शिमला: भारतीय केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण यानी सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी इंडिया (सीईए) ने उर्जा सेक्टर की विख्यात कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) के पक्ष में कुल 3777 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं की डीपीआर की सहमति यानी कंकरेंस को हस्तांतरित कर दिया है. यही नहीं, सीईए ने उपरोक्त सहमति की वैधता को भी बढ़ा दिया है. एसजेवीएनएल के सीएमडी नंद लाल शर्मा के अनुसार, इसमें 3097 मेगावाट की एटलिन एचईपी परियोजना और 680 मेगावाट की अतुनली एचईपी शामिल है. ये परियोजनाएं अरुणाचल प्रदेश से संबंधित हैं. इनमें 3097 मेगावाट की एटलिन एचईपी हाइड्रो परियोजना देश की सबसे बड़ी विकासाधीन परियोजना है.
उल्लेखनीय है कि उपरोक्त परियोजनाएं पहले प्राइवेट डेवलपर्स को आवंटित की गई थी. सीएमडी नंद लाल शर्मा ने बताया कि केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण यानी सीईए ने पहले एटलिन हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड और अतुनली हाइड्रो इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड के पक्ष में सहमति प्रदान की थी. मार्च 2022 के मूल्य स्तर पर एटलिन एचईपी की परियोजना लागत 32,813 करोड़ रुपये है, जबकि अतुनली एचईपी के लिए यह परियोजना लागत 6,866 करोड़ रुपये है. यही नहीं, एसजेवीएन को 3097 मेगावाट की एटलिन, 680 मेगावाट की अतुनली, 500 मेगावाट की एमिनी, 420 मेगावाट की अमुलिन और 400 मेगावाट मिहुमडन नाम की रन ऑफ द रिवर पर आधारित जलविद्युत परियोजनाएं आबंटित की गई हैं.
नंद लाल शर्मा ने कहा कि 3097 मेगावाट की एटालिन एचईपी भारत में विकासाधीन सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना है.प हले यह सभी परियोजनाएं प्राइवेट डेवलपर्स को आवंटित की गई थी. अरुणाचल प्रदेश सरकार ने इन परियोजनाओं को एसजेवीएन को पुन: आवंटन कर दिया है, क्योंकि प्राइवेट डेवलपर्स इनके निर्माण में सफल नहीं हो पा रहे थे. उल्लेखनीय है कि इन परियोजनाओं को लेकर केंद्रीय उर्जा मंत्री आरके सिंह और अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू की मौजूदगी में एसजेवीएनएल और अरुणाचल प्रदेश सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओए) पर अगस्त 2023 में हस्ताक्षर किए गए थे. सीईए से इन परियोजनाओं की डीपीआर री-वैलिडेशन के लिए प्रक्रिया के अंतर्गत है. वहीं, अन्य मामलों में अधिकांश वैधानिक स्वीकृतियां पहले ही प्राप्त हो चुकी हैं.
नंद लाल शर्मा ने बताया कि परियोजनाओं की कमीशनिंग पर 3097 मेगावाट एटलिन एचईपी 12,752 मिलियन यूनिट विद्युत पैदा करेगी.वहीं, 680 मेगावाट वाली परियोजना 2,814 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्पादन करेगी.जबकि दोनों परियोजनाओं से लेवलाइज्ड टैरिफ 4.51 रुपये प्रति यूनिट है.
सीएमडी के अनुसार इन दोनों परियोजनाओं के निर्माण में लगभग 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा.परियोजनाओं की कमीशनिंग से सडक़ों और पुलों, सामुदायिक संपत्तियों, स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास एवं शिक्षा जैसे बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा.इससे परियोजना से जुड़े परिवारों को अतिरिक्त लाभ सहित अरुणाचल प्रदेश के विकास की नई शुरूआत होगी.उल्लेखनीय है कि एसजेवीएनएल देश की मिनी नवरत्न कंपनी है और उर्जा सेक्टर में ये देश ही नहीं विदेश में भी विख्यात है.