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सेबों के लिए अमृत साबित होगी दिसंबर माह की बर्फबारी, चिंतामुक्त हुए बागवान - fresh snowfall in kinnaur

दिसंबर माह की बर्फबारी के बाद किन्नौर के बागवनों ने ली राहत की सांस. इस बर्फबारी को किन्नौर में सेबों के लिए अमृत माना जाता है.

fresh snowfall in kinnaur
सेबों के लिए अमृत साबित होगी दिसंबर माह की बर्फबारी
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Published : Dec 12, 2019, 10:35 PM IST

किन्नौरः जिला किन्नौर में लगातार हो रही बर्फबारी से जहां मुसीबतों का दौर चल रहा है. वहीं, इस बर्फबारी को सेब के पौधों के लिए अमृत माना जा रहा है. ताजा बर्फबारी से बागवान काफी खुश हैं. दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ को पेड़ पौधों की दवा भी कहा जाता है.

किन्नौर के बागवानों का मानना है कि दिसंबर महीने में गिरने वाली बर्फ अन्य महीनों में गिरने वाली बर्फ से ज्यादा गुणवत्ता वाली बर्फ होती है और अधिक ठंडा बर्फ भी माना जाता है.

वीडियो रिपोर्ट.

दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ से खेतों में नुकसानदायक कीड़े-मकोड़े मर जाते है और सेब के पेड़ों की चिंलिग ऑवर व पेड़ों की बीमारियों को भी खत्म कर देती है.

बता दें कि दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ जमीन से अधिक समय के लिए चिपकी रहती है जिससे आने वाले वर्ष के लिए जमीन के अंदर लंबे समय तक नमी बनी रहती है. जबकि दूसरे महीनों में पड़ने वाली बर्फ जल्दी पिघल जाती है और नदी नालों में ग्लेशियर का खतरा अधिक रहता है.

किन्नौरः जिला किन्नौर में लगातार हो रही बर्फबारी से जहां मुसीबतों का दौर चल रहा है. वहीं, इस बर्फबारी को सेब के पौधों के लिए अमृत माना जा रहा है. ताजा बर्फबारी से बागवान काफी खुश हैं. दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ को पेड़ पौधों की दवा भी कहा जाता है.

किन्नौर के बागवानों का मानना है कि दिसंबर महीने में गिरने वाली बर्फ अन्य महीनों में गिरने वाली बर्फ से ज्यादा गुणवत्ता वाली बर्फ होती है और अधिक ठंडा बर्फ भी माना जाता है.

वीडियो रिपोर्ट.

दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ से खेतों में नुकसानदायक कीड़े-मकोड़े मर जाते है और सेब के पेड़ों की चिंलिग ऑवर व पेड़ों की बीमारियों को भी खत्म कर देती है.

बता दें कि दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ जमीन से अधिक समय के लिए चिपकी रहती है जिससे आने वाले वर्ष के लिए जमीन के अंदर लंबे समय तक नमी बनी रहती है. जबकि दूसरे महीनों में पड़ने वाली बर्फ जल्दी पिघल जाती है और नदी नालों में ग्लेशियर का खतरा अधिक रहता है.

Intro:किन्नौर न्यूज़ ।


दिसम्बर की बर्फबारी को माना जाता है सेब के पेड़ों के लिए अमृत,किंन्नौर के बागवान हुए खुश,अब सेब के पेड़ों में नही लगेगी कोई बुमारी,दिसम्बर की बर्फ होती है बीमारियों की दवा।




जिला किंन्नौर में लगातार हो रही बर्फबारी से जहाँ मुसीबतों का दौर गुज़रता रहता है वही इस बर्फबारी को किंन्नौर में अमृत माना जा रहा है और दिसम्बर में पड़ने वाली बर्फ़ को पेड़ पौधों की दवा भी कहा जाता है।




Body:किंन्नौर के बागवानों का मानना है कि दिसम्बर महीने में गिरने वाली बर्फ़ अन्य महीनों में गिरने वाली बर्फ से ज़्यादा गुणवत्ता वाली बर्फ़ होती है और अधिक ठंडा बर्फ़ भी माना जाता है।
दिसम्बर में पड़ने वाली बर्फ़ से खेतों में नुकसानदायक कीड़े मकोड़े मर जाते है और सेब के पेड़ों की चिलिग आवर व पेड़ो की बीमारियों को भी खत्म कर देती है।




Conclusion:बता दे कि दिसम्बर में पड़ने वाली बर्फ ज़मीन से अधिक समय के लिए चिपकी रहती है जिससे आने वाले वर्ष के लिए ज़मीन के अंदर लम्बे समय तक नमी बनी रहती है जबकि दूसरे महीनों में पड़ने वाली बर्फ़ जल्दी घल जाती है और नदी नालों में ग्लेशियर का खतरा अधिक रहता है।
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