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एक बार फिर खुला गेयटी थियेटर, एक साल बाद फिर से कलाकारों को मिलेगा मंच

गेयटी थियेटर में एक बार फिर से साहित्य कला और रंगमंच से जुड़ी हुई गतिविधियां शुरू होंगी. अब थियेटर के खुलने के बाद एक बार फिर से पर्यटकों को थियेटर के बारे में जानने का मौका मिलेगा. शहर में एक मात्र गेयटी थियेटर है जहां पर रंगमंच कला और साहित्य से जुड़े हुए आयोजन आए दिन होते रहते हैं.

Gaiety Theater open
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Published : Feb 26, 2021, 10:43 PM IST

शिमलाः राजधानी के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में एक बार फिर से साहित्य कला और रंगमंच से जुड़ी हुई गतिविधियां शुरू होंगी. भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से एक साल की लंबी अवधि के बाद गेयटी थियेटर को इन सभी आयोजनों के लिए खोल दिया गया है.

केंद्र और राज्य सरकार की तय एसओपी के आधार पर ही थियेटर को खोलने का फैसला विभाग की ओर से लिया गया है. इसी के तहत अब सभी तरह की गतिविधियां दोबारा से गेयटी थियेटर में करवाई जाएंगी. कोविड-19 की वजह से इस थियेटर में कला, साहित्य और रंगमंच से जुड़ी हुई सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी और थिएटर को बंद कर दिया गया था.

वीडियो.

कलाकारों को मिलेगा आयोजनों में भाग लेने का मौका

शहर में एक मात्र गेयटी थियेटर है जहां पर रंगमंच कला और साहित्य से जुड़े हुए आयोजन आए दिन होते रहते थे. ऐसे में इस थिएटर के बंद होने से कलाकारों को काफी नुकसान हुआ. कोविड-19 ने उन्हें घर बैठने के लिए मजबूर कर दिया. लेकिन जब विभाग की ओर से फिर से इस थियेटर को खोला जा रहा है तो कलाकारों को भी इन आयोजनों में भाग लेने का मौका मिलेगा.

यही वजह थी कि युवा कलाकार लंबे समय से यह मांग करते हुए नजर आ रहे थे कि शिमला के इस थिएटर को विभाग जल्द से जल्द खोलें. विभाग की ओर से जो एसओपी तय की गई हैं उसके आधार पर 50 फीसदी कैपेसिटी के साथ थियेटर को खोला जा रहा है. एसओपी गेयटी प्रबंधन के पास पहुंच चुकी है. अब उन्हें इंतजार है तो बस गेयटी में होने वाले आयोजनों की बुकिंग का.

गौथिक शैली में बना ऐतिहासिक गेयटी थियेटर पर्यटकों के लिए आकर्षण

बता दें कि शिमला में स्थित इस ऐतिहासिक गेयटी थियेटर का वजूद मात्र कला, साहित्य और रंगमंच से जुड़ी गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है. शिमला में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह थियेटर एक आकर्षण का केंद्र है. गौथिक शैली में बने इस थियेटर को देखने के लिए विदेशों और बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक उत्सुक रहते हैं. यही वजह भी है कि पर्यटक इस थियेटर को घूमने के साथ ही इसकी अद्भुत शैली के बारे में जानकारी लेते हैं.

साहित्यिक गतिविधियों के लिए खुला गेयटी थियेटर

अब थियेटर के खुलने के बाद एक बार फिर से पर्यटकों को थियेटर के बारे में जानने का मौका मिलेगा. हालांकि विभाग की ओर से गेयटी थियेटर को खोलने को लेकर जो आदेश जारी किए गए हैं उसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पर्यटकों को इस थियेटर में घुमाया जाएगा या नहीं. इस बात को लेकर गेयटी प्रबंधन की ओर से विभाग से स्थिति सपष्ट करने को कहा है.ऐसे में अभी पर्यटकों को इस थियेटर के इतिहास से रूबरू होने के लिए और इसकी अद्भुत शैली के बारे में जानने के लिए इंतजार करना होगा. लेकिन साहित्यिक गतिविधियों और रंगमंच से जुड़ी गतिविधियों के लिए गेयटी थियेटर एक बार फिर से खुल चुका है.

यह है इस थियेटर का इतिहास

साल 1887 में यह थियेटर को बनाया गया जो देश और प्रदेश के तमाम तरह के इतिहास को संजोए हुए हैं. ब्रिटिश आर्किटेक्ट हैनरी इरविन ने इस गेयटी थिएटर का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया. खास बात यह थी कि ब्रिटिश काल में जब शिमला समर कैपिटल थी. उस समय अंग्रेज शिमला में कल्चरल सेंटर बनाना चाहते थे.

इसी उद्देश्य से उन्होंने गेयटी थियेटर का निर्माण यहां किया. इस थिएटर को चलाने के लिए एमेच्योर ड्रामाटिक क्लब को भी शुरू किया गया था. यह क्लब तो वर्ष 1888 में शुरू हुआ लेकिन रानी विक्टोरिया के जुबली ईयर के कारण इस थिएटर को 30 मई 1887 को ही ओपन कर दिया गया था.

ये भी पढ़ें: राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के साथ अभद्र व्यवहार से तार-तार हुए देवभूमि के संस्कार, निशाने पर विपक्ष

शिमलाः राजधानी के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में एक बार फिर से साहित्य कला और रंगमंच से जुड़ी हुई गतिविधियां शुरू होंगी. भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से एक साल की लंबी अवधि के बाद गेयटी थियेटर को इन सभी आयोजनों के लिए खोल दिया गया है.

केंद्र और राज्य सरकार की तय एसओपी के आधार पर ही थियेटर को खोलने का फैसला विभाग की ओर से लिया गया है. इसी के तहत अब सभी तरह की गतिविधियां दोबारा से गेयटी थियेटर में करवाई जाएंगी. कोविड-19 की वजह से इस थियेटर में कला, साहित्य और रंगमंच से जुड़ी हुई सभी तरह की गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी और थिएटर को बंद कर दिया गया था.

वीडियो.

कलाकारों को मिलेगा आयोजनों में भाग लेने का मौका

शहर में एक मात्र गेयटी थियेटर है जहां पर रंगमंच कला और साहित्य से जुड़े हुए आयोजन आए दिन होते रहते थे. ऐसे में इस थिएटर के बंद होने से कलाकारों को काफी नुकसान हुआ. कोविड-19 ने उन्हें घर बैठने के लिए मजबूर कर दिया. लेकिन जब विभाग की ओर से फिर से इस थियेटर को खोला जा रहा है तो कलाकारों को भी इन आयोजनों में भाग लेने का मौका मिलेगा.

यही वजह थी कि युवा कलाकार लंबे समय से यह मांग करते हुए नजर आ रहे थे कि शिमला के इस थिएटर को विभाग जल्द से जल्द खोलें. विभाग की ओर से जो एसओपी तय की गई हैं उसके आधार पर 50 फीसदी कैपेसिटी के साथ थियेटर को खोला जा रहा है. एसओपी गेयटी प्रबंधन के पास पहुंच चुकी है. अब उन्हें इंतजार है तो बस गेयटी में होने वाले आयोजनों की बुकिंग का.

गौथिक शैली में बना ऐतिहासिक गेयटी थियेटर पर्यटकों के लिए आकर्षण

बता दें कि शिमला में स्थित इस ऐतिहासिक गेयटी थियेटर का वजूद मात्र कला, साहित्य और रंगमंच से जुड़ी गतिविधियों तक ही सीमित नहीं है. शिमला में घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए भी यह थियेटर एक आकर्षण का केंद्र है. गौथिक शैली में बने इस थियेटर को देखने के लिए विदेशों और बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटक उत्सुक रहते हैं. यही वजह भी है कि पर्यटक इस थियेटर को घूमने के साथ ही इसकी अद्भुत शैली के बारे में जानकारी लेते हैं.

साहित्यिक गतिविधियों के लिए खुला गेयटी थियेटर

अब थियेटर के खुलने के बाद एक बार फिर से पर्यटकों को थियेटर के बारे में जानने का मौका मिलेगा. हालांकि विभाग की ओर से गेयटी थियेटर को खोलने को लेकर जो आदेश जारी किए गए हैं उसमें यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि पर्यटकों को इस थियेटर में घुमाया जाएगा या नहीं. इस बात को लेकर गेयटी प्रबंधन की ओर से विभाग से स्थिति सपष्ट करने को कहा है.ऐसे में अभी पर्यटकों को इस थियेटर के इतिहास से रूबरू होने के लिए और इसकी अद्भुत शैली के बारे में जानने के लिए इंतजार करना होगा. लेकिन साहित्यिक गतिविधियों और रंगमंच से जुड़ी गतिविधियों के लिए गेयटी थियेटर एक बार फिर से खुल चुका है.

यह है इस थियेटर का इतिहास

साल 1887 में यह थियेटर को बनाया गया जो देश और प्रदेश के तमाम तरह के इतिहास को संजोए हुए हैं. ब्रिटिश आर्किटेक्ट हैनरी इरविन ने इस गेयटी थिएटर का निर्माण विक्टोरियन गोथिक शैली में किया. खास बात यह थी कि ब्रिटिश काल में जब शिमला समर कैपिटल थी. उस समय अंग्रेज शिमला में कल्चरल सेंटर बनाना चाहते थे.

इसी उद्देश्य से उन्होंने गेयटी थियेटर का निर्माण यहां किया. इस थिएटर को चलाने के लिए एमेच्योर ड्रामाटिक क्लब को भी शुरू किया गया था. यह क्लब तो वर्ष 1888 में शुरू हुआ लेकिन रानी विक्टोरिया के जुबली ईयर के कारण इस थिएटर को 30 मई 1887 को ही ओपन कर दिया गया था.

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