ETV Bharat / state

बागवानों को बर्फबारी से भारी नुकसान, सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग

author img

By

Published : Apr 27, 2021, 2:20 PM IST

शिमला में सरस्वती नगर से जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने सरकार से बागवानों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा देने की मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो हम भी आगामी दिनों में धरना प्रदर्शन और हड़ताल से गुरेज नहीं करेंगे.

बर्फबारी से सेब की फसल खराब
बर्फबारी से सेब की फसल खराब

शिमला: बेमौसमी बर्फबारी की वजह से बागवानों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, जिला शिमला में सरस्वती नगर से जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर बागवानों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला तो वो आगामी दिनों में धरना प्रदर्शन और हड़ताल से भी गुरेज नहीं करेंगे. उन्होंने मांग की है कि ऊपरी क्षेत्रों में बेमौसमी बर्फबारी और ओलावृष्टि से सब कुछ तबाह हो गया है. नुकसान का आकलन करना मुश्किल हो गया है.

बागवानों को नुकसान

बता दें कि कौशल मुंगटा युवा कांग्रेस के नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पेड़ जड़ से ही उखड़ गये हैं, तो कहीं ओलावृष्टि से पूरी फसल तबाह हो गयी है. अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है जिसकी 2 हजार से अधिक सेब की पेटियां होती थी, उस बागवान की फसल इस तरह तबाह हुई है कि इस वर्ष उसकी 50 पेटियां होना भी मुश्किल है. ऐसे में जिन लोगों की आर्थिकी सेब की फसल पर निर्भर है वो पूरी साल कैसे गुजर-बसर करेंगे, ये बड़ा सवाल है.

बर्फबारी से सेब की फसल खराब
बर्फबारी से सेब की फसल खराब

सरकार से उचित मुआवजे की मांग
कौशल मुंगटा ने सरकार से आग्रह किया है कि जो मुआवजे की राशि लोगों को मिलनी है. उसमें पारदर्शिता हो, क्योंकि जिसका करोड़ों का नुकसान हुआ है, उसे कुछ राशि देकर भरपाई नहीं हो सकती है. वहीं, केसीसी लिमिट पर लगने वाला ब्याज को भी सरकार को इस आपदाकाल में माफ कर देना चाहिये ताकि बागवान परेशान ना हों. मुंगटा ने कहा कि उनका पूरा वार्ड सेब बाहुल्य क्षेत्र में आता है. सभी लोग सेब पर ही निर्भर हैं. ऐसे में जब पूरी फसल ही तबाह हो गयी हो तो लोग कैसे अपना गुजर बसर करेंगे. सरकार को इसपर सोचना चाहिये और उचित मुआवजा और राहत प्रदान करनी चाहिये. मुंगटा का कहना है कि अगर बागवानों को मुआवजा देने में आनाकानी की गयी तो सरकार 2022 में अपना बोरिया बिस्तर भी तैयार रखें क्योंकि चुनाव बहुत नजदीक हैं. तब सरकार को बागवानों की याद जरूर आएगी.
ये भी पढ़ेंः मदद के लिए आगे आया हिमाचल, दिल्ली को दी जाएगी ऑक्सीजन

शिमला: बेमौसमी बर्फबारी की वजह से बागवानों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, जिला शिमला में सरस्वती नगर से जिला परिषद सदस्य कौशल मुंगटा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर बागवानों को उनके नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला तो वो आगामी दिनों में धरना प्रदर्शन और हड़ताल से भी गुरेज नहीं करेंगे. उन्होंने मांग की है कि ऊपरी क्षेत्रों में बेमौसमी बर्फबारी और ओलावृष्टि से सब कुछ तबाह हो गया है. नुकसान का आकलन करना मुश्किल हो गया है.

बागवानों को नुकसान

बता दें कि कौशल मुंगटा युवा कांग्रेस के नेता भी हैं. उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पेड़ जड़ से ही उखड़ गये हैं, तो कहीं ओलावृष्टि से पूरी फसल तबाह हो गयी है. अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है जिसकी 2 हजार से अधिक सेब की पेटियां होती थी, उस बागवान की फसल इस तरह तबाह हुई है कि इस वर्ष उसकी 50 पेटियां होना भी मुश्किल है. ऐसे में जिन लोगों की आर्थिकी सेब की फसल पर निर्भर है वो पूरी साल कैसे गुजर-बसर करेंगे, ये बड़ा सवाल है.

बर्फबारी से सेब की फसल खराब
बर्फबारी से सेब की फसल खराब

सरकार से उचित मुआवजे की मांग
कौशल मुंगटा ने सरकार से आग्रह किया है कि जो मुआवजे की राशि लोगों को मिलनी है. उसमें पारदर्शिता हो, क्योंकि जिसका करोड़ों का नुकसान हुआ है, उसे कुछ राशि देकर भरपाई नहीं हो सकती है. वहीं, केसीसी लिमिट पर लगने वाला ब्याज को भी सरकार को इस आपदाकाल में माफ कर देना चाहिये ताकि बागवान परेशान ना हों. मुंगटा ने कहा कि उनका पूरा वार्ड सेब बाहुल्य क्षेत्र में आता है. सभी लोग सेब पर ही निर्भर हैं. ऐसे में जब पूरी फसल ही तबाह हो गयी हो तो लोग कैसे अपना गुजर बसर करेंगे. सरकार को इसपर सोचना चाहिये और उचित मुआवजा और राहत प्रदान करनी चाहिये. मुंगटा का कहना है कि अगर बागवानों को मुआवजा देने में आनाकानी की गयी तो सरकार 2022 में अपना बोरिया बिस्तर भी तैयार रखें क्योंकि चुनाव बहुत नजदीक हैं. तब सरकार को बागवानों की याद जरूर आएगी.
ये भी पढ़ेंः मदद के लिए आगे आया हिमाचल, दिल्ली को दी जाएगी ऑक्सीजन

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.