शिमला: चालू वित्त वर्ष में प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों में 50 जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे. इसमें जोनल, क्षेत्रीय और सिविल अस्पताल मुख्य तौर पर शामिल होंगे. सरकार के इस कदम द्वारा किफायती और सुलभ औषधि आम लोगों तक पहुंचेंगी तथा लोगों को बेवजह महंगी दवाओं पर अतिरिक्त खर्च से भी निजात मिलेगी. यह बात स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री धनी राम शांडिल ने राज्य स्तरीय जन औषधि दिवस के मौके पर अपने संबोधन के दौरान आज होटल होलीडे होम में कही.
अपने संबोंधन में उन्होंने कहा कि जन औषधि केन्द्रों पर मिलने वाली दवाइयों की कीमतें बाजार में बिक रही दवाइयों की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक कम हैं. इसके चलते देश में वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 1100 करोड़ की बिक्री प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि केन्द्रों से की गई है. जिससे आम जनता के लगभग 6600 करोड़ रुपए बचाए गए हैं. जनसंख्या के अनुपात में हिमाचल की भूमिका इस कार्य में अग्रणी है.
मंत्री ने कहा कि सस्ती और प्रभावकारी दवाएं आम लोगों तक आसानी से पहुंचे, इसके लिए प्रदेश सरकार आगामी समय में जन औषधि केंद्रों का विस्तार करेगी. पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को जेनेरिक दवाएं लिखने के निर्देश दिए गए हैं. इसकी निगरानी समय-समय पर सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाएगी. उन्होंने ग्लोबल वॉर्मिंग के कारण स्वास्थ्य पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों पर भी चिंता जाहिर की. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से पर्यावरण को बचाने के लिए हर संभव कार्य करने की अपील भी की.
इस मौके पर स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी ने भी जेनेरिक दवाओं पर बल देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग इस दिशा में प्रभावी कदम उठाएगा. उन्होंने जन औषधि केंद्रों के जरिए लोगों को दी जा रही सस्ती और प्रभावी दवाओं पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने मंत्री का स्वागत और सम्मान भी किया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन डॉयरेक्टर हेमराज बैरवा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया. कार्यक्रम में जन औषधि मित्रों को भी सम्मानित किया गया.