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देव आस्था का प्रतीक तानिजुब्बड़ मेला संपन्न, महिलाओं ने अपने दम पर करवाया आयोजन

मैलन से चतुर्भुज महाराज की पालकी देव कारदार ढोल नगाड़ों ओर विशेष नृत्य कर लाई जाती है. इस मेले के समापन की पहली शाम को देवता का आगमन हो जाता है और दूसरे दिन तानिजुब्बड़ के मैदान में देवता की पालकी का स्वागत भव्य तरीके से किया जाता है.

तानिजुब्बड़ मेला संपन्न
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Published : May 31, 2019, 11:20 PM IST

ठियोगः देवभूमि हिमाचल में देव परम्पराओं को निभाने के लिए लोगों की आस्था देखते ही बनती है. वो चाहे कोई त्यौहार हो या कोई मेला. प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नारकंडा से 12 किलोमीटर दूर जरोल पंचायत में तानिजुब्बड़ मेला लोगों की आस्था से जुड़ा है. पूर्वजों के समय से मनाए जा रहे इस मेले में हर साल कई आयोजन किए जाते हैं. इस मेले में सबसे मुख्य आकर्षण का केंद्र मैलन के देवता चतुर्भुज के आगमन का होता है.

TANIJUBBAD FAIR
तानिजुब्बड़ मेला संपन्न

मैलन से चतुर्भुज महाराज की पालकी देव कारदार ढोल नगाड़ों ओर विशेष नृत्य कर लाई जाती है. इस मेले के समापन की पहली शाम को देवता का आगमन हो जाता है और दूसरे दिन तानिजुब्बड़ के मैदान में देवता की पालकी का स्वागत भव्य तरीके से किया जाता है. ढोल नगाड़ों की धुन के साथ लोग देवता की पालकी को मैदान तक लाते हैं और नृत्य करते हैं. मैदान में पहुंचते ही देवता की पालकी पूरे मैदान में घूमती है और उसके बाद देवता को नचाया जाता है.

पढ़ेंः मैथ्स में फेल विद्यार्थियों के लिए राहत भरी खबर, जानें क्या लिया HPU ने फैसला

लोगों की आस्था का सैलाब यंहा लोगों की भीड़ देखते ही बनता है. लोग आसपास के इलाकों से इस दिन विशेष तौर पर मेला देखने आते हैं और देवता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. इस मेले को हर साल पंचायत कमेटी की ओर से कराया जाता है. खास बात ये है कि इस साल महिलाओं ने इस पूरे मेले का आयोजन अपने दम पर किया. पंचायत की प्रधान सुशीला श्याम का कहना है कि इस मेले के माध्यम से लोगों को आपस में मिलने का अच्छा बहाना मिल जाता है और लोग देवता के दर्शन भी करते हैं.

तानिजुब्बड़ मेला संपन्न

चार दिनों तक चलने वाले इस मेले में कई खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाए जाते हैं. इस साल भी बॉलीबाल, कबड्डी ,ओर लोकनृत्य की प्रतियोगिता कराई गई, जिसमें 20 टीमों ने भाग लिया. स्कूली स्तर की प्रतियोगिता में जंहा गड़ाकुफर की टीम ने बॉलीबाल में जीत हासिल की वहीं ओपन स्तर की प्रतियोगिता में चंडीगढ़ की टीम को जीत हासिल हुई, जिन्हें कमेटी की तरफ से पुरस्कार प्रदान किए गए.

ये भी पढ़ेंः कैबिनेट मीटिंग से पहले जयराम सरकार ने किया फेरबदल, 8 जिलों के DC समेत 13 अफसरों के तबादले

ठियोगः देवभूमि हिमाचल में देव परम्पराओं को निभाने के लिए लोगों की आस्था देखते ही बनती है. वो चाहे कोई त्यौहार हो या कोई मेला. प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नारकंडा से 12 किलोमीटर दूर जरोल पंचायत में तानिजुब्बड़ मेला लोगों की आस्था से जुड़ा है. पूर्वजों के समय से मनाए जा रहे इस मेले में हर साल कई आयोजन किए जाते हैं. इस मेले में सबसे मुख्य आकर्षण का केंद्र मैलन के देवता चतुर्भुज के आगमन का होता है.

TANIJUBBAD FAIR
तानिजुब्बड़ मेला संपन्न

मैलन से चतुर्भुज महाराज की पालकी देव कारदार ढोल नगाड़ों ओर विशेष नृत्य कर लाई जाती है. इस मेले के समापन की पहली शाम को देवता का आगमन हो जाता है और दूसरे दिन तानिजुब्बड़ के मैदान में देवता की पालकी का स्वागत भव्य तरीके से किया जाता है. ढोल नगाड़ों की धुन के साथ लोग देवता की पालकी को मैदान तक लाते हैं और नृत्य करते हैं. मैदान में पहुंचते ही देवता की पालकी पूरे मैदान में घूमती है और उसके बाद देवता को नचाया जाता है.

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लोगों की आस्था का सैलाब यंहा लोगों की भीड़ देखते ही बनता है. लोग आसपास के इलाकों से इस दिन विशेष तौर पर मेला देखने आते हैं और देवता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते हैं. इस मेले को हर साल पंचायत कमेटी की ओर से कराया जाता है. खास बात ये है कि इस साल महिलाओं ने इस पूरे मेले का आयोजन अपने दम पर किया. पंचायत की प्रधान सुशीला श्याम का कहना है कि इस मेले के माध्यम से लोगों को आपस में मिलने का अच्छा बहाना मिल जाता है और लोग देवता के दर्शन भी करते हैं.

तानिजुब्बड़ मेला संपन्न

चार दिनों तक चलने वाले इस मेले में कई खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाए जाते हैं. इस साल भी बॉलीबाल, कबड्डी ,ओर लोकनृत्य की प्रतियोगिता कराई गई, जिसमें 20 टीमों ने भाग लिया. स्कूली स्तर की प्रतियोगिता में जंहा गड़ाकुफर की टीम ने बॉलीबाल में जीत हासिल की वहीं ओपन स्तर की प्रतियोगिता में चंडीगढ़ की टीम को जीत हासिल हुई, जिन्हें कमेटी की तरफ से पुरस्कार प्रदान किए गए.

ये भी पढ़ेंः कैबिनेट मीटिंग से पहले जयराम सरकार ने किया फेरबदल, 8 जिलों के DC समेत 13 अफसरों के तबादले


---------- Forwarded message ---------
From: Suresh Sharma <journalist.suresh86@gmail.com>
Date: Fri, May 31, 2019, 6:24 PM
Subject: आस्था का प्रतीक तानिजुब्बड़ मेला सम्पन्न
To: <rajneeshkumar@etvbharat.com>


देव भूमि हिमाचल में देव परम्पराओं को निभाने के लिए लोगो की आस्था देखते ही बनती है।वो चाहे कोई त्यौहार हो या कोई मेला।प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नारकण्डा से 12 किलोमीटर दूर जरोल पंचायत में तानिजुब्बड़ मेला लोगों की आस्था से जुड़ा है। पूर्वजों के समय से मनाए जा रहे इस मेले में हर साल कई आयोजन किए जाते है। इस मेले में सबसे मुख्य आकर्षण का केंद्र मैलन के देवता चतुर्भुज के आगमन का होता है।मैलन से चतुर्भुज महाराज की पालकी देव कारदार ढोल नगाड़ों ओर विशेष नृत्य कर लाई जाती है।इस मेले के समापन की पहली शाम को देवता का आगमन हो जाता है और दूसरे दिन तानिजुब्बड़ के मैदान में देवता की पालकी का स्वागत भव्य तरीके से किया जाता है। ढोल नगाड़ों की धुन के साथ लोग देवता की पालकी को मैदान तक लाते है और नृत्य करते है। मैदान में पहुंचते ही देवता की पालकी पूरे मैदान में घूमती है और उसके बाद देवता को नचाया जाता है। लोगों की आस्था का सैलाब यंहा लोगों की भीड़ देखते ही बनता है। लोग आसपास के इलाकों से इस दिन विशेष तौर पर मेला देखने आते है । और देवता के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेते है।इस मेले को हर साल पंचायत कमेटी की ओर से कराया जाता है। और खास बात ये है कि इस साल महिलाओं ने इस पूरे मेले का आयोजन अपने दम पर किया।पंचायत की प्रधान सुशीला श्याम का कहना है कि इस मेले के माध्यम से लोगो को आपस मे मिलने का अच्छा बहाना मिल जाता है।और लोग देवता के दर्शन भी करते है।

बाईट,,, सुशीला श्याम
प्रधान जरोल 

चार दिनों तक चलने वाले इस मेले में कई खेलकूद ओर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी करवाये जाते है।और इस साल भी बॉलीबाल, कबड्डी ,ओर लोकनृत्य की प्रतियोगिता कराई गई जिसमें 20 टीमो ने भाग लिया।स्कूली स्तर की प्रतियोगिता में जंहा गड़ाकुफर की टीम ने बॉलीबाल में जीत हासिल की वन्ही ओपन स्तर की प्रतियोगिता में चंडीगढ़ की टीम को जीत हासिल हुई। जिन्हें कमेटी की तरफ से पुरस्कार प्रदान किए गए।
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