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DDU अस्पताल में डॉक्टरों की भारी लापरवाही, डिलीवरी के दौरान पेट में छोड़ा गौजपीस - हिमाचल न्यूज

जिले के क्षेत्रीय दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला की जान पर बन आई है.

दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल
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Published : Feb 27, 2019, 3:11 PM IST

शिमला: जिले के क्षेत्रीय दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला की जान पर बन आई है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में डॉक्टर व स्टाफ ने गौजपीस ही छोड़ दिया था.

दरअसल कृष्णा नगर निवासी महिला ने आरोप लगाया है कि 28 दिसंबर को उसकी डिलीवरी डीडीयू अस्पताल में हुई थी और 4 जनवरी को उसको डिस्चार्ज कर दिया गया था. डिस्चार्ज होते वक्त महिला के पेट में तेज दर्द होते ही उसने नर्स को बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है, तो नर्स ने कहा कि टांके लगने की वजह से दर्द हो रहा है. तीन हफ्ते के बाद महिला को ज्यादा दर्द शूरू हो गया और ब्लड रूकने के साथ-साथ बी.पी. भी बढ़ने गया. महिला को लगा कि शायद उसके पेट में कुछ है. इसलिए महिला अपने मायके चली गई.

deen dayal upadhayay
दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल

जब पीड़ित को पेट से बदबू और दर्द ज्यादा होने लगा तो वो अपने पिता के साथ पीजीआई चली गई, जहां पर डॉक्टरों ने उसे ठीक न होने की बात कही. वहीं, महिला की दोस्त नर्स ने जब चेक किया तो महिला के पेट में गौजपीस पाई गई. पीड़ित महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

एम.एस लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि ऐसा कोई भी मामला उनके पास नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अघर महिला के साथ इस तरह की घटना हुई है, तो डॉक्टर्स और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

शिमला: जिले के क्षेत्रीय दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला की जान पर बन आई है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में डॉक्टर व स्टाफ ने गौजपीस ही छोड़ दिया था.

दरअसल कृष्णा नगर निवासी महिला ने आरोप लगाया है कि 28 दिसंबर को उसकी डिलीवरी डीडीयू अस्पताल में हुई थी और 4 जनवरी को उसको डिस्चार्ज कर दिया गया था. डिस्चार्ज होते वक्त महिला के पेट में तेज दर्द होते ही उसने नर्स को बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है, तो नर्स ने कहा कि टांके लगने की वजह से दर्द हो रहा है. तीन हफ्ते के बाद महिला को ज्यादा दर्द शूरू हो गया और ब्लड रूकने के साथ-साथ बी.पी. भी बढ़ने गया. महिला को लगा कि शायद उसके पेट में कुछ है. इसलिए महिला अपने मायके चली गई.

deen dayal upadhayay
दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल

जब पीड़ित को पेट से बदबू और दर्द ज्यादा होने लगा तो वो अपने पिता के साथ पीजीआई चली गई, जहां पर डॉक्टरों ने उसे ठीक न होने की बात कही. वहीं, महिला की दोस्त नर्स ने जब चेक किया तो महिला के पेट में गौजपीस पाई गई. पीड़ित महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

एम.एस लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि ऐसा कोई भी मामला उनके पास नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अघर महिला के साथ इस तरह की घटना हुई है, तो डॉक्टर्स और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.


डिलीवरी के बाद महिला के पेट में छोड़ा गौजपीस, बाल-बाल बचाई जान 

शिमला के डी.डी.यू. अस्पताल में पेश आया मामला 

महिला के बीमार होने पर ही चला गौजपीस का पता 

28 दिसबंर को हुई थी महिला की डिलीवरी

4 जनवरी को हुई थी महिला अस्पताल से डिस्चार्ज 

शिमला 

क्षेत्रीय दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला में डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही का एक बड़ा मामला सामने आया है। यहां पर डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में डॉक्टर व स्टाफ ने गौजपीस ही छोड़ दिया। जिससे की महिला की जान बाल-बाल बचाई है। शिमला के कृष्णा नगर में रह रही 30 वर्षीय महिला पूनम ने आरोप लगाए है कि उनकी बिते 28 दिसबंर को डी.डी.यू. अस्पताल में डिलीवरी हुई है और 4 जनवरी को डिस्चार्ज किया गया। जब अस्पताल से डिस्चार्ज कर रहे थे तो उस दौरान ही उसे दर्द हुआ था। ऐसे में महिला ने नर्स को अवगत करवाया की दर्द बहुत हो रहा है, लेकिन नर्स ने बताया कि जो टांके लगे हुए है उसकी वजह से दर्द हो रहा है। ऐसे में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। महिला जब घर पर थी तो उसे तीन हफते के बाद ज्यादा ही दर्द हो गया और बल्ड रूक गया वहीं बी.पी. भी बढ़ गया। महिला को लगा कि शायद पेट में कुछ हो सकता है। ऐसे में महिला अपने माईके चंडीगढ़ चली गई। महिला का कहना है कि जब उसे अंदर से स्मेल आ रही थी और दर्द ज्यादा ही हुआ तो वह अपने पिता राम प्रकाश के साथ पी.जी.आई. चली गई। वहां पर डाक्टर ने भी ही कहा कि अब यह ठीक होने वाली नहीं है। ऐसे में महिला घबरा गई। पीडि़त महिला के माइके में उसकी एक फे्रंड नर्स थी उसने जब उसे चैक किया तो उसने उसे एक दर्द का इंजैक्शन दिया और उसके पेट से गौजपीस निकाला। तभी खुलासा हुआ कि महिला पेट में डीलिवरी के दौरान गौजपीस छोड़ दिया था। महिला ने बड़े मुश्किल से अपनी जान बचाई है। महिला ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि डी.डी.यू. अस्पताल में डाक्टर सहित जो उस दौरान स्टाफ मौजूद था उनके खिलाफ सखत से सखत कार्रवाई की जाए। आरोप है कि यहां पर महिला मरीजों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। महिलाएं यहां पर बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। 

पुलिस में भी करवांएगे मामला दर्ज 

महिला के भाई अजय का कहना है कि यह सब कुछ डॉक्टर और उस दौरान मौजूद अन्य स्टाफ की वजह से हुआ है। इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कर्रवाई जाएगी। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बहन की जिंदगी बड़े मुश्किल से बचाई है। अजय ने सरकार से मांग की है कि इस मामले में कार्रवाई की जाए ताकि किसी अन्य महिलाओं के साथ भी कोई इस तरह की घटना पेश न आए। अजय कहना है कि वे चंडीगढ़ में सैक्टर-24 में रहते है। वे कुछ ही दिनों में अपनी बहन के साथ शिमला आएगे और पुलिस में शिकात दर्ज करवाएगे। 

यह मामला हमारे घ्यान में नहीं आया है और न ही कोई ऐसी शिकायत मिली है। अगर महिला के साथ इस तरह की घटना हुई होगी तो कार्रवाई की जाएगी। वैसे स्टाफ की तरफ से ऐसर गलती नहीं हो सकती है। 

-लोकेंद्र शर्मा एम.एस. डी.डी.यू. अस्पताल। 


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