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जयराम सरकार के बजट से बागवानों को आस, सब्सिडी की उठाई मांग

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Published : Mar 2, 2020, 12:43 PM IST

प्रदेश के किसानों और बागवानों को जयराम सरकार के बजट से काफी उम्मीदें हैं. बागवानों का कहना है कि सरकार सेब के पेड़ों में लगाई जाने वाली जालियों के लिए बजट में प्रावधान करें, जिससे लोगों को उनका पैसा वापस मिल सके.

Gardeners  expectations from the government's budget
प्रदेश सरकार के बजट से बागवानों को आस

शिमला/ठियोग: प्रदेश सरकार छह मार्च को वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेगी. प्रदेश के किसानों और बागवानों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. बागवानों का कहना है कि सरकार सेब के पेड़ों में लगाई जाने वाली जालियों के लिए बजट में प्रावधान करें, जिससे लोगों को उनका पैसा वापस मिल सके.

बागवानों का कहना है सरकार सब्सिडी देने की बात तो करती है लेकिन सब्सिडी तब मिलती है जब वो बैंक से कर्ज लेकर उसका ब्याज भरते-भरते थक जाते हैं. मतियाना के बागवानों का कहना है कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती है, लेकिन जिस हिसाब से खाद, दवाई और बीज महंगी हो रही है उससे तो किसानों का खर्च दोगुना हो गया है. वहीं, ठियोग के बागवानों का कहना है कि सरकार जालियों पर या अन्य उपकरणों पर जो सब्सिडी देती है, उसके लिए उन्हें 5 से 6 साल तक इंतजार करना पड़ता है.

वीडियोे रिपोर्ट

कोटखाई के बागवान संजीव चौहान की मानें तो सरकार को दवाइयों और खाद की जांच करनी चाहिए. कोई भी कंपनी बागवानों को कुछ भी बेच देती है. सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. संजीव चौहान का कहना है कि सेब के पौधों के लिए दी जाने वाली सब्सिडी दो या तीन महीनों में जारी होनी चाहिए, जिससे उनकी आय में इजाफा हो सके.

ये भी पढ़ें: नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए सुनहरा मौका, रोजगार पोर्टल पर हैं बंपर भर्ती

शिमला/ठियोग: प्रदेश सरकार छह मार्च को वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट पेश करेगी. प्रदेश के किसानों और बागवानों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. बागवानों का कहना है कि सरकार सेब के पेड़ों में लगाई जाने वाली जालियों के लिए बजट में प्रावधान करें, जिससे लोगों को उनका पैसा वापस मिल सके.

बागवानों का कहना है सरकार सब्सिडी देने की बात तो करती है लेकिन सब्सिडी तब मिलती है जब वो बैंक से कर्ज लेकर उसका ब्याज भरते-भरते थक जाते हैं. मतियाना के बागवानों का कहना है कि सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात करती है, लेकिन जिस हिसाब से खाद, दवाई और बीज महंगी हो रही है उससे तो किसानों का खर्च दोगुना हो गया है. वहीं, ठियोग के बागवानों का कहना है कि सरकार जालियों पर या अन्य उपकरणों पर जो सब्सिडी देती है, उसके लिए उन्हें 5 से 6 साल तक इंतजार करना पड़ता है.

वीडियोे रिपोर्ट

कोटखाई के बागवान संजीव चौहान की मानें तो सरकार को दवाइयों और खाद की जांच करनी चाहिए. कोई भी कंपनी बागवानों को कुछ भी बेच देती है. सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. संजीव चौहान का कहना है कि सेब के पौधों के लिए दी जाने वाली सब्सिडी दो या तीन महीनों में जारी होनी चाहिए, जिससे उनकी आय में इजाफा हो सके.

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