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नानाजी देशमुख को राज्यपाल और सीएम ने किया याद, नम आंखों से अर्पित की श्रद्धांजलि

भारतीय जनसंघ के संस्थापक नानाजी देशमुख को उनकी 104वीं जयंती पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुष्पांजलि अर्पित की.

Nanaji Deshmukh  birth anniversary
राज्यपाल ने नानाजी देशमुख को दी श्रद्धांजलि
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Published : Oct 11, 2020, 7:14 PM IST

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक नानाजी देशमुख को उनकी 104वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. राज्यपाल ने एक संदेश में कहा कि नानाजी देशमुख ने समाज के निर्माण के लिए स्वार्थ रहित होकर कार्य किया.

राज्यपाल ने कहा भारत के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने लोगों को गांव के विकास का महत्व बताया. वर्तमान परिदृश्य में, हमारे समाज के लिए और सामाजिक कार्यकर्ताओं व नेताओं के लिए वह आज भी एक आदर्श हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि नानाजी देशमुख द्वारा ग्रामीण विकास के लिए किए गए कार्य बहुत प्रेरणादायक हैं.

सम्पूर्ण जीवन के दौरान उन्होंने त्याग, तपस्या और समर्पण भाव से कार्य किया और सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा अपनाकर आदर्श की स्थापना की. आज राष्ट्र के प्रति उनके सपने साकार करने के लिए कृतसंकल्प होकर कार्य करने का दिन है.

बता दें कि नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के कडोली कस्बे में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका जीवन घोर गरीबी और संघर्षों में बीता. उन्होंने छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया. मामा ने उनका लालन-पालन किया. बचपन अभावों में बीता.

उनके पास शुल्क देने और पुस्तकें खरीदने तक के लिये पैसे नहीं थे किन्तु उनके अन्दर शिक्षा और ज्ञानप्राप्ति की उत्कट अभिलाषा थी. इसलिए इस कार्य के लिये उन्होने सब्जी बेचकर पैसे जुटाये. वे मन्दिरों में रहे और पिलानी के बिरला इंस्टीट्यूट से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की.

ये भी पढ़ें: जेपी नड्डा रखेंगे प्रदेश के इन 6 जिलों में BJP कार्यालयों की आधारशिला

शिमला: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भारतीय जनसंघ के संस्थापक नानाजी देशमुख को उनकी 104वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. राज्यपाल ने एक संदेश में कहा कि नानाजी देशमुख ने समाज के निर्माण के लिए स्वार्थ रहित होकर कार्य किया.

राज्यपाल ने कहा भारत के विकास में उनका बहुत बड़ा योगदान है. उन्होंने लोगों को गांव के विकास का महत्व बताया. वर्तमान परिदृश्य में, हमारे समाज के लिए और सामाजिक कार्यकर्ताओं व नेताओं के लिए वह आज भी एक आदर्श हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि नानाजी देशमुख द्वारा ग्रामीण विकास के लिए किए गए कार्य बहुत प्रेरणादायक हैं.

सम्पूर्ण जीवन के दौरान उन्होंने त्याग, तपस्या और समर्पण भाव से कार्य किया और सार्वजनिक जीवन में सत्यनिष्ठा अपनाकर आदर्श की स्थापना की. आज राष्ट्र के प्रति उनके सपने साकार करने के लिए कृतसंकल्प होकर कार्य करने का दिन है.

बता दें कि नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को महाराष्ट्र के हिंगोली जिले के कडोली कस्बे में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका जीवन घोर गरीबी और संघर्षों में बीता. उन्होंने छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया. मामा ने उनका लालन-पालन किया. बचपन अभावों में बीता.

उनके पास शुल्क देने और पुस्तकें खरीदने तक के लिये पैसे नहीं थे किन्तु उनके अन्दर शिक्षा और ज्ञानप्राप्ति की उत्कट अभिलाषा थी. इसलिए इस कार्य के लिये उन्होने सब्जी बेचकर पैसे जुटाये. वे मन्दिरों में रहे और पिलानी के बिरला इंस्टीट्यूट से उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की.

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