शिमला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar) ने मंगलवार को राजभवन में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University ) द्वारा तैयार दिव्यांग विद्यार्थियों, शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों के मानवाधिकार संरक्षण के लिए नीति दस्तावेज जारी (Equal Opportunity Policy document) किया. दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति नामक इस दस्तावेज में उनसे संबंधित सभी प्रकार के कानूनी प्रावधानों, सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट के फैसलों और हिमाचल प्रदेश सरकार की नीतियों का सार समाहित किया गया है.
इसके अतिरिक्त, प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए बनाई गई नीतियां भी इसमें शामिल की गई हैं. राजभवन में विश्वविद्यालय के लगभग 35 दिव्यांग विद्यार्थी भी उपस्थित थे. इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबंधित सभी महाविद्यालयों में इस नीति को लागू करने की आवश्यकता है. हालांकि इसके लिए नीति की आवश्यकता नहीं पड़ती है, बल्कि सुझबूझ की आवश्यकता पड़ती है.
उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए समान अवसर नीति दस्तावेज कागजों तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह जीवन की पद्धति बनना चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर इस प्रकार की नीति तैयार कर विश्वविद्यालय द्वारा देश में अग्रणी पहल की गई है और इससे समाज को भी सकारात्मक दिशा मिलेगी. उन्होंने कहा कि इस नीति दस्तावेज से न सिर्फ दिव्यांग विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों को भी लाभ होगा.
इससे पूर्व, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसपी बंसल ने नीति दस्तावेज जारी करने के लिए राज्यपाल का स्वागत किया तथा दिव्यांगजनों के लिए विश्वविद्यालय में किए गए प्रयासों और कार्यों की जानकारी दी. दिव्यांगजनों के लिए नोडल अधिकारी प्रो. अजय श्रीवास्तव ने नीति दस्तावेज तैयार करने और इस दिशा में सहयोग के लिए पूर्व कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार और वर्तमान कुलपति प्रो. एसपी बंसल का आभार व्यक्त किया. राज्यपाल के सचिव विवेक भाटिया भी इस अवसर पर उपस्थित थे. इससे पूर्व दिव्यांग विद्यार्थियों को राजभवन का भ्रमण कराने की व्यवस्था भी की गई थी.
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