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सरकारी स्कूल SMC के नाम पर अभिभावकों से वसूल रहे फंड, FIR दर्ज

राजधानी शिमला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला में अलग-अलग फंड के नाम पर अभिभावकों से पैसे वसुलने का मामला सामने आया है. इसकी रसीद भी अभिभावकों को नहीं दी जा रही हैं, जिसके गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले अभिभावकों को परेशानी हो रही है.

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Published : Mar 15, 2020, 12:02 AM IST

Government school chota shimla money collection scam
सरकारी स्कूल SMC के नाम पर अभिभावकों से वसूल रहे फंड

शिमला: राजधानी शिमला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला में अलग-अलग फंड के नाम पर अभिभावकों से पैसे वसुलने का मामला सामने आया है. इसकी रसीद भी अभिभावकों को नहीं दी जा रही हैं, जिसके गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले अभिभावकों को परेशानी हो रही है.

बच्चों के अभिभावकों ने ही मामले का खुलासा किया है और स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. अभिभावकों का आरोप है कि छोटा शिमला स्कूल प्रबंधन छात्रों से अलग-अलग तरह के फंड कि मांग कर रहा है.

स्कूल की ओर से एसएमसी के फंड के लिए 300रुपये, बच्चों के आईकार्ड और अन्य फंड के नाम पर करीब 530 रुपये लिए जा रहे हैं. वहीं, जो बच्चे यह फीस नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें भी फीस लाने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

वीडियो

एक बच्ची के फीस न देने पर स्कूल टीचर ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और फीस जमा न करवाने पर प्रिंसिपल के समक्ष ले जाने की बात भी की. वहीं, स्कूल के इस पूरे मामले में अभिभावकों के हक में ह्युमन राइट्स एक्टिविस्ट सुनील जेटली आगे आए हैं.

उन्होंने कहा कि अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन से जो पैसे लिए गए थे वो भी वापिस दिलवाए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ अभिभावकों के उनके सामने अपनी परेशानी बताने पर उस महिला के साथ स्कूल गए और उन्होंने स्कूल की ओर से लिए गए 530 रुपयों की रसीद मांगी. इस पर स्कूल प्रिंसिपल ने रसीद दी. साथ ही 53 रुपए भी महिला को लौटा दिए और कहा कि यह पैसे ज्यादा ले लिए गए थे.

Government school chota shimla money collection scam
एसएमसी के नाम पर अभिभावकों से वसूला जा रहा फंड

सुनील जेटली ने कहा कि प्रदेश सरकार की एक अधिसूचना के अनुसार अभिभावक अपनी इच्छा से एसएमसी और वेल्फेयर फंड देते हैं. वहीं, अभिभावक बबली से यह कहा गया कि बच्चे को फीस देने पर ही एडमिशन भी दी जाएगी.

ह्युमन राइट्स एक्टिविस्ट सुनील जेटली के प्रिंसिपल से इस फंड को लेने की वजह पूछने पर प्रिंसिपल ने कहा कि स्कूल के खर्चे पूरे करने के लिए यह फंड लिया जाता है. वहीं, सफाई के नाम पर 100-100 रुपये हर बच्चे से लिए जा रहे हैं.

Government school chota shimla money collection scam
सरकारी स्कूल SMC के नाम पर अभिभावकों से वसूल रहे फंड, FIR दर्ज

अब सरकारी स्कूलों के इस घोटाले को लेकर सुनील जल्द ही पीआईएल उच्च न्यायालय में दर्ज करने जा रहे हैं. वहीं, बच्ची पर टीचर के हाथ उठाने पर अभिभावकों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी है.

इस पूरे मामले पर छोटा शिमला स्कूल की प्रिंसिपल मीरा शर्मा का कहना है कि इस तरह के कोई भी फंड स्कूल की ओर से नहीं लिए जा रहे हैं. यह एसएमसी का फंड है जो हर स्कूल में लिया जाता है. यह फैसला भी एसएमसी के ही जनरल हाउस में सभी अभिभावकों की सहमति से हुआ है. एसएमसी का यह फंड भी स्वैच्छिक निधि है जिसे अभिभावक अपनी मर्जी के अनुसार ही देते हैं.

उन्होंने कहा कि टीचर इस फंड को किसी अभिभावक और बच्चे से नहीं मांगते हैं, प्रिंसिपल मीरा शर्मा ने स्कूल में फीस के नाम पर किसी छात्रा को थप्पड़ मारने के आरोप को भी निराधार बताया और सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि उन्हें अभी मामले की जानकारी नहीं है. अगर किसी बच्चे को बेवजह मारा गया है, तो कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि एसएमसी अभिभावकों की ही एक बॉडी है. एसएमसी में किसी तरह के फंड का प्रावधान अभिभावकों की सहमति से ही किया जाता है, लेकिन अगर मामला कुछ ओर है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.

ये भी पढ़ें: सुक्खू का आरोप प्रदेश में है अदृश्य भ्रष्टाचार, कांगड़ा कॉपरेटिव बैंक के डूबने की जताई आशंका

शिमला: राजधानी शिमला में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला छोटा शिमला में अलग-अलग फंड के नाम पर अभिभावकों से पैसे वसुलने का मामला सामने आया है. इसकी रसीद भी अभिभावकों को नहीं दी जा रही हैं, जिसके गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले अभिभावकों को परेशानी हो रही है.

बच्चों के अभिभावकों ने ही मामले का खुलासा किया है और स्कूल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. अभिभावकों का आरोप है कि छोटा शिमला स्कूल प्रबंधन छात्रों से अलग-अलग तरह के फंड कि मांग कर रहा है.

स्कूल की ओर से एसएमसी के फंड के लिए 300रुपये, बच्चों के आईकार्ड और अन्य फंड के नाम पर करीब 530 रुपये लिए जा रहे हैं. वहीं, जो बच्चे यह फीस नहीं दे पा रहे हैं, उन्हें भी फीस लाने के लिए बाध्य किया जा रहा है.

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एक बच्ची के फीस न देने पर स्कूल टीचर ने उसे थप्पड़ जड़ दिया और फीस जमा न करवाने पर प्रिंसिपल के समक्ष ले जाने की बात भी की. वहीं, स्कूल के इस पूरे मामले में अभिभावकों के हक में ह्युमन राइट्स एक्टिविस्ट सुनील जेटली आगे आए हैं.

उन्होंने कहा कि अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन से जो पैसे लिए गए थे वो भी वापिस दिलवाए हैं. उन्होंने कहा कि कुछ अभिभावकों के उनके सामने अपनी परेशानी बताने पर उस महिला के साथ स्कूल गए और उन्होंने स्कूल की ओर से लिए गए 530 रुपयों की रसीद मांगी. इस पर स्कूल प्रिंसिपल ने रसीद दी. साथ ही 53 रुपए भी महिला को लौटा दिए और कहा कि यह पैसे ज्यादा ले लिए गए थे.

Government school chota shimla money collection scam
एसएमसी के नाम पर अभिभावकों से वसूला जा रहा फंड

सुनील जेटली ने कहा कि प्रदेश सरकार की एक अधिसूचना के अनुसार अभिभावक अपनी इच्छा से एसएमसी और वेल्फेयर फंड देते हैं. वहीं, अभिभावक बबली से यह कहा गया कि बच्चे को फीस देने पर ही एडमिशन भी दी जाएगी.

ह्युमन राइट्स एक्टिविस्ट सुनील जेटली के प्रिंसिपल से इस फंड को लेने की वजह पूछने पर प्रिंसिपल ने कहा कि स्कूल के खर्चे पूरे करने के लिए यह फंड लिया जाता है. वहीं, सफाई के नाम पर 100-100 रुपये हर बच्चे से लिए जा रहे हैं.

Government school chota shimla money collection scam
सरकारी स्कूल SMC के नाम पर अभिभावकों से वसूल रहे फंड, FIR दर्ज

अब सरकारी स्कूलों के इस घोटाले को लेकर सुनील जल्द ही पीआईएल उच्च न्यायालय में दर्ज करने जा रहे हैं. वहीं, बच्ची पर टीचर के हाथ उठाने पर अभिभावकों ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवा दी है.

इस पूरे मामले पर छोटा शिमला स्कूल की प्रिंसिपल मीरा शर्मा का कहना है कि इस तरह के कोई भी फंड स्कूल की ओर से नहीं लिए जा रहे हैं. यह एसएमसी का फंड है जो हर स्कूल में लिया जाता है. यह फैसला भी एसएमसी के ही जनरल हाउस में सभी अभिभावकों की सहमति से हुआ है. एसएमसी का यह फंड भी स्वैच्छिक निधि है जिसे अभिभावक अपनी मर्जी के अनुसार ही देते हैं.

उन्होंने कहा कि टीचर इस फंड को किसी अभिभावक और बच्चे से नहीं मांगते हैं, प्रिंसिपल मीरा शर्मा ने स्कूल में फीस के नाम पर किसी छात्रा को थप्पड़ मारने के आरोप को भी निराधार बताया और सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है.

वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा है कि उन्हें अभी मामले की जानकारी नहीं है. अगर किसी बच्चे को बेवजह मारा गया है, तो कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि एसएमसी अभिभावकों की ही एक बॉडी है. एसएमसी में किसी तरह के फंड का प्रावधान अभिभावकों की सहमति से ही किया जाता है, लेकिन अगर मामला कुछ ओर है तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी.

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