ठियोग: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर है. अनछुआ हिमाचल में हम आपको ऐसी ही जगहों से रूबरू करवाते हैं, जिन्हें पर्यटन की दृष्टि से देश के मानचित्र पर लाने की जरूरत है. आज अनछुआ हिमाचल की इस सीरीज में हम आपको जिला शिमला के ठियोग उपमंडल की केलवी पंचायत में स्थित गड़ाकुफर झील के बारे में बताने वाले हैं. ये झील प्राकृतिक सौंदर्य से सराबोर है.
वहीं, इस झील के साथ लगता खूबसूरत सरा मैदान चारों ओर हरियाली और घने देवदार के पेड़ों से सजा हुआ है. प्राकृतिक सौंदर्य को ओढ़े इस जगह में लोग अनूठी अनुभूति प्राप्त करते हैं. दिन भर की थकान यहां की शांति और सौंदर्य को देख कर ही दूर हो जाती है.
ये झील हिमाचल की प्रमुख प्राकृतिक झीलों में से एक है. गड़ाकुफर झील का अपना एक दैविक इतिहास रहा है. प्राचीन समय से इस झील को पवित्र माना जाता रहा है. इस झील के पानी का इस्तेमाल दैविक पूजा में किया जाता था. माना जाता है कि इस स्थान पर देवता स्नान करते थे और लोग भी तीर्थ यात्रा से वापिस लौट कर इस झील में स्नान कर ही घर में प्रवेश करते थे.
इस झील की सुंदरता पानी में तैरने वाली रंग बिरंगी मछलियों से भी बनी है. लोग इस झील में मछलियों को आटा देना शुभ मानते हैं. साथ ही गड़ाकुफर झील का जलस्तर लोगों के पीने के पानी का भी अच्छा जलस्त्रोत आज भी बना हुआ है.
इस झील के पानी का रिसाव निचले इलाकों में नालों के रुप में बहता है. इसे लोग पीने के साथ सिंचाई के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. बता दें कि इस झील का पानी तीन पंचायतों भराना, केलवी और धर्मपुर के लोगों का प्रमुख स्रोत है.
आधुनिकता के दौर में लोग देव परंपराओं के रीति रिवाज भूल रहे हैं. कुछ सालों पहले ये झील बिल्कुल सुख गयी थी और पानी के लिए लोगों में हाहाकार मच गया. तीनों पंचायतें भराना, केलवी और धर्मपुर सूखे की चपेट में आ गयी. कहा जाता है कि इसके बाद लोगों ने देव परंपराओं के रीति रिवाजों को माना और उसके बाद अब ये झील फिर से अपने अस्तित्व में आ रही है.
स्थानीय पंचायत के पूर्व में उप प्रधान रहे चेतराम कश्यप ने कहा कि ये जगह स्थानीय देवता कालू नाग देवता के मुख्य स्थलों में से एक है. यंहा पर देवता की जातर लगती है. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह भी गड़ाकुफर आए थे.
उन्होंने भी इसकी खूबसूरती को देखकर इसे पर्यटन की दृष्टि से बढ़ावा देने को कहा था, लेकिन उसके बाद भी सरकार ने इस जगह को तवज्जो नहीं दी. उन्होंने कहा कि सरकार के गड़ाकुफर की ओर ध्यान देने पर ये जगह पर्यटन की दृष्टि से उभरेगी.
वहीं, पर्यटकों का कहना है कि इस जगह को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि गड़ाकुफर झील के बारे में लोगों को जानकारी नहीं है. इसलिए इस जगह के बारे में लोगों को बताया जाना चाहिए. पर्यटकों ने कहा कि इस जगह में पानी और लाइट की सुविधा नहीं है. लाइट और पानी की सुविधा पर्यटकों को दिलवाने पर गड़ाकुफर में पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती है.
सर्दियों में बर्फ गिरने के बाद इसकी सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं. पूरी झील 2 महीने तक सफेद चादर से ढक जाती है, जिससे इसकी सुंदरता देखते ही बनती है. सर्दियों में प्राक्रतिक रूप से जमने वाली झील पर स्केटिंग की जा सकती है, लेकिन इस झील की तरफ सरकार और पर्यटन विभाग ने कभी कोई ध्यान नहीं दिया. ये झील पर्यटकों के लिए आकर्षण का एक मुख्य केंद्र बनकर उभर सकती है. इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के भी अच्छे अवसर मिल सकते हैं.
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