किन्नौरः जिला किन्नौर में लगातार हो रही बर्फबारी से जहां मुसीबतों का दौर चल रहा है. वहीं, इस बर्फबारी को सेब के पौधों के लिए अमृत माना जा रहा है. ताजा बर्फबारी से बागवान काफी खुश हैं. दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ को पेड़ पौधों की दवा भी कहा जाता है.
किन्नौर के बागवानों का मानना है कि दिसंबर महीने में गिरने वाली बर्फ अन्य महीनों में गिरने वाली बर्फ से ज्यादा गुणवत्ता वाली बर्फ होती है और अधिक ठंडा बर्फ भी माना जाता है.
दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ से खेतों में नुकसानदायक कीड़े-मकोड़े मर जाते है और सेब के पेड़ों की चिंलिग ऑवर व पेड़ों की बीमारियों को भी खत्म कर देती है.
बता दें कि दिसंबर में पड़ने वाली बर्फ जमीन से अधिक समय के लिए चिपकी रहती है जिससे आने वाले वर्ष के लिए जमीन के अंदर लंबे समय तक नमी बनी रहती है. जबकि दूसरे महीनों में पड़ने वाली बर्फ जल्दी पिघल जाती है और नदी नालों में ग्लेशियर का खतरा अधिक रहता है.