शिमला: देवभूमि हिमाचल प्रदेश में व्यवस्था ने बेटियों के जीवन को सहज और गरिमापूर्ण बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं. नारों से ऊपर उठकर सचमुच बेटियों को अनमोल माना है. सिंगल गर्ल चाइल्ड के लिए हर मेडिकल कॉलेज व डेंटल कॉलेज में क्रमश: एमबीबीएस व बीडीएस की एक सीट आरक्षित की गई हैं. इसके अलावा राज्य सरकार ने बेटी है अनमोल योजना भी चलाई है. (INTERNATIONAL GIRL CHILD DAY).
एक बूटा बेटी के नाम योजना: वन विभाग ने भी एक अनूठा प्रयास किया है और एक बूटा बेटी के नाम योजना से न केवल घर की बेटी की अहमियत बढ़ी है, बल्कि धरती मां को भी हरियाली रोपने के लिए चुना है. इसी तरह अन्य योजनाओं से भी गर्ल चाइल्ड का जीवन संवर रहा है. हिमाचल के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में तो वैसे भी बेटियों की बादशाहत चलती है. लाहौल-स्पीति में घर से लेकर समाज के हर निर्णय में बेटियों की हुकूमत है. यहां बेटी के जन्म पर खुशी मनाई जाती है. यहां का बाल लिंग अनुपात देश में सर्वाधिक है. यहां सौ लड़कों पर 112 लड़कियां हैं.
बेटी है अनमोल योजना: हिमाचल प्रदेश में बेटी है अनमोल योजना (Beti hai anmol yojana) के तहत अब तक 98 हजार से अधिक बेटियों पर 32.81 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं. इस योजना का लाभ परिवार की दो बेटियों को दिया जा सकता है. योजना के तहत बेटियों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है. बेटी के जन्म पर सरकार उसके खाते में दस हजार रुपए की राशि जमा करती है. इस राशि को बेटी 18 साल की होने पर निकाल सकती है. (Government schemes for girls in Himachal).
इसके अलावा योजना के तहत पढ़ाई निशुल्क है. वहीं, सुकन्या समृद्धि योजना बेशक केंद्र सरकार की है, लेकिन उसमें भी हिमाचल ने बहुत बेहतर काम किया है. हिमाचल में इस योजना में हर साल तय लक्ष्य को समय पर पूरा किया है. इसके अलावा हिमाचल में सितंबर 2019 में एक बूटा बेटी के नाम योजना शुरू की गई थी. योजना के तहत अब तक 36 हजार परिवारों ने बेटी के जन्म पर पांच पौधे लगाए हैं.
पौधे व उनके रोपण की पूरी किट का खर्च राज्य सरकार देती है. यही नहीं, राज्य सरकार बेटी के जन्म पर परिवार को बेबी किट दी जाती है. उसमें बच्ची की देखभाल में काम आने वाला सारा सामान दिया जाता है. इसके साथ ही शगुन योजना में जयराम सरकार गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए 31 हजार रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान करती है. यदि कोई हिमाचल की लड़की बाहरी राज्य में विवाह करती है तो उसे भी योजना का लाभ मिलेगा.
हर क्षेत्र में हिमाचल की बेटियों आगे: हिमाचल की बेटियों ने हर फील्ड में नाम कमाया है. क्रिकेट में सुषमा वर्मा, एथलेटिक्स में सुमन रावत, हॉकी में गोसाईं सिस्टर्स, कबड्डी में कविता नेगी, ड्राइविंग में सीमा ठाकुर सहित हर फील्ड में बेटियां परचम लहरा रही हैं. हिमाचल में इस समय कई जिलों में पुलिस कप्तान बेटियां हैं. शालिनी अग्निहोत्री, मोनिका भटुंगरू सहित कई बेटियों ने पुलिस महकमे में सेवाएं देकर नाम रोशन किया है. हिमाचल में चंबा जिला की बेटी आशा स्वरूप प्रदेश की मुख्य सचिव रही हैं. ये लिस्ट और भी समृद्ध है.
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