों के रोजगार पर तालाबंदी हो गई थी. लोग इस उम्मीद में थे कि लॉकडाउन खुलने पर कारोबार फिर पटरी पर पहले की तरह दौड़ने लगेगा. अनलॉक वन में धीरे-धीरे सरकार ने कई क्षेत्रों में ढील दी.

कारोबार तेज रफ्तार से ना सही पर धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है, लेकिन अनलॉक में भी जिम कारोबारी परेशान हैं, क्योंकि सरकार ने अभी तक जिम को खोलने की अनुमति नहीं दी है. कहने को तो यहां बड़े ही ऑर्गनाइज तरीके से लोगों को स्वस्थ रहने का मंत्र दिया जाता है, लेकिन इसकी गिनती ऐसे अन-ऑर्गनाइज्ड सेक्टर में आ रही है जिसकी कमर कोरोना ने पूरी तरह तोड़ दी है.

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जिम संचालकों को उम्मीद थी की अनलॉक में जिम खोले जाएंगे, लेकिन सरकार ने अभी तक जिम खोलने की अनुमति नहीं दी है. शिमला में ही 40 से 50 छोटे-बड़े जिम हैं. बड़े जिम मालिक 25 हजार से लेकर 50 हजार तक किराया हर महीने में चुका रहे हैं.

जिम बंद होने से जिम संचालकों को तो नुकसान हो ही रहा है. जिम मालिक ट्रेनर्स और क्लीनिंग स्टाफ को भी वेतन नहीं दे पा रहे हैं. साथ ही जिम के शौकीन लोग भी जिम ना खुलने से परेशान हैं. जिम संचालकों की आमदनी शून्य है और खर्चा हजारों का.

शिमला के जिम संचालकों ने तो एसओपी भी खुद ही तैयार कर प्रशासन को दी है कि अगर उनके जिम खोले जाते है तो वह किस तरह से कोविड से बचाव को लेकर एतिहायत बरतेंगे ताकि कोरोना का खतरा ना रहे.

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