शिमला: जिले के क्षेत्रीय दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही के कारण महिला की जान पर बन आई है. परिजनों ने आरोप लगाया है कि डिलीवरी के दौरान महिला के पेट में डॉक्टर व स्टाफ ने गौजपीस ही छोड़ दिया था.
दरअसल कृष्णा नगर निवासी महिला ने आरोप लगाया है कि 28 दिसंबर को उसकी डिलीवरी डीडीयू अस्पताल में हुई थी और 4 जनवरी को उसको डिस्चार्ज कर दिया गया था. डिस्चार्ज होते वक्त महिला के पेट में तेज दर्द होते ही उसने नर्स को बताया कि उसके पेट में दर्द हो रहा है, तो नर्स ने कहा कि टांके लगने की वजह से दर्द हो रहा है. तीन हफ्ते के बाद महिला को ज्यादा दर्द शूरू हो गया और ब्लड रूकने के साथ-साथ बी.पी. भी बढ़ने गया. महिला को लगा कि शायद उसके पेट में कुछ है. इसलिए महिला अपने मायके चली गई.
जब पीड़ित को पेट से बदबू और दर्द ज्यादा होने लगा तो वो अपने पिता के साथ पीजीआई चली गई, जहां पर डॉक्टरों ने उसे ठीक न होने की बात कही. वहीं, महिला की दोस्त नर्स ने जब चेक किया तो महिला के पेट में गौजपीस पाई गई. पीड़ित महिला और उसके परिजनों ने डॉक्टर और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
एम.एस लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि ऐसा कोई भी मामला उनके पास नहीं आया है. उन्होंने कहा कि अघर महिला के साथ इस तरह की घटना हुई है, तो डॉक्टर्स और स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.